Wednesday, December 19, 2012

रेलयात्रा के लिए पहचान-पत्र बना अनिवार्य

विशेष लेख:रेलवे                                                                         - दिलीप कुमार
Courtesy Photo:Desi Edition
भारतीय रेल देष के नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। विशाल नेटवर्क एवं आरामदेह यात्रा समुचित दर पर सुलभ कराने के अपने गुण के कारण रेलवे को लोग देश की जीवन-रेखा भी मानते रहे हैं। यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा लगभग आठ हजार नियमित गाडि़यों के अलावा समय-समय पर विशेष गाडि़यों का परिचालन भी किया जाता रहा है। वस्तुतः रेलवे मुस्कान के साथ यात्रियों की सेवा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है । लेकिन कई बार खास अवसरों पर रेलगाडि़यों में भीड़ काफी बढ़ जाती है। ऐसे अवसरों पर टिकटों की कालाबाजारी की बातें भी सामने आती रहती हैं। रेलवे ने अपनी टिकटिंग प्रणाली को कालाबाजारों और दलालों से मुक्त रखने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। इन प्रयासों में रेल यात्रा के दौरान परिचय-पत्र को अनिवार्य बनाना सबसे विषिष्ट प्रयास रहा है।
       रेलवे द्वारा सबसे पहले ई-टिकट में परिचय पत्र को अनिवार्य किया गया था। उसके बाद रेलवे ने दिनांक 16.01.2012 को जारी रेलवे बोर्ड के परिपत्र सं0 04/2012 द्वारा 15.02.2012 से सभी वातानुकूलित श्रेणी में सामान्य एवं इंटरनेट से आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को अपने साथ परिचय पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया। इसके लिए रेलवे ने अपने साफ्टवेयर में बदलाव लाया और टिकटों पर पहचान-पत्र संख्या का मुद्रण प्रारंभ किया गया। प्रारंभ में व्यवस्था थी कि एक से अधिक यात्रियों वाले आरक्षित टिकट पर किसी एक यात्री के परिचय पत्र का नंबर दर्ज होगा और उस परिचय पत्र वाले यात्री के यात्रा करने पर ही अन्य यात्रियों का टिकट वैध माना जायेगा। बाद में इस व्यवस्था में बदलाव लाते हुए आरक्षित टिकट पर दो यात्रियों के परिचय पत्र संख्या मुद्रित करने का प्रावधान किया गया ताकि किसी कारणवश यदि एक यात्री अपनी यात्रा रद्द कर देते हैं तो टिकट के दूसरे यात्री के परिचय-पत्र का मिलान एवं जांच करके पूरे दल को यात्रा की अनुमति दी जा सके। उस समय यात्री आरक्षण प्रणाली और इंटरनेट से लिये गये सभी वातानुकूलित वर्ग जिसमें तृतीय वातानुकूलित श्रेणी, द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी, प्रथम वातानुकूलित श्रेणी, एसी चेयर कार और एक्सक्यूटिव क्लास शामिल है में यात्रा करने के लिए रेलवे द्वारा स्वीकृत नौ पहचान पत्रों  में से किसी एक पहचान पत्र का यात्री के साथ होना अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन कई लोगों ने इस आधार पर कि रेलवे के आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले करीब 80 फीसदी यात्री स्लीपर क्लास में यात्रा करते हैं, इसलिए सिर्फ वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र को अनिवार्य करने से टिकटों की कालाबाजारी पर रोक नहीं लगेगी। बल्कि स्लीपर क्लास में भी परिचय पत्र की अनिवार्यता आवश्यक है। वस्तुतः रेलवे द्वारा फरवरी में लागू की गई व्यवस्था को पहले कदम के रूप में देखा जाना चाहिए था। क्योंकि भारत जैसे विषाल देष में किसी भी योजना को व्यापक पैमाने पर लागू करने से पहले उसे छोटे स्तर पर लागू करके उसके परिणाम को देख लेना जरूरी होता है। देशवासियों ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता वाली व्यवस्था का तहेदिल से स्वागत किया  था। प्रारंभ में इससे कुछ यात्रियों को परेशानी भी हुई थी लेकिन बाद में सभी ने माना कि परिचय पत्र की अनिवार्यता न सिर्फ टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक है अपितु इस व्यवस्था से सुरक्षित रेल यात्रा में भी मदद मिलती है। मीडिया द्वारा भी वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता संबंधी रेलवे के नियमों की प्रशंसा की गई थी।
       भारतीय रेल ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र के अनिवार्यता की सफलता के बाद 01 नंवबर 2012 को जारी वाणिज्य परिपत्र सं0 68 द्वारा 01 दिसंबर 2012 के प्रभाव से रेलवे के किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए भारतीय रेल से मान्यता प्राप्त 10 पहचान पत्रों में से किसी 01 पहचान पत्र का यात्रा के दौरान यात्री के पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहचान यात्रा टिकट पर बुक किये गये यात्रियों में से किसी एक के पास अवश्य ही होनी चाहिए । हालांकि तत्काल योजना के तहत टिकट लेने वाले यात्रियों के पास वही पहचान पत्र होनी चाहिए जिसका उल्लेख टिकट खरीदते समय उनके द्वारा किया गया हो और जिसका नंबर टिकट पर अंकित हो । भारतीय रेल ने फिलहाल जिन 10 पहचान पत्रों को मान्यता प्रदान की है, वे इस प्रकार हैं:-
1.    निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा जारी मतदाता पहचान-पत्र,
2.    आयकर विभाग द्वारा निर्गत पैन कार्ड,
3.    पासपोर्ट,
4.    आर.टी.ओ. द्वारा निर्गत ड्राइविंग लाइसेंस,
5.    भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्गत सीरियल नंबर युक्त फोटो पहचान-पत्र,
6.    मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज, जिसका वह छात्र है द्वारा निर्गत फोटो पहचानपत्र,
7.    राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा निर्गत फोटो सहित पासबुक,
8.    बैंकों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त लेमिनेटेड क्रेडिट कार्ड
9.    यूनिक पहचान पत्र ‘आधार’
10.  केन्द्र/राज्य सरकार के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, जिला प्रशासन, नगरपालिका संगठन और पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, जिसमें सीरियल नंबर हो ।
       रेलवे ने यात्रियो को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र की अनिवार्यता बताने के लिए अपने स्तर पर प्रयास चालू कर दिया है। टिकट चेकिंग कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि इस प्रावधान को पूरी तरह से लागू करें। वस्तुतः यह प्रावधान जनहित में है और सभी को इसे लागू करने में सहयोग करना चाहिए। (PIB)   19-दिसंबर-2012 15:18 IST
*इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।
मीणा/सुमन-299
पूरी सूची.19.12.2012


