Monday, February 6, 2023

अब व्‍हाट्सएप द्वारा ऑनलाइन भोजन का ऑर्डर

प्रविष्टि तिथि: 06 FEB 2023 1:10PM by PIB Delhi

भारतीय रेल ने नई सेवा आरंभ की--यात्रा में एक नई सुविधा 


नई दिल्ली
: 06 फरवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क)::

भारतीय रेल के पीएसयू, आईआरसीटीसी ने रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार आरंभ किया।

व्‍हाट्सअप नंबर +91-8750001323 ग्राहक के लिए एक संवादात्‍मक दो-तरफा संचार मंच बनेगा।

यात्रियों के लिए और उनके लिए भोजन बुक करने के लिए भी ई-कैटरिंग सेवाओं से जुड़े सभी प्रश्‍नों के प्रत्‍युत्‍तर के लिए एआई पावर चैटबॉट होगा।

चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर कार्यान्वित ई-केटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार होगा।

ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर कंपनी इसे दूसरी रेलगाडि़यों में भी लागू करेगी।

भारतीय रेल की पीएसयू, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने एक विशेष रूप से विकसित वेबसाइट www.catering.irctc.co.in के साथ-साथ अपने ई-कैटरिंग ऐप फूड ऑन ट्रैक के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाएं आरंभ की हैं।

अपनी ई-कैटरिंग सेवाओं को अधिक ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेल ने हाल ही में रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार शुरू किया है। इसके लिए बिजनेस व्हाट्सएप नंबर +91-8750001323 आरंभ किया गया है।

प्रारंभ में, व्हाट्सएप संचार के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाओं के कार्यान्वयन के दो चरणों की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में, बिजनेस व्हाट्सएप नंबर लिंक www.ecatering.irctc.co.in पर क्लिक करके ई-कैटरिंग सेवाओं के चयन के लिए ई-टिकट बुक करने वाले ग्राहक को एक संदेश भेजेगा।

इस विकल्प के साथ, ग्राहक आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग वेबसाइट के माध्यम से सीधे स्टेशनों पर उपलब्ध अपनी पसंद के रेस्तरां से ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता के बिना अपनी पसंद का भोजन बुक कर सकेंगे।

सेवाओं के अगले चरण में, व्हाट्सएप नंबर ग्राहक के लिए एक संवादात्‍मक दो-तरफा संचार मंच बनने में सक्षम होगा, जिसमें एआई पावर चैटबॉट यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के सभी प्रश्नों का प्रत्‍युत्‍तर देगा, साथ ही उनके लिए भोजन भी बुक करेगा।

आरंभ में, चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर ई-कैटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार लागू किया गया है और ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर, भारतीय रेल इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू करेगी।

वर्तमान में, आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को एक दिन में लगभग 50,000 भोजन परोसे जा रहे हैं, जिसे इसकी वेबसाइट के साथ-साथ एप के माध्यम से सक्षम बनाया जा रहा है।


Wednesday, January 25, 2023

रेलवे सुरक्षा बल कर्मियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक

प्रविष्टि तिथि: 25 JAN 2023 12:47 PM by PIB Delhi

 विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाना है राष्ट्रपति का पुलिस पदक 

फाईल फोटोज़//फेसबुक से 

नई दिल्ली
: 25 जनवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क):: 

सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित बनाना सहज या आसान नहीं होता। इस मकसद के लिए सुरक्षा जवान अपनी जान जोखिम में डाल कर हर संवेंदनशील जगह पर तैनात रहते हैं। रेलवे और रेल यात्रियों की सुरक्षा इनका सर्वप्रथम कार्य रहता है। इस विशेष काम को किसी मिशन से काम नहीं समझा जाना चाहिए। इनके जीवट और जोखिम को आम लोग चाहे याद न भी रखें लेकिन सरकारी विभाग इन सेवाओं को हमेशां याद रखते हैं। सही समय आने पर उनका सम्मान भी किया जाता है। 

