Monday, November 26, 2012

रेल क्षेत्र

26-नवंबर-2012 20:03 IST
भारत और चीन ने किए सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर
भारत और चीन ने रेलवे में तकनीक सहयोग के बारे में आज एक सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर किए। सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर भारत की ओर से रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री विनय मित्‍तल और चीन की तरफ से वहां रेल मंत्रालय में उपमंत्री श्री लॉन्‍ग झिग्‍युओ ने किया। 

सहमति-पत्र के अनुसार, दोनों देश द्रुत गति रेल, भारी वस्‍तुओं की ढुलाई और रेलवे स्‍टेशनों के विकास सहित रेल तकनीक के विभिन्‍न क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ाएंगे। दोनों पक्ष नीतियों की जानकारी प्रशिक्षण एवं विनियम कार्यक्रम, परियोजना स्‍थलों का दौरा, आदि क्षेत्र में आदान-प्रदान के आधार पर काम करेंगे। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि भारत-चीन राजनीतिक आर्थिक वार्तालाप के तहत गठित इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कार्य दल के तहत ही भविष्‍य में रेल क्षेत्र में सहयोग करेंगे। भारत और चीन के बीच ये समझौता हस्‍ताक्षर होने की तारीख से अगले 5 साल के लिए लागू होगा। (PIB)


वि.कासोटिया/अनिल/सुनील-5552               रेल क्षेत्र

Saturday, November 24, 2012

रेल मंत्रालय के प्रस्ताव की स्वीकृति

रेल संपर्क और क्षमता वृद्धि परियोजनाओं के लिए सहभागी मॉडल
बुनियादी ढांचे पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) ने रेल संपर्क और क्षमता वृद्धि परियोजनाओ में निजी भागीदारी के लिए नीतिगत रुपरेखा संबंधी रेल मंत्रालय के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है। 

गैर-सरकारी रेलवे, रेलवे द्वारा इक्विटी भागीदारी के साथ संयुक्त उपक्रम, उपभोक्ताओं द्वारा निधियन से क्षमता वृद्धि, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) तथा बीओटी वार्षिक भत्ता नामक मॉडल नीति के तहत शामिल हैं। बाद के दो मॉडल (बीओटी तथा बीओटी वार्षिक भत्ता) के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा पीपीपी-एसी मार्ग के जरिए वित्त मंत्रालय द्वारा तय किए गए मौजूदा मूल्य निरुपण तथा स्वीकृत प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। इन सभी मॉडलों के संदर्भ में मॉडल सहमति का निर्माण किया जाएगा। इससे देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान होगा 

इससे सार्वजनिक निजी भागीदारी बढ़ाने तथा रेलवे को माल ढुलाई में मदद मिलेगी । इसके साथ ही प्रभावी रेल परिवहन से उद्योगों को फायदा होगा।  
(PIB)  23-नवंबर-2012 13:09 IST

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मीणा/विजयलक्ष्मी-5482

Friday, November 23, 2012

आरक्षित सवारी डिब्‍बों में यात्रा

पहचान के निर्धारित प्रमाण की संख्‍या नौ से बढ़कर दस 
23-नवंबर-2012 20:05 IST
रेल राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेडडी ने आज राज्‍य सभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि 01.12.2012 से किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए टिकट दर्ज किसी एक यात्री को पहचान के निर्धारित प्रमाणों में से एक दिखाना होगा और ऐसा न होने पर यात्री को बिना टिकट समझा जाएगा और तदनुसार, प्रभार लगाया जाएगा। 

उन्‍होंने बताया कि बहरहाल, इस प्रावधान से तत्‍काल योजना के मौजूदा प्रावधान पर असर नहीं पड़ेगा जहां यात्रा के दौरान यात्री टिकट पर दर्शाए पहचान के मूल प्रमाण को दिखाना आवश्‍यक होता है। 