Tuesday, December 18, 2012

रेल परिसरों में स्वच्छता और स्वास्थ्य

प्रभावित करने वाली गतिविधियों पर रोक के लिए बनाये नियम
नियमों का उल्लंघन करने वाले पर 500 रुपये तक का जुर्माना 
रेल मंत्रालय ने रेल परिसरों में स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली गतिविधियों को निषेध करने से संबंधि‍त नियमों की अधिसूचना जारी की है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। भारतीय रेल (रेल परिसरों ने स्वच्छता को प्रभावित करने वाली गतिविधियों के लिए जुर्माने) नियम 2012 को दिनांक 26 नवंबर 2012 की गजट अधिसूचना संख्या जीएसआर 846 (ई) के अनुरूप भारत के विशेष राजपत्र, भाग-2, धारा-3, उप-खंड (1) में अधिसूचित किया गया है। इन अधिसूचित नियमों के अंतर्गत, कोई भी व्यक्ति (1) रेलवे परिसरों के अधिकृत और अनाधिकृत क्षेत्र में किसी प्रकार का कूड़ा या गंदगी नहीं फैंकेगा (2) रेल परिसरों में खाना बनाना, नहाना, थूकना, लघुशंका, पक्षियों और पशुओं को पालना, वाहनों की मरम्मत और धुलाई, बर्तन अथवा कपड़े धोना, किसी भी तरह की वस्तुओं का भंडारण करना किसी खास परिस्थिति में प्रदान की गयी सुविधाओं अथवा प्रयोजनों के अलावा निषेध है (3) रेल परिसर में बिना किसी वैध अधिकार के इसके किसी डिब्बे अथवा स्थान पर पोस्टर चिपकाना, लिखना, अथवा चित्र बनाना (4) रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचना भी निषेध है 
अधिकृत विक्रेता, रेड़ीवाले अपने कूड़े और कचरे के उचित निपटान के लिए कंटेनर अथवा कूड़ेदान की आवश्यक व्यवस्था करेंगे। 

जो कोई भी इन नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करता है अथवा इन प्रावधानों का पालन करने में असफल रहता है उसे 500 रुपये तक के जुर्माने के साथ दंडित किया जाएगा। 