केवल गुंडागर्दी, छीनाझपटी या आतंक से ही सुरक्षा नहीं बल्कि ज़िंदगी के दूसरे क्षेत्रों में भी रेलवे सुरक्षा के पुरुष एवं महिला जवान आम जनता की सहायता करते हैं। बहुत से लोगों को अभी भी याद होगा वह समय जब केवल 15 दिनों के एक शिशु कर उसकी युवा मान को इस तरह की सहायता की ज़रूरत पड़ी थी। उस दिन शुक्रवार था और 28 अक्टूबर 2022 की तारीख थी। एक युवा महुला पाने नवजन्मे बच्चे के साथ ट्रेन पर चढ़ने आई हुई थी। आरपीएफ की महिला कांस्टेबल शीला और कल्पना ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 दिन की नवजात शिशु और उसकी अंडर-सर्जरी मां को ट्रेन पर चढ़ने में सहायता प्रदान की थी और उसके उन मानसिक तनाव से भरे पलों को बहुत ही सहज बना दिया था। इसी तरह सोमवार 31 अक्टूबर 2022 को भी आर पी एफ के जवानों ने कुछ महिला यात्रियों को सहायता दी थी। 

इस बार गणतंत्र दिवस, 2023 के अवसर पर माननीय भारत गणराज्य के राष्ट्रपति ने निम्नलिखित रेलवे सुरक्षा बल/रेलवे सुरक्षा विशेष बल कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से अलंकृत करने की घोषणा की है:–

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक 

श्री राजा राम, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, दक्षिण मध्य रेलवे

सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक

श्री पंकज गंगवार, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वी तटीय रेलवे

श्री देवराय श्रीनिवास राव, सहायक कमांडेंट/सातवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री जमजेर कुमार, सहायक कमांडेंट/ पंद्रहवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री प्रवीण सिंह, निरीक्षक/ छठी वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री विजय कुमार, निरीक्षक/ छठी वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री एन. श्रीनिवास राव, उप-निरीक्षक/दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

श्री विवेक मोहन, उप-निरीक्षक/उत्तर रेलवे

श्री जे. राजेंद्रन, उप-निरीक्षक/दक्षिणी रेलवे

श्री यावर हुसैन, उप निरीक्षक/ पंद्रहवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री दिवाकर शुक्ला, सहायक उप निरीक्षक/उत्तर पूर्व रेलवे

श्री नीलेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक/पूर्व मध्य रेलवे

श्री साजी ऑगस्टीन, सहायक उप-निरीक्षक/दक्षिणी रेलवे

श्री प्रफुल्ल भालेराव, प्रधान आरक्षक, पश्चिम रेलवे

श्री श्री राम साहू, रसोइया, द्वितीय वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री छबुराव साखराजी ढवले, चालक/मध्य रेलवे

(रिलीज़ आईडी: 1893522)

Sunday, January 1, 2023

श्री अनिल कुमार लाहोटी बने रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष

प्रविष्टि तिथि: 01 JAN 2023 12:10 PM by PIB Delhi

मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी पदभार संभाला


नई दिल्ली
: 01 जनवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

भारतीय रेल एक ऐसा बड़ा परिवार है जिसका दुनिया भर में बहुत नाम है। पूरे देश को जोड़ने में इसका कोई सानी नहीं।  लोगों को उनकी मंज़िल तक सहजता और किफायती तरीके से पहुंचाने में रेलवे बहुत से बदलाव भी करता रहता है। बहुत सी कठिनाईयों और हादसों के बावजूद लोगो रेल यात्रा को ही प्राथमिकता देते हैं। 

जीवन चलने का नाम की बात को हर रोज़ साबित करने वाले रेलवे विभाग को अब एक नई शख्सियत मिली है।  श्री अनिल कुमार लाहोटी ने आज रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) के नये अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार ग्रहण किया। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने दिनांक 01 जनवरी 2023 से श्री अनिल कुमार लाहोटी की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। उन्होंने दिनांक 17 दिसंबर 2022 को रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंफ्रास्ट्रक्चर  के रूप में पदभार संभाला था। उनकी योग्यता निश्चय ही रेलवे को नई उपलब्धियां देगी। 