उन्‍होंने बताया पहचान के निर्धारित प्रमाणों की सूची में निम्‍नलिखित पहचान कार्ड को जोड़कर पहचान के निर्धारित प्रमाण की संख्‍या नौ से बढ़कर दस हो गई है:- 

“राज्‍य/केंद्रीय सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जिला प्रशासन, नगर निकायों और पहचान प्रशासन द्वारा जारी क्रमांक फोटो पहचान पत्र। “ (PIB)

वि‍.कासोटि‍या/संजीव/पवन-5501

Thursday, November 22, 2012

भारतीय रेलगाडि़यों और स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छता

स्‍वच्‍छता में और सुधार लाने के लिए एक बहुस्‍तरीय रणनीति तैयार 
विेशेष लेख:रेलवे                                                                  एच.सी.कंवर
    स्‍वच्‍छता के स्‍तर को और बढ़ाने के उद्देश्‍य से भारतीय रेलवे ने प्रौद्योगिकी, प्रयोग करने वालों को शिक्षा और यांत्रिक उपकरणों का प्रावधान कर एक बहुस्‍तरीय रणनीति तैयार की है। इसके लिए कई उपाय किये गये है, जिनमें स्‍वच्‍छता प्रक्रिया के लिए यांत्रिकी का प्रयोग, कुड़ा-करकट को हटाने के लिए ठेका देना, भुगतान और प्रयोग शौचालय योजना जैसे उपाय शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त रेलवे के विभिन्‍न अधिकारियों द्वारा स्‍टेशनों पर की जाने वाली सफाई की निगरानी, कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर आवश्‍यक उपाय करना शामिल हैं। रेलवे स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छता की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए गत चार वर्षो के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य मलेरिया निरीक्षक के अतिरिक्‍त पदों का सृजन किया गया है।

     रेल कोचों में सफाई के स्‍तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। रेलगाडि़यों में साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्‍नलिखित कदम पहले उठाये जा चुके हैं।

     व्‍यवसायिक एजेंसियों के जरिये कोचिंग डिपों में कोचों की गहन यंत्रचालित स्‍वच्‍छता की जा रही है। उच्‍च दाब वाले जेट क्‍लीनर, फर्श रगड़ने वाले उपकरण, निर्वात पम्‍प से सफाई करने वाले भारी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।

     फिलहाल इस कार्य के लिए 115 डिपों की पहचान की गई है और विभिन्‍न क्षेत्रीय रेलवे के 89 कोच डिपों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है।

     राजधानी, शताब्‍दी, दुरन्‍तो एवम् अन्‍य लंबी दूरी की महत्‍वपूर्ण मेल/एक्‍सप्रेस रेलगाडि़यों के परिचालन के दौरान कोच शौचालय, दरवाजे, गलियारे और या‍त्री कक्ष की साफ-सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाऊसकिपिंग योजना(ओबीएचएस) चलाई जा रही है।

     ओबीएचएस सेवा प्रदान करने के लिए 535 रेलगाडि़यों की पहचान की गई है। यह योजना 335 जोड़ी यात्री रेलगाडि़यों में चलाई जा रही है।

चिन्ह्ति ‘’क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशनों’’ पर रूकने वाले चिन्ह्ति ट्रेनों में शौचालयों, गलियारों और दरवाजों की साफ-सफाई, सुनिश्चित करने के लिए क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशन योजना चलाई जा रही है। रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्‍न्‍क्षेत्रीय रेलवे में 30 क्‍लीन ट्रेन स्‍टेशनों की पहचान की गई है। इनमें से 28 स्‍टेशनों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है और ये कार्यान्‍वयन में हैं।