इन नियमों में उल्लि‍खित जुर्मानों को एकत्र करने के लिए अधिकृत अधिकारी इस प्रकार हैः- 

1. स्टेशन मास्टर अथवा स्टेशन प्रबंधक 

2. वाणिज्य विभाग के टिकट कलेक्टर के रैंक के समकक्ष एक अधिकारी अथवा संचालन विभाग के समकक्ष रैंक का एक अधिकारी 

3. इन नियमों को लागू करने के उद्देश्य से रेल प्रशासन द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी 
इन नि‍यमों को केन्‍द्र सरकार ने रेल अधि‍नि‍यम, 1989 (1989 के 24) के खण्‍ड 198 के खण्‍ड 60 के भाग (जी) के उप-खण्‍ड (2) और उप-खण्‍ड (3) द्वारा प्रदत्‍त अधि‍कारों का प्रयोग करते हुए तैयार कि‍या गया है। (PIB) 17-दिसंबर-2012 20:00 IST

वि.कासोटिया/संजीव/मीना —6158

Saturday, December 15, 2012

संसद में सवाल जवाब

2 जोड़ी एसी डबल डेकर सेवाओं की घोषणा की गई 
रेल मंत्रालय में राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेड्डी ने भीड-भाड वाले रेलमार्गों पर डबल डेकर रेलगाडियां चलाने के बारे में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में आज राज्‍य सभा में बताया कि 2012-13 के रेल बजट में निम्‍नलिखित 2 जोड़ी एसी डबल डेकर सेवाओं की घोषणा की गई है:- 1. 22625/22626 चेन्‍नै-बेंगलोर एसी डबल डेकर एक्‍सप्रेस (प्रतिदिन)। 
2. 22183/22184 हबीबगंज-इंदौर एसी डबल डेकर एक्‍सप्रेस (प्रतिदिन)। 
उन्‍होंने यह भी बताया कि डबल डेकर सेवाओं सहित नई गाड़ी सेवाएं शुरू करना एक सतत् प्रक्रिया है बशर्ते कि परिचालनिक व्‍यवहार्यता, यातायात औचित्‍य, संसाधनों की उपलब्‍धता हो। (PIB)  14-दिसंबर-2012 16:57 IST
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वि.कासोटिया/इंद्रपाल/रामकिशन-6111

Sunday, December 2, 2012

डबल स्‍टैक कंटेनर रेलगाडियां

30-नवंबर-2012 20:32 IST
                       Courtesy Photo 
रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने आज राज्‍य सभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि निम्‍नलिखित सेक्‍शनों पर भारतीय रेलें, कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा परिचालित डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़यां चलाती हैं: 1. रेवाड़ी, रींगस, फुलेरा, पालनपुर, गांधीधाम और अधीपुर के रास्‍ते गढ़ी हरसरू (गुडगांव के निकट) और मुंदड़ा पोर्ट के बीच, 
2. रेवाड़ी रींगस, फुलेरा, पालनपुर, वीरमगाम और सुरेंद्रनगर के रास्‍ते गढ़ी हरसरू (गुडगांव के निकट) और पिपावाव पोर्ट के बीच, 
3. फुलेरा, पालनपुर, गांधीधाम और अधीपुर के रास्‍ते कनकपुरा (जयपुर के निकट) और मुंदडा पोर्ट के बीच, 
4. फुलेरा, पालनपुर, वीरमगाम और सुरेंद्रनगर के रास्‍ते कनकपुरा (जयपुर के निकट) और पिपावाव पोर्ट के बीच, 
कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा परिचालित डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़यां गुजरात राज्‍य में स्थित मुंदडा पोर्ट और पिपावाव पोर्ट से राजस्‍थान एवं हरियाणा राज्‍यों में स्थित गंतव्‍य स्‍थलों तक नियमित रूप से चलाई जाती हैं। डबल स्‍टैक परिचालन पर इस समय उन सेक्‍शनों पर प्रतिबंध है, जो डीजल कर्षण पर परिचालित हैं। शिरोपरि उपस्‍करों के साथ वास्‍तविक बाधाओं के कारण मौजूदा विद्युतीकृत क्षेत्र में डबल स्‍टैक कंटेनर गाड़ी का परिचालन संभव नहीं है। बहरहाल, इस अवरोध से निपटने के लिए शिरोपरि उपस्‍कार के डिजाइन में विशेष व्‍यवस्‍था करने की योजना बनाई गई है ताकि विद्युतीकृत पश्चिमी समर्पित माल गलियारे में डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़या चलाना संभव हो सके। 
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वि.कासोटिया\यादराम\रामकिशन-5684

