Saturday, September 16, 2023

उत्तर रेलवे के कुछ रास्तों में परिवर्तन

Posted Via Tweet 15th September 2023 at 11:21 PM

यात्रियों की सुविधा के लिए की गई आवश्यक तब्दीली 

नई दिल्ली: 15 सितम्बर 2023: (रेल स्क्रीन डेस्क)::

रेलवे यातायात को यात्रियों की सुविधा के मुताबिक बनाए रखने के लिए समय समय पर बहुत से रेलवे द्वारा बहुत से परिवर्तन करने पड़ते हैं। इसी मकसद के लिए अब कुछ और परिवर्तन किए गए हैं। यात्रियों की जानकारी के लिए सूचित किया जाता है कि रेलवे ने ट्रेन संख्या 20501/20502 अगरतला-आनंद विहार (टी)-अगरतला तेजस राजधानी एक्सप्रेस  (साप्ताहिक) को निम्नलिखित तारीखों से मालदा टाउन, भागलपुर, जमालपुर जंक्शन के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है। समय और रुट के इस परिवर्तन की घोषणा ट्वीट कर के भी की गई है।

यह गाड़ी संख्या 20501 इसी महीने 15 सितम्बर को बाद दोपहर को 03:10 पर अगरतला से चलेगी और विभिन्न स्टेशनों पर होती हुई अगले दिन 10:50 पर आनंद विहार पहुंचेगी। 

इसी तरह यह गाड़ी संख्या 20502 इसी महीने की 17 तारीख को आनंद विहार से शाम को 19:50 पर चलेगी और अगले दिन बाद दोपहर 15:40 पर अगरतला पहुंचेगी। 

रस्ते में गुवाहाटी, मालदा टाऊन, जमालपुर,  कानपूर सेन्ट्रल। दीं दयाल उपाध्याय जंक्शन जैसे स्टेशनों पर रुकेगी ही। विस्तृत विवरण के लिए रेलवे के लोकप्रिय नंबर 139 पर सम्पर्क कर के सारी जानकारी पर्पट की जा सकती है। इस मकसद के लिए रेलवे की वेबसाईट भी देखि जा सकती है और रेलवे की अप्प भी डाऊनलोड की जा सकती है।  


Friday, September 1, 2023

भारतीय रेलवे//श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने कार्यभार संभाला

प्रविष्टि तिथि: 01 September 2023 at 11:06 AM by PIB Delhi

जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ज़िम्मेदारी मिली 

इस शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली वह पहली महिला हैं


नई दिल्ली
: 01 सितम्बर 2023: (PIB//इनपुट-कार्तिका सिंह-रेल स्क्रीन डेस्क)::

रेलवे की नौकरी का जनून कहिए या फिर रेलवे से इश्क की इंतहा कि आई पी एस के सफल कैरियर को छोड़ कर जया वर्मा की नज़रें रेलवे पर ही रहीं। शायद इस इश्क और जनून का ही असर था कि एक सदी से लंबी उम्र वाले रेलवे का प्रमुख पद आज उनके पास है। यह नियुक्ति एक सप्ताह पहले ही हो गई थी लेकिन कार्यभार आज संभाला गया। फोटोग्राफी से भी बेहद लगाव, उधर आई पी इस सेवा को भी चुना लेकिन फैसला हुआ रेलवे के हक़ में। इसके साथ ही एक इत्तफाक भी देखिए कि जब जीवन साथी के चुनाव का समय आया तो जया वर्मा ने सात फेरे ले लिए एक सफल आई पी ऐसी अधिकारी नीरज सिन्हा के साथ। यह भी प्राकृति का संयोग ही कहिए कि नीरज को रेलवे की नौकरी रास नहीं आ रही थी उन्होंने रेलवे को छोड़ कर आई पी इस सेवा मैं आना ठीक समझा। कई बार ज़िंदगी सचमुच दीवार पर लगने वाले पुरानी किस्म की उस घड़ी जैसी लगती है जिसका पेंडुलम एक सिरे से दूसरे सिरे की तरफ घूमता रहता है. इसी से हमारे सामने आता है सही वक्त। जया वर्मा सिन्हा और नीरज सिन्हा के बेहतरीन वक्त को देख कर इसी पेंडुलम की याद आने लगती है। आजकल शायद पेंडुलम वाली दीवारी घडियां आम तौर पर नहीं आ रहीं लेकिन कभी इन्हीं का ज़माना हुआ करता था। घर परिवार के जीवंत सदस्य का आभास होता था इस दीवारी घड़ी को देख कर। इसका रुकना अपशकुन माना जाता था। न वक्त रुकता है न ही रेलवे का मिशन। एक कोने को दुसरे कोने से जोड़ने वाले रेलवे का संचालन अब एक बेहद काबिल महिला के हाथ में  है। आप इस सारे संचालन को आज के हमारे संसार की जीवन रेखा कह सकते हैं। 