इस नए अध्यक्ष का जीवन निरंतर साधना से भरा हुआ है। श्री अनिल कुमार लाहोटी,  इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इन्हें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इंडियन रेलवे मेनेजमेंट सर्विस की लेवेल-17 की पहली पेनल में शामिल किया गया। उन्होंने माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है और रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (स्ट्रक्चर्स) किया है। रेलवे में अपने 36 वर्षो से अधिक के सेवा काल के दौरान, उन्होंने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। इस दौरान उन्होंने रेलवे की मुश्किलों और खूबियों को बहुत ही नज़दीक से देखा। 

यह संघर्ष और साधना का एक लम्बा दौर रहा। गौरतलब है कि इससे पूर्व, वह मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में किसान रेल चलाने और  राजस्व  के मामले में उन्हें अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है। उन्होंने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है। उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया तथा मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की।

इसके साथ साथ श्री लाहोटी ने मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, उत्तर रेलवे के पद पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने भीड़-भाड़ वाले गाजियाबाद-प्रयागराज-डीडीयू मार्ग के विकल्प के रूप में लखनऊ-वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर माल ढुलाई में सुधार के लिए कई पहल की हैं । उन्होंने लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और स्वच्छता मानकों में सुधार के विशेष कार्य किये । उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई कार्य किए और भविष्य में यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क क्षमता के विस्तार के महत्वपूर्ण कार्यों की मंजूरी के लिए व्यापक योजना बनाई।

उत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) और मुख्य इंजीनियर (निर्माण) के रूप में श्री लाहोटी ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये नई लाइनों, ट्रैक के दोहरीकरण और मल्टी-ट्रैकिंग, यार्ड रीमॉडेलिंग, महत्वपूर्ण पुलों, स्टेशन निर्माण आदि के कई कार्यों का निष्पादन किया। दिल्ली में आनंद विहार टर्मिनल’ और नई दिल्ली स्टेशन के प्रतिष्ठित ‘अजमेरी गेट’ साइड स्टेशन भवन की योजना और निर्माण उनके द्वारा किया गया है। आप विश्व स्तर के स्टेशन के रूप में नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास और वाणिज्यिक विकास की योजना से भी जुड़े रहे।

उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक  के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री अनिल कुमार लाहोटी ने विशेष रूप से परिचालन की गति बढ़ाने और उच्च एक्सल लोड की ढुलाई के लिए सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के रखरखाव, पुनर्वास और स्थायी मार्ग के उन्नयन पर कई नीतियों और योजनाओं की पहल की । उन्होंने ट्रैक रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव के पूर्ण मशीनीकरण के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया और उसे कार्यान्वित भी किया । समुचित शोध के पश्चात् उन्होंने उद्देश्य आधारित रखरखाव मानदंड तैयार किया और ट्रैक रखरखाव संगठन के लिए कम लागत रखरखाव मॉडल विकसित करने की पहल की है। उन्हें भारतीय रेलवे पर रेल ग्राइंडिंग मेंटेनन्स (रखरखाव) की विस्तृत योजना बनाने और इसके सफल कार्यान्वयन का भी श्रेय है।

उन्होंने  स्ट्रैटेजिक मेनेजमेंट (सामरिक प्रबंधन) और लीडरशिप प्रोग्राम (नेतृत्व कार्यक्रम) में कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी, पिट्सबर्ग, यूएसए; बोकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मिलान, इटली; और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने हांगकांग, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और स्विटजरलैंड में स्टेशनों के विकास एवं रेलवे भूमि पर वाणिज्यिक विकास का अध्ययन किया है। उन्होंने ट्रैक प्रौद्योगिकी और ट्रैक अनुरक्षण मशीनों के विकास के सिलसिले में कई देशों का दौरा भी किया है।

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Monday, December 5, 2022

भारतीय रेल ने भी किया योगिराज अरविन्द को नमन

आज पांच दिसंबर को है महान स्वतंत्रता योगी अरविन्द की पुण्यतिथि 


नई दिल्ली: 5 दिसंबर 2022: (रेल स्क्रीन)::