Saturday, December 1, 2012

रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र

पिछले 3 वर्षों में 8 परियोजनाएं पूरी
                                                                                                                                               Courtesy Photo 
रेल राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेड्डी ने आज राज्‍यसभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में बताया कि क्रिस में तैनात तथा कार्यरत कुल स्‍टॉफ/कर्मचारियों की संख्‍या 822 है। क्रिस द्वारा पिछले तीन वर्षों से अब तक 21 परियोजनाएं शुरू की गई थीं। पिछले 3 वर्षों में 8 परियोजनाएं पूरी हो गई थीं तथा फिलहाल 42 परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। 
उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रत्‍येक परियोजना ग्रुप में परियोजना की विशिष्‍ट आवश्‍यकताओं के आधार पर परियोजना प्रबंधक प्रत्‍येक कर्मचारी रखे जाते हैं। प्रत्‍येक परियोजना के लिए अपेक्षित मानव संसाधन की संख्‍या तथा‍ किस्‍म इसके विशिष्‍ट विकास/कार्यान्‍वयन मॉडल तथा उस चरण पर निर्भर करती है जिस पर परियोजना अपने जीवनचक्र में हो। स्‍टॉफ/कर्मचारियों की समग्र संख्‍या प्रत्‍येक परियोजना की आवश्‍यकताओं पर निर्भर करती है। (PIB)    30-नवंबर-2012 17:48 IST

मीणा/बिष्‍ट/सुमन-5668

Monday, November 26, 2012

रेल क्षेत्र

26-नवंबर-2012 20:03 IST
भारत और चीन ने किए सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर
भारत और चीन ने रेलवे में तकनीक सहयोग के बारे में आज एक सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर किए। सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर भारत की ओर से रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री विनय मित्‍तल और चीन की तरफ से वहां रेल मंत्रालय में उपमंत्री श्री लॉन्‍ग झिग्‍युओ ने किया। 

सहमति-पत्र के अनुसार, दोनों देश द्रुत गति रेल, भारी वस्‍तुओं की ढुलाई और रेलवे स्‍टेशनों के विकास सहित रेल तकनीक के विभिन्‍न क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ाएंगे। दोनों पक्ष नीतियों की जानकारी प्रशिक्षण एवं विनियम कार्यक्रम, परियोजना स्‍थलों का दौरा, आदि क्षेत्र में आदान-प्रदान के आधार पर काम करेंगे। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि भारत-चीन राजनीतिक आर्थिक वार्तालाप के तहत गठित इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कार्य दल के तहत ही भविष्‍य में रेल क्षेत्र में सहयोग करेंगे। भारत और चीन के बीच ये समझौता हस्‍ताक्षर होने की तारीख से अगले 5 साल के लिए लागू होगा। (PIB)


वि.कासोटिया/अनिल/सुनील-5552               रेल क्षेत्र

Saturday, November 24, 2012

रेल मंत्रालय के प्रस्ताव की स्वीकृति

रेल संपर्क और क्षमता वृद्धि परियोजनाओं के लिए सहभागी मॉडल
बुनियादी ढांचे पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) ने रेल संपर्क और क्षमता वृद्धि परियोजनाओ में निजी भागीदारी के लिए नीतिगत रुपरेखा संबंधी रेल मंत्रालय के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है। 

गैर-सरकारी रेलवे, रेलवे द्वारा इक्विटी भागीदारी के साथ संयुक्त उपक्रम, उपभोक्ताओं द्वारा निधियन से क्षमता वृद्धि, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) तथा बीओटी वार्षिक भत्ता नामक मॉडल नीति के तहत शामिल हैं। बाद के दो मॉडल (बीओटी तथा बीओटी वार्षिक भत्ता) के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा पीपीपी-एसी मार्ग के जरिए वित्त मंत्रालय द्वारा तय किए गए मौजूदा मूल्य निरुपण तथा स्वीकृत प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। इन सभी मॉडलों के संदर्भ में मॉडल सहमति का निर्माण किया जाएगा। इससे देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान होगा 

इससे सार्वजनिक निजी भागीदारी बढ़ाने तथा रेलवे को माल ढुलाई में मदद मिलेगी । इसके साथ ही प्रभावी रेल परिवहन से उद्योगों को फायदा होगा।  
(PIB)  23-नवंबर-2012 13:09 IST