कपड़ों की साफ-सफाई के लिए यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना - कपड़ों और बिस्‍तरों की सफाई की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए 54 ठिकानों की पहचान यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना के लिए की गई है। इनमें से 29 लांड्रियों का प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा, जबकि 21 लांड्रियों का प्रबंधन बाहरी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। 16 जगहों पर यंत्रचालित लांड्री की स्‍थापना पहले ही की जा चुकी है। अन्‍य 7 जगहों पर लांड्री की स्‍थापना के लिए ठेके की प्रक्रिया काफी आगे है और 12 जगहों के लिए निविदा की प्रक्रिया की जा रही है।

रेलगाडि़यों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम – भारतीय रेलवे के 127 चिन्ह्ति कोचिंग डिपों में से 125 कोचिंग डिपों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम के लिए पहले ही अनुबंध दिये जा चुके है। हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम की प्रभाविकता में सुधार लाने के लिए उपायों की लगातार समीक्षा की जा रही है। सबसे बड़ी समस्‍या कोचिंग डिपो और स्‍टेशन यार्डो में खड़ी कोचों में हानिकारक कीटों और चूहों का प्रवेश करना है।

रेलगाडि़यों में स्‍वच्‍छता के स्‍तर में सुधार लाने के लिए कमजोर क्षेत्रों की निगरानी को और बढ़ाया जाएगा।

स्‍टेशनों की साफ-सफाई

     यात्रियों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए, स्‍टेशनों पर साफ-सफाई प्रबंधन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि भारतीय रेलवे स्‍टेशनों पर साफ-सफाई का स्‍तर सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रहा है।

रेलवे स्‍टेशनों पर साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्‍नलिखित कदम उठाये गये है :-

·         अधिक से अधिक यंत्रचालित उपकरणों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा स्‍वच्‍छता के स्‍तर में सुधार लाने के लिए बेहतर सफाई कर्मचारियों का उपयोग किया जा रहा है। स्‍क्रबर, उच्‍च दाब वाले जेट क्‍लीनर और झाडू जैसे मशीनों की आपूर्ति के लिए ठेके दिये जा रहे है। स्टेशनों पर प्‍लेटफार्म लाइन पर जेट क्‍लीनिंग व्‍यवस्‍था के साथ धुलने योग्‍य एप्रॉन भी उपलब्‍ध कराये जा रहे हैं।   (PIB)       05-नवंबर-2012 15:52 IST

मीणा/आनंद/गीता-277

Wednesday, November 21, 2012

रेल की आय 23.76 प्रतिशत बढ़ी

अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से बढ़ी रेल की आय 
अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से रेल को 47063.59 करोड़ रुपये की आय प्राप्‍त हुई जो पिछले वर्ष की इसी अवधि‍ के दौरान होने वाली 37392.97 करोड़ रुपये की आय से 25.86 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-अक्‍टूबर 2012 के दौरान रेल ने 565.37 मिलियन टन जिंसों की ढुलाई की जो पिछले वर्ष की इसी अवधि‍ की दौरान 536.92 मिलियन टन ढुलाई की तुलना में 5.30 प्रतिशत अधिक है। 

अक्‍टूबर 2012 के दौरान जिंसों की ढुलाई से रेल को कुल 7174.64 करोड़ रुपये की आय हुई। इसमें से 41.37 मिलियन टन कोयले की ढुलाई से उसे 3134.64 करोड़ रुपये की आय हुई। इसके अलावा 8.67 मिलियन टन निर्यात के लिए लोहे अयस्‍क की ढुलाई से 523.67 करोड़ रुपये की, इस्‍पात संयंत्रों और अन्‍य घरेलू उपयेाग के लिए 8.91 मिलियन टन सीमेंट की ढुलाई से 714.14 करोड़ रुपये की आय, पेट्रोलियम तेल और चिकनाई वाले पदार्थों की 3.54 मिलियन टन ढुलाई से 415.21 करोड़ रुपये की आय, उर्वरकों की 5.20 मिलियन टन की ढुलाई से 580.98 करोड़ रुपये की आय हुई। 
20-नवंबर-2012 18:21 IST
वि.कासोटिया/अरूण/रामकिशन-5414