ज़िंदगी के कठिन रास्तों को मुस्कराते हुए अपनाया और देश भक्ति की परीक्षण में भी खरे उतरते रहे। इसके बावजूद न तो मानसिक संतुलन को बिगड़ने दिया और न ही शरीरक संतुलन को। योगिराज अरविन्द की जीवनी हर इंसान को  प्रेरणा दे सकती है अगर वह ध्यान से इसे पढ़ता है। भारतीय रेलवे ने भी पांच दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें बहुत ही सम्मान से याद किया। महान स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरु और कवि अरविंद घोष जी की पुण्यतिथि पर भारतीय रेल की ओर से उन्हें भावपूर्ण नमन किया गया। उनकी स्मृति में रेल मंत्रालय ने एक विशेष चित्र का भी ट्वीट किया। 

Thursday, November 10, 2022

भारतीय रेल मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर

Posted On: 10th November 2022 at 12:53 PM by PIB Delhi

भारतीय रेल ने कुल ब्रॉडगेज नेटवर्क के 82 प्रतिशत का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया

*अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान 1223 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया गया

*विद्युतीकरण के परिणामस्‍वरूप ईंधन ऊर्जा का बे‍हतर उपयोग होगा

फाइल फोटो PIB 


नई दिल्ली: 10 नवंबर 2022: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

​​​​​भारतीय रेल ने अपने सम्‍पूर्ण ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण की महत्‍वाकांक्षी योजना प्रारम्‍भ की है। इस योजना से न केवल बेहतर ईंधन ऊर्जा का उपयोग होगा, जिससे उत्‍पादन बढ़ेगा, ईंधन खर्च में कमी आएगी, बल्कि मूल्‍यवान विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

वित्‍त वर्ष 2022-23 के दौरान अक्‍टूबर, 2022 तक भारतीय रेल ने 1223 रूट किलोमीटर के विद्युतीकरण का काम कर लिया है। वित्‍त वर्ष 2021-22 की समानावधि के दौरान 895 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ था। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के आंकड़े से 36.64 प्रतिशत अधिक है।

यह महत्‍वपूर्ण है कि भारतीय रेल के इतिहास में 2021-22 के दौरान 6,366 रूट किलोमीटर का रिकॉर्ड विद्युतीकरण किया गया। इससे पहले, 2020-21 के दौरान सबसे अधिक विद्युतीकरण 6,015 रूट किलोमीटर का हुआ था।

31 अक्टूबर 2022 तक भारतीय रेल के ब्रॉडगेज नेटवर्क 65,141 रूट किलोमीटर (केआरसीएल सहित) में से 53,470 ब्रॉडगेज रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जो कुल ब्रॉडगेज नेटवर्क का 82.08 प्रतिशत है।

***     एमजी/एएम/एजी/जीआरएस

Tuesday, August 2, 2022

मानव तस्करी के खिलाफ भी रहती है सतर्क नज़र

प्रविष्टि तिथि: 02 AUG 2022 12:04 PM by PIB Delhi

जुलाई 2022 में भी आरपीएफ ने चलाया देशव्यापी अभियान चलाया

संकेतक तस्वीर 

नई दिल्ली: 02  अगस्त 2022: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

आरपीएफ के ऑप्रेशन-आहट के तहत की जाने वाली कार्रवाई में 151 नाबालिग लड़कों, 32 नाबालिग लड़कियों (कुल 183 नाबालिगों) और तीन महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया; 47 मानव तस्कर धरे गये

यौन शोषण, देहव्यापार, जबरन मजदूरी, जबरन शादी, घरेलू बेगार करवाना, गोद देना, भीख मंगवाना, अंगों का प्रत्यारोपण करवाना, मादक पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान भिजवाने के लिये महिलाओं तथा बच्चों की मानव तस्करी संगठित अपराध है और मानवाधिकार के हनन का सबसे घृणित नमूना है। देश का प्रमुख यातायात तंत्र होने के नाते भारतीय रेल को मानव तस्करी के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जिसके जरिये पीड़ितों को उनके मूलस्थान से उठाकर अन्य गंतव्यों तक ले जाया जाता है।