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मीणा/विजयलक्ष्मी-5482

Friday, November 23, 2012

आरक्षित सवारी डिब्‍बों में यात्रा

पहचान के निर्धारित प्रमाण की संख्‍या नौ से बढ़कर दस 
23-नवंबर-2012 20:05 IST
रेल राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेडडी ने आज राज्‍य सभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि 01.12.2012 से किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए टिकट दर्ज किसी एक यात्री को पहचान के निर्धारित प्रमाणों में से एक दिखाना होगा और ऐसा न होने पर यात्री को बिना टिकट समझा जाएगा और तदनुसार, प्रभार लगाया जाएगा। 

उन्‍होंने बताया कि बहरहाल, इस प्रावधान से तत्‍काल योजना के मौजूदा प्रावधान पर असर नहीं पड़ेगा जहां यात्रा के दौरान यात्री टिकट पर दर्शाए पहचान के मूल प्रमाण को दिखाना आवश्‍यक होता है। 

उन्‍होंने बताया पहचान के निर्धारित प्रमाणों की सूची में निम्‍नलिखित पहचान कार्ड को जोड़कर पहचान के निर्धारित प्रमाण की संख्‍या नौ से बढ़कर दस हो गई है:- 

“राज्‍य/केंद्रीय सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जिला प्रशासन, नगर निकायों और पहचान प्रशासन द्वारा जारी क्रमांक फोटो पहचान पत्र। “ (PIB)

वि‍.कासोटि‍या/संजीव/पवन-5501

Thursday, November 22, 2012

भारतीय रेलगाडि़यों और स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छता

स्‍वच्‍छता में और सुधार लाने के लिए एक बहुस्‍तरीय रणनीति तैयार 
विेशेष लेख:रेलवे                                                                  एच.सी.कंवर
    स्‍वच्‍छता के स्‍तर को और बढ़ाने के उद्देश्‍य से भारतीय रेलवे ने प्रौद्योगिकी, प्रयोग करने वालों को शिक्षा और यांत्रिक उपकरणों का प्रावधान कर एक बहुस्‍तरीय रणनीति तैयार की है। इसके लिए कई उपाय किये गये है, जिनमें स्‍वच्‍छता प्रक्रिया के लिए यांत्रिकी का प्रयोग, कुड़ा-करकट को हटाने के लिए ठेका देना, भुगतान और प्रयोग शौचालय योजना जैसे उपाय शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त रेलवे के विभिन्‍न अधिकारियों द्वारा स्‍टेशनों पर की जाने वाली सफाई की निगरानी, कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर आवश्‍यक उपाय करना शामिल हैं। रेलवे स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छता की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए गत चार वर्षो के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य मलेरिया निरीक्षक के अतिरिक्‍त पदों का सृजन किया गया है।

     रेल कोचों में सफाई के स्‍तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। रेलगाडि़यों में साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्‍नलिखित कदम पहले उठाये जा चुके हैं।

     व्‍यवसायिक एजेंसियों के जरिये कोचिंग डिपों में कोचों की गहन यंत्रचालित स्‍वच्‍छता की जा रही है। उच्‍च दाब वाले जेट क्‍लीनर, फर्श रगड़ने वाले उपकरण, निर्वात पम्‍प से सफाई करने वाले भारी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।

     फिलहाल इस कार्य के लिए 115 डिपों की पहचान की गई है और विभिन्‍न क्षेत्रीय रेलवे के 89 कोच डिपों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है।

     राजधानी, शताब्‍दी, दुरन्‍तो एवम् अन्‍य लंबी दूरी की महत्‍वपूर्ण मेल/एक्‍सप्रेस रेलगाडि़यों के परिचालन के दौरान कोच शौचालय, दरवाजे, गलियारे और या‍त्री कक्ष की साफ-सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाऊसकिपिंग योजना(ओबीएचएस) चलाई जा रही है।

     ओबीएचएस सेवा प्रदान करने के लिए 535 रेलगाडि़यों की पहचान की गई है। यह योजना 335 जोड़ी यात्री रेलगाडि़यों में चलाई जा रही है।

चिन्ह्ति ‘’क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशनों’’ पर रूकने वाले चिन्ह्ति ट्रेनों में शौचालयों, गलियारों और दरवाजों की साफ-सफाई, सुनिश्चित करने के लिए क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशन योजना चलाई जा रही है। रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्‍न्‍क्षेत्रीय रेलवे में 30 क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशनों की पहचान की गई है। इनमें से 28 स्‍टेशनों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है और ये कार्यान्‍वयन में हैं।