भारतीय रेलवे या भारतीय रेल जिसे संक्षिप्त में भा.रे. भी कहा जाने लगा है, यह भारत सरकार द्वारा नियंत्रित एक ऐसी सार्वजनिक रेलवे सेवा है जिसकी विराटता को देख कर गर्व का अहसास होने लगता है। कुछ समय पूर्व के आंकड़ों के मुताबिक भारत में रेलवे की कुल लंबाई 115,000 किलोमीटर है। अपने सरे सिस्टम द्वारा भारतीय रेल रोजाना करीब 2 करोड़ 31 लाख  अर्थात लगभग पूरे ऑस्ट्रेलिया देश की जनसंख्या के बराबर यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोती है। भारतीय रेलवे के स्वामित्व में, भारतीय रेलवे में 12147 लोकोमोटिव, 74003 यात्री कोच और 289185 वैगन हैं और 8702 यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल 13523 ट्रेनें चलती हैं। भारतीय रेलवे में 300 रेलवे यार्ड, 2300 माल ढुलाई और 700 मरम्मत केंद्र हैं। यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है। 12.27 लाख कर्मचारियों के साथ, भारतीय रेलवे दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी व्यावसायिक इकाई है। रेलवे विभाग भारत सरकार के मध्य रेलवे विभाग का एक प्रभाग है, जो भारत में संपूर्ण रेलवे नेटवर्क की योजना बना रहा है। रेलवे विभाग की देखरेख रेलवे विभाग के कैबिनेट मंत्री द्वारा की जाती है और रेलवे विभाग की योजना रेलवे बोर्ड द्वारा बनाई जाती है।

यह भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक है। यह न केवल देश की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्‍ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। 

इतने बड़े ढांचे और सिस्टम को चलाना सहज भी नहीं होता। इस के अनुशासन भी कुशलता से करना होता है। इस बार इसकी ज़िम्मेदारी पहली बार एक महिला अधिकारी को दी गई है। बहुत बड़े नेटवर्क को बेहद कुशलता से नियंत्रित करना होता है। ध्यान रखना होता है की ज़रा सी भी चूक न हो जाए। 

श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने आज रेल भवन में रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) के नए अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभाल लिया। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने श्रीमती जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति को स्वीकृति दी है। जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में भारतीय रेलवे के इस शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं।

इससे पहले श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के तौर पर कार्य किया है। श्रीमती सिन्हा भारतीय रेलवे में माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के समग्र परिवहन का दायित्व भी संभाल चुकी हैं।

श्रीमती जया वर्मा सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) में शामिल हुईं। भारतीय रेलवे में अपने 35 साल से अधिक के करियर में उन्होंने रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) अपर सदस्य, यातायात परिवहन जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने परिचालन, वाणिज्यिक, आईटी और सतर्कता सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। वह दक्षिण-पूर्व रेलवे की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला भी रही हैं। उन्होंने बांग्लादेश के ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी कार्य किया, उनके इस कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक प्रसिद्ध मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था।

गौरतलब है कि श्रीमती सिन्हा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं और उन्हें फोटोग्राफी में गहरी रुचि है। उनकी इस कला पर हम अलग से चचा करेंगे बहुत जल्द। 

*** PIB//एमजी/एमएस/एसएस/एचबी//(रिलीज़ आईडी: 1953968) 

Friday, August 11, 2023

रेल मंत्रालय की अब एक और नई पहल

 प्रविष्टि तिथि: 11 AUG 2023 4:03 PM by PIB Delhi

कुछ रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) स्थापित होंगें


नई दिल्ली
: 11 अगस्त 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क)::