कमान और नियंत्रण की एक संगठित अवसंचरना होने के नाते आरपीएफ की पहुंच पूरे देश में है। समय बीतने के साथ-साथ आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा सम्बंधी शिकायतों का समाधान करने की कारगर प्रणाली विकसित कर ली है। पिछले पांच वर्षों (2017, 2018, 2019, 2020 और 2021) के दौरान आरपीएफ ने 2178 लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसके साथ ही 65000 से अधिक बच्चों और तमाम महिलाओं व पुरुषों को बचाया तथा उन्हें सुरक्षा दी।

स्टेशनों और गाड़ियों में अपनी रणनीतिक तैनाती, पूरे देश में अपनी पहुंच और पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) तथा अन्य इकाइयों के प्रयासों में तेजी लाने वाली प्रणाली का इस्तेमाल करते हुये, आरपीएफ ने हाल में मानव तस्करी के विरुद्ध “ऑप्रेशन आहट” (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) नामक अभियान शुरू किया। इस पहल के अंग के रूप में आरपीएफ ने हाल में देशभर में 750 एएचटीयू की स्थापना की है, जो पुलिस, थानों में कार्यरत एएचटीयू, जिला और राज्य स्तरों पर, खुफिया इकाइयों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेंगी तथा रेलगाड़ियों के जरिये होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ कारगर कार्रवाई करेंगी। हाल में आरपीएफ ने एसोसियेशन ऑफ वॉलंटेरी ऐक्शन (एवीए) नामक गैर-सरकारी संगठन के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस संगठन को बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। यह संगठन प्रशिक्षण के जरिये आरपीएफ की सहायता करेगा तथा आरपीएफ को मानव तस्करी के बारे में सूचनायें भी देगा।

इन प्रयासों में तेजी लाने के लिये मानव तस्करी के खिलाफ रेलवे के जरिये जुलाई 2022 में महीने भर का अभियान चलाया गया। आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों को सलाह दी गई थी कि वे राज्य पुलिस, स्थानीय कानूनी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय बनाकर काम करें, ताकि तस्करी रोकने तथा तस्करी के मामलों के बारे में मिली सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस से भी आग्रह किया गया कि वे आरपीएफ के साथ संयुक्त कार्रवाई में हिस्सा लें, ताकि इस दिशा में समवेत प्रयास हो सकें। महीने के दौरान ऑप्रेशन-आहट में 151 नाबालिग लड़कों, 32 नाबालिग लड़कियों (कुल 183 नाबालिगों) और तीन महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया। साथ ही 47 मानव तस्कर भी धरे गये। इस अभियान ने सभी हितधारकों को साथ आने का मंच उपलब्ध कराया कि वे रेल के जरिये की जाने वाली मानव तस्करी के खिलाफ लामबंद हों। अभियान के दौरान विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच विकसित समझ से भविष्य में भी मानव तस्करी के खिलाफ चलने वाली कार्रवाई में मदद मिलेगी। (PIB)

****  एमजी/एएम/एकेपी/एसएस

Friday, February 18, 2022

ठाणे और दिवा के बीच नई चालू हुई रेल लाइन

प्रविष्टि तिथि: 18 FEB 2022 6:31PM by PIB Delhi

उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी ने महाराष्ट्र में ठाणे और दिवा को जोड़ने वाली अतिरिक्त रेलवे लाईन 18 फरवरी 2022 के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए राष्ट्र को समर्पित की  

नमस्‍कार!

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्रीमान भगत सिंह कोशियारी जी, मुख्यमंत्री श्रीमान उद्धव ठाकरे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, रावसाहब दानवे जी, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस जी, सांसद और विधायकगण, भाइयों और बहनों !