कपड़ों की साफ-सफाई के लिए यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना - कपड़ों और बिस्‍तरों की सफाई की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए 54 ठिकानों की पहचान यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना के लिए की गई है। इनमें से 29 लांड्रियों का प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा, जबकि 21 लांड्रियों का प्रबंधन बाहरी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। 16 जगहों पर यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना पहले ही की जा चुकी है। अन्‍य 7 जगहों पर लांड्री की स्‍थापना के लिए ठेके की प्रक्रिया काफी आगे है और 12 जगहों के लिए निविदा की प्रक्रिया की जा रही है।

रेलगाडि़यों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम – भारतीय रेलवे के 127 चिन्ह्ति कोचिंग डिपों में से 125 कोचिंग डिपों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम के लिए पहले ही अनुबंध दिये जा चुके है। हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम की प्रभाविकता में सुधार लाने के लिए उपायों की लगातार समीक्षा की जा रही है। सबसे बड़ी समस्‍या कोचिंग डिपो और स्‍टेशन यार्डो में खड़ी कोचों में हानिकारक कीटों और चूहों का प्रवेश करना है।

रेलगाडि़यों में स्‍वच्‍छता के स्‍तर में सुधार लाने के लिए कमजोर क्षेत्रों की निगरानी को और बढ़ाया जाएगा।

स्‍टेशनों की साफ-सफाई

     यात्रियों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए, स्‍टेशनों पर साफ-सफाई प्रबंधन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि भारतीय रेलवे स्‍टेशनों पर साफ-सफाई का स्‍तर सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रहा है।

रेलवे स्‍टेशनों पर साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्‍नलिखित कदम उठाये गये है :-

·         अधिक से अधिक यंत्रचालित उपकरणों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा स्‍वच्‍छता के स्‍तर में सुधार लाने के लिए बेहतर सफाई कर्मचारियों का उपयोग किया जा रहा है। स्‍क्रबर, उच्‍च दाब वाले जेट क्‍लीनर और झाडू जैसे मशीनों की आपूर्ति के लिए ठेके दिये जा रहे है। स्टेशनों पर प्‍लेटफार्म लाइन पर जेट क्‍लीनिंग व्‍यवस्‍था के साथ धुलने योग्‍य एप्रॉन भी उपलब्‍ध कराये जा रहे हैं।   (PIB)       05-नवंबर-2012 15:52 IST

मीणा/आनंद/गीता-277

Wednesday, November 21, 2012

रेल की आय 23.76 प्रतिशत बढ़ी

अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से बढ़ी रेल की आय 
अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से रेल को 47063.59 करोड़ रुपये की आय प्राप्‍त हुई जो पिछले वर्ष की इसी अवधि‍ के दौरान होने वाली 37392.97 करोड़ रुपये की आय से 25.86 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान रेल ने 565.37 मिलियन टन जिंसों की ढुलाई की जो पिछले वर्ष की इसी अवधि‍ की दौरान 536.92 मिलियन टन ढुलाई की तुलना में 5.30 प्रतिशत अधिक है। 

अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से रेल को कुल 7174.64 करोड़ रुपये की आय हुई। इसमें से 41.37 मिलियन टन कोयले की ढुलाई से उसे 3134.64 करोड़ रुपये की आय हुई। इसके अलावा 8.67 मिलियन टन निर्यात के लिए लोहे अयस्‍क की ढुलाई से 523.67 करोड़ रुपये की, इस्‍पात संयंत्रों और अन्‍य घरेलू उपयेाग के लिए 8.91 मिलियन टन सीमेंट की ढुलाई से 714.14 करोड़ रुपये की आय, पेट्रोलियम तेल और चिकनाई वाले पदार्थों की 3.54 मिलियन टन ढुलाई से 415.21 करोड़ रुपये की आय, उर्वरकों की 5.20 मिलियन टन की ढुलाई से 580.98 करोड़ रुपये की आय हुई। 
20-नवंबर-2012 18:21 IST
वि.कासोटिया/अरूण/रामकिशन-5414