जब कोई व्यक्ति रेल यात्रा में होता है तो उसको बहुत सी मुश्किलें भी कई बार आ घेरती हैं। इनमें ज़्यादातर मुश्कलें कई बार स्वास्थ्य को ले कर रहती हैं। रेल केवल अपने निश्चित रेलवे स्टेशनों पर निश्चित समय के लिए ही खड़ी होती है। ऐसे में रेलवे स्टेशन से बाहर कोई औषधि लेने जाना सम्भव नहीं होता। भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। अब चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर सस्ती दवाओं की बिक्री वाले जान औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। इनका उद्देश्य सभी को किफायती मूल्‍यों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं  (जनऔषधि उत्पाद) उपलब्ध कराना है। ​​​​रेलवे वाणिज्यिक रूप से लाइसेंसधारियों को इन केन्‍द्रों के संचालन के लिए परिसंचारी क्षेत्रों और स्टेशनों के बकॉनकोर्स में तैयार आउटलेट उपलब्‍ध कराएगा। 

रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों के कल्याण और भलाई के लिए भारतीय रेलवे ने कुछ रेलवे स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया और कॉनकोर्स में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) स्थापित करने के लिए एक नीतिगत ढांचा तैयार किया है, जिनका संचालन लाइसेंसधारक करेंगे। पायलट परियोजना के लिए पहचाने गए 50 स्टेशनों की सूची अनुबंध-I में संलग्‍न है।

लाखों दैनिक आगंतुकों और यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे अपने स्टेशनों पर सुविधाओं में लगातार वृद्धि कर रहा है। रेलवे स्टेशनों पर पीएमबीजेके स्थापित करने के उद्देश्य इस प्रकार हैं:

सभी को किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां और उपभोज्‍य वस्तुएं (जनऔषधि उत्पाद) उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के मिशन को बढ़ावा देना।

रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों/आगंतुकों को जनऔषधि उत्पादों का आसानी से उपयोग करने में सक्षम बनाना।

किफायती मूल्‍यों पर दवाइयां उपलब्‍ध कराकर समाज के सभी वर्गों के बीच कल्याण और भलाई को बढ़ावा देना।

पीएमबीजेके खोलने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और उद्यमियों के लिए अवसर जुटाना।

इस योजना के तहत पीएमबीजेके को 'अपेक्षित यात्री सुविधा' माना जाएगा और उसके अनुसार रेलवे वाणिज्यिक रूप से लाइसेंसधारकों द्वारा संचालन के लिए सर्कुलेटिंग एरिया और स्टेशनों के कॉनकोर्स में तैयार किये गए आउटलेट उपलब्‍ध कराएगा।

ये आउटलेट सुविधाजनक स्थानों पर सर्कुलेटिंग एरिया/परिसरों में स्थित होंगे, ताकि स्‍टेशनों पर आने और जाने वाले सभी यात्रियों को लाभ हो।

पीएमबीजेके रेलवे डिवीजनों द्वारा पहचान किए गए स्थानों पर लाइसेंसधारियों द्वारा स्थापित और संचालित किए जाएंगे। आईआरईपीएस के माध्यम से संबंधित रेलवे डिवीजनों के साथ ई-नीलामी द्वारा स्टाल प्रदान किए जाएंगे। इन स्टालों को एनआईडी अहमदाबाद द्वारा डिजाइन किया जाएगा।

पीएमबीजेके आउटलेट्स के सफल बोलीदाताओं को जन औषधि की दुकान चलाने के लिए आवश्यक अनुमति और लाइसेंस प्राप्त करना होगा तथा उन्‍हें दवाइयों के भंडारण के लिए सभी वैधानिक आवश्यकताओं का भी अनुपालन करना होगा।

पीएमबीजेके आउटलेट्स के सफल बोलीदाताओं को परिचालन शुरू करने से पहले पीएमबीजेके के लिए नोडल एजेंसी यानी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) और जनऔषधि योजना (पीएमबीआई द्वारा अनिवार्य) के लिए अधिकृत वितरकों के साथ भी एक समझौता करना होगा।

इस तरह अब रेलवे स्टेशनों पर सस्ती दवाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी। महंगे ब्रांड वाली दवाओं के मुकाबिले इन दवाओं भी बहुत अच्छा होता है। 

*** PIB//एमजी/एमएस/आरपी/आईपीएस/वाईबी/एसके//(रिलीज़ आईडी: 1947934)

Wednesday, March 22, 2023

भारतीय रेल ने ओडिशा का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा किया

प्रविष्टि तिथि: 22 MAR 2023 4:26 PM by PIB Delhi

*ओडिशा का विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क ( 2,822 रूट किमी) 

*अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत है 

*विद्युतीकरण से लाइन खींचने की (हाउल) लागत में 2.5 गुना कमी आ जाएगी


नई दिल्ली
//भुवनेश्वर: 22 मार्च 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन//ओड़िसा स्क्रीन)::

वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित करने की तर्ज पर, भारतीय रेल ने ओडिशा के विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा कर लिया है। ओडिशा का विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है जो अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत है और इसकी वजह से लाइन खींचने की (हाउल) लागत में (लगभग 2.5 गुना कमी) गिरावट आएगी, हाउलेज क्षमता भारी होगी, सेक्शनल क्षमता में बढोतरी होगी, इलेक्ट्रिक लोको के प्रचालन और रखरखाव की लागत कम हो जाएगी, आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता के साथ परिवहन के ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल साधन का निर्माण होगा और विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, रेलवे की 100 प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति की तर्ज पर विद्युतीकरण के साथ साथ बड़ी लाइन के नए नेटवर्क को भी मंजूरी दी जाएगी।

ओडिशा राज्य का भूभाग पूर्वी तट, दक्षिणी पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में पडता है। ओडिशा के कुछ मुख्य रेलवे स्टेशन हैं : भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला तथा झारसुगुडा। रेल नेटवर्क ओडिशा से देश के दूसरे हिस्सों में खनिज अवयवों, कृषि उत्पादों एवं अन्य वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक-खुरदा रोड-पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य की कुछ प्रतिष्ठित रेलगाड़ियां हैं : हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर - नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस। ये रेलगाड़ियां राज्य के विभिन्न हिस्सों और भारत के अन्य प्रमुख शहरों के लिए सुविधाजनक कनेक्टविटी प्रदान करती हैं।

***** एमजी/एमएस/एआर/एसकेजे/डीके-


Monday, February 6, 2023

अब व्‍हाट्सएप द्वारा ऑनलाइन भोजन का ऑर्डर

प्रविष्टि तिथि: 06 FEB 2023 1:10PM by PIB Delhi

भारतीय रेल ने नई सेवा आरंभ की--यात्रा में एक नई सुविधा 


नई दिल्ली
: 06 फरवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क)::

भारतीय रेल के पीएसयू, आईआरसीटीसी ने रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार आरंभ किया।

व्‍हाट्सअप नंबर +91-8750001323 ग्राहक के लिए एक संवादात्‍मक दो-तरफा संचार मंच बनेगा।

यात्रियों के लिए और उनके लिए भोजन बुक करने के लिए भी ई-कैटरिंग सेवाओं से जुड़े सभी प्रश्‍नों के प्रत्‍युत्‍तर के लिए एआई पावर चैटबॉट होगा।

चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर कार्यान्वित ई-केटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार होगा।

ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर कंपनी इसे दूसरी रेलगाडि़यों में भी लागू करेगी।

भारतीय रेल की पीएसयू, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने एक विशेष रूप से विकसित वेबसाइट www.catering.irctc.co.in के साथ-साथ अपने ई-कैटरिंग ऐप फूड ऑन ट्रैक के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाएं आरंभ की हैं।

अपनी ई-कैटरिंग सेवाओं को अधिक ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेल ने हाल ही में रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार शुरू किया है। इसके लिए बिजनेस व्हाट्सएप नंबर +91-8750001323 आरंभ किया गया है।

प्रारंभ में, व्हाट्सएप संचार के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाओं के कार्यान्वयन के दो चरणों की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में, बिजनेस व्हाट्सएप नंबर लिंक www.ecatering.irctc.co.in पर क्लिक करके ई-कैटरिंग सेवाओं के चयन के लिए ई-टिकट बुक करने वाले ग्राहक को एक संदेश भेजेगा।

इस विकल्प के साथ, ग्राहक आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग वेबसाइट के माध्यम से सीधे स्टेशनों पर उपलब्ध अपनी पसंद के रेस्तरां से ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता के बिना अपनी पसंद का भोजन बुक कर सकेंगे।

सेवाओं के अगले चरण में, व्हाट्सएप नंबर ग्राहक के लिए एक संवादात्‍मक दो-तरफा संचार मंच बनने में सक्षम होगा, जिसमें एआई पावर चैटबॉट यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के सभी प्रश्नों का प्रत्‍युत्‍तर देगा, साथ ही उनके लिए भोजन भी बुक करेगा।

आरंभ में, चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर ई-कैटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार लागू किया गया है और ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर, भारतीय रेल इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू करेगी।

वर्तमान में, आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को एक दिन में लगभग 50,000 भोजन परोसे जा रहे हैं, जिसे इसकी वेबसाइट के साथ-साथ एप के माध्यम से सक्षम बनाया जा रहा है।