कल छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मजयंती है। सबसे पहले मैं भारत के गौरव, भारत की पहचान और संस्कृति के रक्षक देश के महान महानायक के चरणों में आदरपूर्वक प्रणाम करता हूँ। शिवाजी महाराज की जयंती के एक दिन पहले ठाणे-दिवा के बीच नई बनी पांचवीं और छठी रेल लाइन के शुभारंभ पर हर मुंबईकर को बहुत-बहुत बधाई।

ये नई रेल लाइन, मुंबई वासियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएंगी, उनकी Ease of Living बढ़ाएगी। ये नई रेल लाइन, मुंबई की कभी ना थमने वाली जिंदगी को और अधिक रफ्तार देगी। इन दोनों लाइंस के शुरू होने से मुंबई के लोगों को सीधे-सीधे चार फायदे होंगे।

पहला-अब लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइनें हो जाएंगी।

दूसरा-दूसरे राज्यों से मुंबई आने-जाने वाली ट्रेनों को अब लोकल ट्रेनों की पासिंग का इंतजार नही करना पड़ेगा।

तीसरा-कल्याण से कुर्ला सेक्शन में मेल/एक्‍सप्रेस गाड़ियां अब बिना किसी अवरोध के चलाई जा सकेंगी।

और चौथा- हर रविवार को होने वाले ब्लॉक के कारण कलावा और मुंब्रा के साथियों की परेशानी भी अब दूर हो गई है।

साथियों,

आज से सेंट्रल रेलवे लाइन पर 36 नई लोकल चलने जा रही हैं। इनमें से भी अधिकतर AC ट्रेनें हैं। ये लोकल की सुविधा को विस्तार देने, लोकल को आधुनिक बनाने के केंद्र सरकार के कमिटमेंट का हिस्सा है। बीते 7 साल में मुंबई में मेट्रो का भी विस्तार किया गया है। मुंबई से सटे सबअर्बन सेंटर्स में मेट्रो नेटवर्क को तेज़ी से फैलाया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

दशकों से मुंबई की सेवा कर रही लोकल का विस्तार करने, इसको आधुनिक बनाने की मांग बहुत पुरानी थी। 2008 में इस 5वीं और छठी लाइन का शिलान्यास हुआ था। इसको 2015 में पूरा होना था, लेकिन दुर्भाग्य ये है कि 2014 तक ये प्रोजेक्ट अलग-अलग कारणों से लटकता रहा। इसके बाद हमने इस पर तेज़ी से काम करना शुरु किया, समस्याओं को सुलझाया।

मुझे बताया गया है कि 34 स्थान तो ऐसे थे, जहां नई रेल लाइन को पुरानी रेल लाइन से जोड़ा जाना था। अनेक चुनौतियां के बावजूद हमारे श्रमिकों ने, हमारे इंजीनीर्यस ने, इस प्रोजेक्ट को पूरा किया। दर्जनों पुल बनाए, फ्लाईओवर बनाए, सुरंग तैयार कीं। राष्ट्रनिर्माण के लिए ऐसे कमिटमेंट को मैं हृदय से नमन भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं।

भाइयों और बहनों,

मुंबई महानगर ने आज़ाद भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। अब प्रयास है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुणा बढ़े। इसलिए मुंबई में 21वीं सदी के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर हमारा विशेष फोकस है। रेलवे कनेक्टिविटी की ही बात करें तो यहां हज़ारों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। मुंबई sub-urban रेल प्रणाली को आधुनिक और श्रेष्ठ टेक्नॉलॉजी से लैस किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि अभी जो मुंबई sub-urban की क्षमता है उसमें करीब-करीब 400 किलोमीटर की अतिरिक्त वृद्धि की जाए। CBTC जैसी आधुनिक सिग्नल व्यवस्था के साथ-साथ 19 स्टेशनों के आधुनिकीकरण की भी योजना है।