Saturday, October 27, 2012

रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग

26-अक्टूबर-2012 19:53 IST
भारत और स्‍पेन ने किए एक समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्‍ताक्षर
सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा रेल मंत्री डॉ. सी पी जोशी और स्‍पेन की सार्वजनिक कार्य एवं परिवहन मंत्री सुश्री एना पास्‍टर जुलियन ने आज रेलवे सेक्‍टर के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर एक समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय रेल और स्‍पेन के एडीआईएफ (स्‍पैनिश रेलवे इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर मैंनेजर) और आरईएनएफई-ओपराडोरा के बीच किया गया है। 
इस समझौते ज्ञापन पत्र के अंतर्गत दोनों देश तीव्रगति रेलों, वर्तमान पटरियों पर यात्री रेलों की गति में सुधार, रेल अभियानों की सुरक्षा में सुधार, रोलिंग स्‍टाक का आधुनिकीकरण, रेल पटरी, पुल, सुरंग, ओएचई, बिजली आपूर्ति प्रणाली, सिग्‍नल और दूरसंचार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निर्माण और रखरखाव तकनीकी तथा रेल से संबंधित तकनीकी विकास से जुड़े अन्‍य सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देंगे।                       (PIB)
वि.कासोटिया/संजीव/दयाशंकर – 5100

Friday, October 12, 2012

विशेष ट्रेनों द्वारा 4000 से अधिक फेरे लगाए जाएंगे

11-अक्टूबर-2012 19:05 IST
त्‍यौहारों के दौरान यात्रियों के आवागमन के लिए रेलवे के प्रबंध
भारतीय रेल अक्‍तूबर, 2012 से नवंबर 2012 के मध्‍य त्‍यौहारों के दौरान यात्रियों के अतिरिक्‍त भीड़ को आवागमन उपलब्‍ध कराने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। इस अवधि के दौरान विशेष ट्रेनों द्वारा 4000 से अधिक फेरे लगाए जाएंगे। इन विशेष ट्रेनों की योजना पूरे देशभर में फैले रेलवे के सभी मंडल कार्यालयों द्वारा 35 विभिन्‍न प्रचलित मार्गों पर की गई है। इसके अतिरिक्‍त नियमि‍त ट्रेनों में भी आवश्‍यकता होने पर अतिरिक्‍त डिब्‍बों की व्‍यवस्‍था की जाएगी। इनमें से छह ट्रेनें अनारक्षित, 12 पूर्णत: वातानुकूलित और चार सुपरफास्‍ट श्रेणी की होगी। ये विशेष ट्रेनें नई दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, बैंगलोर, जम्‍मू तवी, जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, पटना, चंडीगढ़, चेन्‍नई, रक्‍सौल, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर, वाराणसी, दरभंगा, पुरी, इंदौर, सिकंदराबाद आदि शहरों को एक दूसरे से जोड़ेंगी। 

रेलवे के क्षेत्रीय मंडलों और कार्यालयों द्वारा यात्रियों को इस दौरान सहायता पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। विशेष ट्रेनों के बारे में स्‍थानीय स्‍तर पर पर्याप्‍त जानकारी दी गई है। 

विशेष ट्रेनों के बारे में जानकारी रेलवे की वेबसाइट www.indianrailways.gov.in और संबंधित क्षेत्रीय रेलवे मंडलों की वेबसाइट पर भी उपलब्‍ध है। (PIB)

Monday, October 8, 2012

भारतीय रेल

08-अक्टूबर-2012 16:36 IST
सुरक्षित यात्रा के लिए बहुआयामी रणनीति:कई नई योजनायें 
                                                                                                                                                    Courtesy Photo
भारतीय रेलवे सुरक्षित, तेज, स्‍वच्‍छ और आरामदायक यात्री रेलगाडि़यां प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रहा है। बजट में की गई घोषणा के अनुसार 350 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने वाली रेलगाडि़यां (जिन्‍हें आमतौर पर बुलेट ट्रेन कहा जाता है) चलाने की संभावनाओं का अध्‍ययन कराने के लिए सात गलियारों की पहचान की गई है। ये गलियारे सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये स्‍थापित किये जाएंगे। जापान की मदद से दिल्‍ली-मुंबई मार्ग पर रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए एक अध्‍ययन किया जा रहा है जिसे सेमी हाई स्‍पीड नाम दिया गया है। 