Wednesday, January 25, 2023

रेलवे सुरक्षा बल कर्मियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक

प्रविष्टि तिथि: 25 JAN 2023 12:47 PM by PIB Delhi

 विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाना है राष्ट्रपति का पुलिस पदक 

फाईल फोटोज़//फेसबुक से 

नई दिल्ली
: 25 जनवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क):: 

सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित बनाना सहज या आसान नहीं होता। इस मकसद के लिए सुरक्षा जवान अपनी जान जोखिम में डाल कर हर संवेंदनशील जगह पर तैनात रहते हैं। रेलवे और रेल यात्रियों की सुरक्षा इनका सर्वप्रथम कार्य रहता है। इस विशेष काम को किसी मिशन से काम नहीं समझा जाना चाहिए। इनके जीवट और जोखिम को आम लोग चाहे याद न भी रखें लेकिन सरकारी विभाग इन सेवाओं को हमेशां याद रखते हैं। सही समय आने पर उनका सम्मान भी किया जाता है। 

केवल गुंडागर्दी, छीनाझपटी या आतंक से ही सुरक्षा नहीं बल्कि ज़िंदगी के दूसरे क्षेत्रों में भी रेलवे सुरक्षा के पुरुष एवं महिला जवान आम जनता की सहायता करते हैं। बहुत से लोगों को अभी भी याद होगा वह समय जब केवल 15 दिनों के एक शिशु कर उसकी युवा मान को इस तरह की सहायता की ज़रूरत पड़ी थी। उस दिन शुक्रवार था और 28 अक्टूबर 2022 की तारीख थी। एक युवा महुला पाने नवजन्मे बच्चे के साथ ट्रेन पर चढ़ने आई हुई थी। आरपीएफ की महिला कांस्टेबल शीला और कल्पना ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 दिन की नवजात शिशु और उसकी अंडर-सर्जरी मां को ट्रेन पर चढ़ने में सहायता प्रदान की थी और उसके उन मानसिक तनाव से भरे पलों को बहुत ही सहज बना दिया था। इसी तरह सोमवार 31 अक्टूबर 2022 को भी आर पी एफ के जवानों ने कुछ महिला यात्रियों को सहायता दी थी। 

इस बार गणतंत्र दिवस, 2023 के अवसर पर माननीय भारत गणराज्य के राष्ट्रपति ने निम्नलिखित रेलवे सुरक्षा बल/रेलवे सुरक्षा विशेष बल कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से अलंकृत करने की घोषणा की है:–

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक 

श्री राजा राम, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, दक्षिण मध्य रेलवे

सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक

श्री पंकज गंगवार, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वी तटीय रेलवे

श्री देवराय श्रीनिवास राव, सहायक कमांडेंट/सातवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री जमजेर कुमार, सहायक कमांडेंट/ पंद्रहवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री प्रवीण सिंह, निरीक्षक/ छठी वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री विजय कुमार, निरीक्षक/ छठी वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री एन. श्रीनिवास राव, उप-निरीक्षक/दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

श्री विवेक मोहन, उप-निरीक्षक/उत्तर रेलवे

श्री जे. राजेंद्रन, उप-निरीक्षक/दक्षिणी रेलवे

श्री यावर हुसैन, उप निरीक्षक/ पंद्रहवीं वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री दिवाकर शुक्ला, सहायक उप निरीक्षक/उत्तर पूर्व रेलवे

श्री नीलेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक/पूर्व मध्य रेलवे

श्री साजी ऑगस्टीन, सहायक उप-निरीक्षक/दक्षिणी रेलवे

श्री प्रफुल्ल भालेराव, प्रधान आरक्षक, पश्चिम रेलवे

श्री श्री राम साहू, रसोइया, द्वितीय वाहिनी, रेलवे सुरक्षा विशेष बल

श्री छबुराव साखराजी ढवले, चालक/मध्य रेलवे

(रिलीज़ आईडी: 1893522)

Sunday, January 1, 2023

श्री अनिल कुमार लाहोटी बने रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष

प्रविष्टि तिथि: 01 JAN 2023 12:10 PM by PIB Delhi

मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी पदभार संभाला


नई दिल्ली
: 01 जनवरी 2023: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

भारतीय रेल एक ऐसा बड़ा परिवार है जिसका दुनिया भर में बहुत नाम है। पूरे देश को जोड़ने में इसका कोई सानी नहीं।  लोगों को उनकी मंज़िल तक सहजता और किफायती तरीके से पहुंचाने में रेलवे बहुत से बदलाव भी करता रहता है। बहुत सी कठिनाईयों और हादसों के बावजूद लोगो रेल यात्रा को ही प्राथमिकता देते हैं। 