भाइयों और बहनों,

मुंबई के भीतर ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे राज्यों से मुंबई की रेल कनेक्टिविटी में भी स्पीड की ज़रूरत है, आधुनिकता की ज़रूरत है। इसलिए अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल आज मुंबई की, देश की आवश्यकता है। ये मुंबई की क्षमता को, सपनों के शहर के रूप में मुंबई की पहचान को सशक्त करेगी। ये प्रोजेक्ट तेज़ गति से पूरा हो, ये हम सभी की प्राथमिकता है। इसी प्रकार वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी मुंबई को नई ताकत देने वाला है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं कि जितने लोग भारतीय रेलवे में एक दिन में सफर करते हैं, उतनी तो कई देशों की जनसंख्या भी नहीं है। भारतीय रेल को सुरक्षित, सुविधायुक्त और आधुनिक बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हमारी इस प्रतिबद्धता को कोरोना वैश्विक महामारी भी डिगा नहीं पाई है। बीते 2 सालों में रेलवे ने फ्रेट ट्रांसपोर्टेशन में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। इसके साथ ही 8 हज़ार किलोमीटर रेल लाइनों का electrification भी किया गया है। करीब साढ़े 4 हज़ार किलोमीटर नई लाइन बनाने या उसके दोहरीकरण का काम भी हुआ है। कोरोना काल में ही हमने किसान रेल के माध्यम से देश के किसानों को देशभर के बाज़ारों से जोड़ा है।

साथियों,

हम सभी ये भी जानते हैं कि रेलवे में सुधार हमारे देश के logistic sector में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसीलिए बीते 7 सालों में केंद्र सरकार रेलवे में हर प्रकार के रिफॉर्म्स को प्रोत्साहित कर रही है। अतीत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सालों-साल तक इसलिए चलते थे क्योंकि प्लानिंग से लेकर एग्जीक्यूशन तक, तालमेल की कमी थी। इस अप्रोच से 21वीं सदी भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण संभव नहीं है।

इसलिए हमने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान बनाया है। इसमें केंद्र सरकार के हर विभाग, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय और प्राइवेट सेक्टर सभी को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रयास है। कोशिश ये है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी, हर स्टेकहोल्डर के पास पहले से हो। तभी सभी अपने-अपने हिस्से का काम, उसका प्लान सही तरीके से कर सकेंगे। मुंबई और देश के अन्य रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए भी हम गतिशक्ति की भावना से ही काम करने वाले हैं।

साथियों,

बरसों से हमारे यहां एक सोच हावी रही कि जो साधन-संसाधन गरीब इस्तेमाल करता है, मिडिल क्लास इस्तेमाल करता है, उस पर निवेश नहीं करो। इस वजह से भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की चमक हमेशा फीकी ही रही। लेकिन अब भारत उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आज गांधीनगर और भोपाल के आधुनिक रेलवे स्टेशन रेलवे की पहचान बन रहे हैं। आज 6 हज़ार से ज्यादा रेलवे स्टेशन Wi-Fi सुविधा से जुड़ चुके हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें देश की रेल को गति और आधुनिक सुविधा दे रही है। आने वाले वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें, देशवासियों को सेवा देना शुरू करेंगी।

भाइयों और बहनों,

एक और पुरानी अप्रोच जो हमारी सरकार ने बदली है, वो है रेलवे के अपने सामर्थ्य पर भरोसा। 7-8 साल पहले तक देश की जो रेलकोच फैक्ट्रियां थीं, उनको लेकर बहुत उदासीनता थी। इन फैक्ट्रियों की जो स्थिति थी उनको देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ये फैक्ट्रियां इतनी आधुनिक ट्रेनें बना सकती हैं। लेकिन आज वंदे भारत ट्रेनें और स्वदेशी विस्टाडोम कोच इन्हीं फैक्ट्रियों में बन रहे हैं। आज हम अपने signaling system को स्वदेशी समाधान से आधुनिक बनाने पर भी निरंतर काम कर रहे हैं। स्‍वदेशी समाधान चाहिए, हमें विदेशी निर्भरता से मुक्ति चाहिए।

साथियों,

नई सुविधाएं विकसित करने के इन प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ, मुंबई और आसपास के शहरों को होने वाला है। गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को इन नई सुविधाओं से आसानी भी होगी और कमाई के नए साधन भी मिलेंगे। मुंबई के निरंतर विकास के कमिटमेंट के साथ एक बार फिर सभी मुंबईकरों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!