इसके साथ ही भारतीय रेलवे 130-160 किमी/घंटे की रफ्तार से इंटरसिटी यात्राओं के लिए इलेक्‍ट्रीकल मल्‍टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन सेट हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है। ट्रेन सेट टेक्‍नोलॉजी को अपनाने की घोषणा इस वर्ष के रेल बजट में भी की गई थी। भारतीय रेलवे ने निकट भविष्‍य में ऐसी आधुनिक ईएमयू ट्रेनों के सेट डिजाइन करने का प्रस्‍ताव रखा है जब शताब्‍दी/राजधानी ट्रेनों को वर्तमान पटरियों और सिगनलिंग ढांचे पर अतिरिक्‍त खर्च किये बिना 130 किमीप्रतिघंटा/150 किमीप्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाया जा सकेगा। राजधानी ट्रेनके मार्ग पर वर्तमान रेल पटरियां 150 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के योग्‍य हैं लेकिन स्‍पीड को लेकर अनेक प्रतिबंधों के कारण राजधानी/शताब्‍दी की औसत रफ्तार 90 किमी. प्रति घंटा से कम है। प्रस्‍तावित आधुनिक ईएमयू ट्रेनें इन प्रतिबंधों से मुक्‍त होंगी और तेज तथा सुरक्षित आवाजाही की व्‍यवस्‍था प्रदान करेंगी। इनसे समय भी कम लगेगा। 

प्रस्‍तावित ईएमयू ट्रेन सेटों में 21 कोच हो सकते हैं। ईएमयू ट्रेन सेट ऊर्जा प्रभावोत्‍पादक, एरोडायनेमिकली डिजाइन की हुई हल्‍के वजन वाली हैं। ट्रेन को वर्तमान 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर बिना अतिरिक्‍त खर्च के हावड़ा और नई दिल्‍ली के बीच 2.5 से 3.0 घंटा समय कम लगेगा। आधुनिक ट्रेन सेट पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल हैं, आवाज रहित, 30 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत वाली हैं और इनसे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता। ट्रेन सेट तीन चरण वाले आधुनिक आईजीबीटी टेक्‍नोलॉजी से लैस हैं और इनके रखरखाव पर बहुत कम खर्च आता है। (PIB)

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Wednesday, September 12, 2012

भारतीय रेल की 32 महिला कर्मचारी सम्‍मानित

पत्रिका ‘उन्‍मुक्‍त’ का विमोचन भी किया गया
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल भारतीय रेलवे की उन महिला
मुलाज़िमों  को सम्मानित करते हुए जिन्होंने बहुत ही बेहतरीन
काम किया। इसका आयोजन रेलवे वुमेंज़ सेंट्रल वेलफेयर सन्गठन
की और से आठ सितम्बर 2012 को किया गया। इस अवसर पर
सन्गठन की चेयर प्रश्न पूनम मित्तल भी नजर आ रही हैं।
इन यादगारी पलों को पीआईबी के कैमरामैन ने झट से अपने कैमरे
में सम्भाल लिया। आपको यह तस्वीर कैसी लगी ?
संपूर्ण भारतीय रेल प्रणाली में फैले महिला कल्‍याण संगठनों की श्रृंखला के एक शीर्ष निकाय, केंद्रीय रेलवे महिला कल्‍याण संगठन (आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ) की ओर से आज यहां आयोजित महिला दिवस समारोह के अवसर पर रेलवे की 32 उल्‍लेखनीय महिला कर्मचारियों को सम्‍मानित किया गया। रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री विनय मित्‍तल पुरस्‍कार समारोह के मुख्‍य अतिथि थे। आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ की अध्‍यक्ष श्रीमती पूनम मित्‍तल के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में अन्‍य लोगों के अलावा भारतीय रेल के अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिजन भी उपस्थित थे। 
इस अवसर पर अपने भाषण में श्री विनय मित्‍तल ने कहा कि आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ हमेशा ही समाज और राष्‍ट्र की पुकार पर आगे आया है, चाहे वह पर्यावरण संबंधी जागरूकता, परिवार कल्‍याण अभियान, देश की सीमा पर व्‍यवधान अथवा प्राकृतिक आपदाओं का ही मुद्दा क्‍यों न हो। देश के अग्रणी स्‍वैच्छिक संगठनों में से एक होने के नाते उन्‍होंने आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ की सराहना की। 
आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ की अध्‍यक्ष श्रीमती पूनम मित्‍तल ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान आरडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूसीओ की पत्रिका ‘उन्‍मुक्‍त’ का  विमोचन 
भी किया गया। 
पुरस्‍कार समारोह में इस्‍मत खानम् चुघतई द्वारा लिखी गई और नसीरूद्दीन शाह द्वारा निर्देशित 25 मिनट की तीन लघु नाटकों – छुई-मुई, नन्‍हीं की नहीं और दो हाथ का मंचन किया गया। (पत्र सूचना कार्यालय)                                                 10-सितम्बर-2012 19:11 IST