जीवन चलने का नाम की बात को हर रोज़ साबित करने वाले रेलवे विभाग को अब एक नई शख्सियत मिली है।  श्री अनिल कुमार लाहोटी ने आज रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) के नये अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार ग्रहण किया। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने दिनांक 01 जनवरी 2023 से श्री अनिल कुमार लाहोटी की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। उन्होंने दिनांक 17 दिसंबर 2022 को रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंफ्रास्ट्रक्चर  के रूप में पदभार संभाला था। उनकी योग्यता निश्चय ही रेलवे को नई उपलब्धियां देगी। 

इस नए अध्यक्ष का जीवन निरंतर साधना से भरा हुआ है। श्री अनिल कुमार लाहोटी,  इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इन्हें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इंडियन रेलवे मेनेजमेंट सर्विस की लेवेल-17 की पहली पेनल में शामिल किया गया। उन्होंने माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है और रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (स्ट्रक्चर्स) किया है। रेलवे में अपने 36 वर्षो से अधिक के सेवा काल के दौरान, उन्होंने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। इस दौरान उन्होंने रेलवे की मुश्किलों और खूबियों को बहुत ही नज़दीक से देखा। 

यह संघर्ष और साधना का एक लम्बा दौर रहा। गौरतलब है कि इससे पूर्व, वह मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में किसान रेल चलाने और  राजस्व  के मामले में उन्हें अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है। उन्होंने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है। उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया तथा मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की।

इसके साथ साथ श्री लाहोटी ने मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, उत्तर रेलवे के पद पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने भीड़-भाड़ वाले गाजियाबाद-प्रयागराज-डीडीयू मार्ग के विकल्प के रूप में लखनऊ-वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर माल ढुलाई में सुधार के लिए कई पहल की हैं । उन्होंने लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और स्वच्छता मानकों में सुधार के विशेष कार्य किये । उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई कार्य किए और भविष्य में यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क क्षमता के विस्तार के महत्वपूर्ण कार्यों की मंजूरी के लिए व्यापक योजना बनाई।

उत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) और मुख्य इंजीनियर (निर्माण) के रूप में श्री लाहोटी ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये नई लाइनों, ट्रैक के दोहरीकरण और मल्टी-ट्रैकिंग, यार्ड रीमॉडेलिंग, महत्वपूर्ण पुलों, स्टेशन निर्माण आदि के कई कार्यों का निष्पादन किया। दिल्ली में आनंद विहार टर्मिनल’ और नई दिल्ली स्टेशन के प्रतिष्ठित ‘अजमेरी गेट’ साइड स्टेशन भवन की योजना और निर्माण उनके द्वारा किया गया है। आप विश्व स्तर के स्टेशन के रूप में नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास और वाणिज्यिक विकास की योजना से भी जुड़े रहे।

उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक  के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री अनिल कुमार लाहोटी ने विशेष रूप से परिचालन की गति बढ़ाने और उच्च एक्सल लोड की ढुलाई के लिए सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के रखरखाव, पुनर्वास और स्थायी मार्ग के उन्नयन पर कई नीतियों और योजनाओं की पहल की । उन्होंने ट्रैक रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव के पूर्ण मशीनीकरण के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया और उसे कार्यान्वित भी किया । समुचित शोध के पश्चात् उन्होंने उद्देश्य आधारित रखरखाव मानदंड तैयार किया और ट्रैक रखरखाव संगठन के लिए कम लागत रखरखाव मॉडल विकसित करने की पहल की है। उन्हें भारतीय रेलवे पर रेल ग्राइंडिंग मेंटेनन्स (रखरखाव) की विस्तृत योजना बनाने और इसके सफल कार्यान्वयन का भी श्रेय है।

उन्होंने  स्ट्रैटेजिक मेनेजमेंट (सामरिक प्रबंधन) और लीडरशिप प्रोग्राम (नेतृत्व कार्यक्रम) में कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी, पिट्सबर्ग, यूएसए; बोकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मिलान, इटली; और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने हांगकांग, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और स्विटजरलैंड में स्टेशनों के विकास एवं रेलवे भूमि पर वाणिज्यिक विकास का अध्ययन किया है। उन्होंने ट्रैक प्रौद्योगिकी और ट्रैक अनुरक्षण मशीनों के विकास के सिलसिले में कई देशों का दौरा भी किया है।

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