Friday, February 16, 2024

भारतीय रेलवे: करीब लगभग 94 % ब्रॉडगेज का इलेक्ट्रिफिकेशन

प्रविष्टि तिथि: 02 फरवरी 2024 4:58 PM by PIB Delhi

 40,000 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है 


नई दिल्ली: 02 फरवरी 2024: (पी आई बी/रेल स्क्रीन डेस्क)::

भारतीय रेलवे ने 2014-15 से ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क पर लगभग 40,000 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। यह विद्युतीकरण में 2004-14 के दौरान लगभग 1.42 किमी/दिन से लेकर 2022-23 में लगभग 18 किमी/दिन तक की बड़ी छलांग है। अभी बड़ी लाइन नेटवर्क पर 61,813 रूट किमी का विद्युतीकरण किया गया है, जो भारतीय रेलवे के कुल ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क का लगभग 94 प्रतिशत है। शेष बीजी नेटवर्क का विद्युतीकरण शुरू कर दिया गया है। 2014-23 के दौरान विद्युतीकरण पर 43,346 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। इसके अलावा 2023-24 के दौरान विद्युतीकरण के लिए 8,070 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

पहली अप्रैल 2023 तक, भारतीय रेलवे में कुल 46,360 किमी लंबाई की 459 रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं (189 नई लाइन, 39 गेज रूपांतरण और 231 दोहरीकरण) योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं। इन पर लागत लगभग 7.18 लाख करोड़ रुपए है।

यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

*** एमजी/एआर/आरपी/एके/एसके

Friday, February 2, 2024

12 से 16 फरवरी तक 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट

Friday 02 February  2024 12:40PM by PIB Delhi

 रेलवे सुरक्षा बल करेगा मेजबानी करेगा 

ड्यूटी मीट के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट भी लॉन्च की गई

 मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट को लांच किया आरपीएफ के महानिदेशक ने

67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट होनी है 12 से 16 फरवरी तक लखनऊ में 

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) मेज़बानी के लिए पूरी तरह से तैयार 


नई दिल्ली
:02 फरवरी 2024: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क)::

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) 12 फरवरी से 16 फरवरी, 2024 तक लखनऊ में 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट (एआईपीडीएम) की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी एआईपीडीएम की केंद्रीय समन्वय समिति ने आरपीएफ को सौंपी है। कानून प्रवर्तन क्षेत्रों में प्रसिद्ध इस कार्यक्रम का उद्देश्य आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अपराधों की वैज्ञानिक अनुसंधान और जांच की दिशा में पुलिस अधिकारियों के बीच उत्कृष्टता तथा सहयोग को बढ़ावा देना है।

आधुनिकीकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रगति के रूप में, रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट के लिए आरपीएफ के तकनीकी समूह द्वारा बनाई गई समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट लॉन्च की।

इन-हाउस रूप से विकसित, इन डिजिटल प्लेटफार्मों को संचार को सुव्यवस्थित करने, वास्तविक समय अपडेट प्रदान करने और ऑटोबोट-आधारित बहुभाषी चैट समर्थन जैसी विशेषताओं के साथ इसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए निर्बाध भागीदारी की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और विविधि प्रक्रियाओं जैसे प्रतिभागी पंजीकरण, आयोजन की लाइव ट्रैकिंग तथा डिजिटल प्रमाणपत्र, ई-ब्रोशर, नियमों, परिणामों, अनुदेशों का पालन करने और प्रतिभागियों की इवेंट शेड्यूल तक पहुंच के अलावा प्रतिभागियों के पंजीकरण, घटनाओं की लाइव ट्रैकिंग तथा न्यायाधीशों द्वारा परिणामों को चिह्नित करने एवं घोषित करने जैसी कई प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण जैसी मजबूत सुविधाओं से लैस यह प्लेटफार्म प्रतिभागियों के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। यह ऐप और वेबसाइट एक अमूल्य उपकरण के रूप में काम करेंगे, जो प्रतिभागियों के कुल अनुभवों को बढ़ाएंगे और डिजिटल के वर्तमान युग में कानून प्रवर्तन कर्मियों के जांच-पड़ताल संबंधी कर्तव्यों में प्रौद्योगिकी के उपयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेंगे।

67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट कानून प्रवर्तन पेशेवरों के एकजुट होने, सीखने और जांच-पड़ताल उत्कृष्टता के सामूहिक प्रयास को मजबूत करने का भी आह्वान करती है।

विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं जैसे- जांच में वैज्ञानिक सहायता, पुलिस फोटोग्राफी, कंप्यूटर जागरूकता, विशेष कैनाइन यूनिट प्रतियोगिता, तोड़फोड़ निरोधक जांच और पुलिस वीडियोग्राफी के साथ यह पुलिस ड्यूटी मीट कानून प्रवर्तन कर्मियों के लिए अपनी योग्यताओं को निखारने और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है।

मुख्य कार्यक्रम विवरण:

दिनांक: 12 फरवरी से 16 फरवरी, 2024

मुख्य स्थान: जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, लखनऊ

आरपीएफ अधिनियम, 1957 के तहत वर्ष 2004 में स्थापित रेलवे सुरक्षा बल तभी से ही रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और यात्रियों तथा उनके सामानों को सुरक्षा प्रदान करने में सहायक रहा है। यह उल्लेखनीय है कि आरपीएफ में 9 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व है जो भारतके सभी सशस्त्र बलों में सबसे अधिक है। 

रेल मंत्रालय के तहत वर्ष 1955 में स्थापित जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, लखनऊ प्रोबेशनर्स, आईआरपीएफएस कैडर अधिकारियों और आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर कैडेटों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान के रूप में कार्य कर रही है। यह साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन जैसे उभरते क्षेत्रों में पाठ्यक्रम भी प्रदान करती है। सहयोग की भावना से, अकादमी ने रेलवे रक्षकों के लिए व्यापक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए आईएनएमएएस-डीआरडीओ, एसवीपी-एनपीए, बीपीआरएंडडी और एनआईएसए जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी की है।  एमजी/एआर/आरपी/आईपीएस/वाईबी

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