Friday, September 1, 2023

भारतीय रेलवे//श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने कार्यभार संभाला

प्रविष्टि तिथि: 01 September 2023 at 11:06 AM by PIB Delhi

जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ज़िम्मेदारी मिली 

इस शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली वह पहली महिला हैं


नई दिल्ली
: 01 सितम्बर 2023: (PIB//इनपुट-कार्तिका सिंह-रेल स्क्रीन डेस्क)::

रेलवे की नौकरी का जनून कहिए या फिर रेलवे से इश्क की इंतहा कि आई पी एस के सफल कैरियर को छोड़ कर जया वर्मा की नज़रें रेलवे पर ही रहीं। शायद इस इश्क और जनून का ही असर था कि एक सदी से लंबी उम्र वाले रेलवे का प्रमुख पद आज उनके पास है। यह नियुक्ति एक सप्ताह पहले ही हो गई थी लेकिन कार्यभार आज संभाला गया। फोटोग्राफी से भी बेहद लगाव, उधर आई पी इस सेवा को भी चुना लेकिन फैसला हुआ रेलवे के हक़ में। इसके साथ ही एक इत्तफाक भी देखिए कि जब जीवन साथी के चुनाव का समय आया तो जया वर्मा ने सात फेरे ले लिए एक सफल आई पी ऐसी अधिकारी नीरज सिन्हा के साथ। यह भी प्राकृति का संयोग ही कहिए कि नीरज को रेलवे की नौकरी रास नहीं आ रही थी उन्होंने रेलवे को छोड़ कर आई पी इस सेवा मैं आना ठीक समझा। कई बार ज़िंदगी सचमुच दीवार पर लगने वाले पुरानी किस्म की उस घड़ी जैसी लगती है जिसका पेंडुलम एक सिरे से दूसरे सिरे की तरफ घूमता रहता है. इसी से हमारे सामने आता है सही वक्त। जया वर्मा सिन्हा और नीरज सिन्हा के बेहतरीन वक्त को देख कर इसी पेंडुलम की याद आने लगती है। आजकल शायद पेंडुलम वाली दीवारी घडियां आम तौर पर नहीं आ रहीं लेकिन कभी इन्हीं का ज़माना हुआ करता था। घर परिवार के जीवंत सदस्य का आभास होता था इस दीवारी घड़ी को देख कर। इसका रुकना अपशकुन माना जाता था। न वक्त रुकता है न ही रेलवे का मिशन। एक कोने को दुसरे कोने से जोड़ने वाले रेलवे का संचालन अब एक बेहद काबिल महिला के हाथ में  है। आप इस सारे संचालन को आज के हमारे संसार की जीवन रेखा कह सकते हैं। 

भारतीय रेलवे या भारतीय रेल जिसे संक्षिप्त में भा.रे. भी कहा जाने लगा है, यह भारत सरकार द्वारा नियंत्रित एक ऐसी सार्वजनिक रेलवे सेवा है जिसकी विराटता को देख कर गर्व का अहसास होने लगता है। कुछ समय पूर्व के आंकड़ों के मुताबिक भारत में रेलवे की कुल लंबाई 115,000 किलोमीटर है। अपने सरे सिस्टम द्वारा भारतीय रेल रोजाना करीब 2 करोड़ 31 लाख  अर्थात लगभग पूरे ऑस्ट्रेलिया देश की जनसंख्या के बराबर यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोती है। भारतीय रेलवे के स्वामित्व में, भारतीय रेलवे में 12147 लोकोमोटिव, 74003 यात्री कोच और 289185 वैगन हैं और 8702 यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल 13523 ट्रेनें चलती हैं। भारतीय रेलवे में 300 रेलवे यार्ड, 2300 माल ढुलाई और 700 मरम्मत केंद्र हैं। यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है। 12.27 लाख कर्मचारियों के साथ, भारतीय रेलवे दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी व्यावसायिक इकाई है। रेलवे विभाग भारत सरकार के मध्य रेलवे विभाग का एक प्रभाग है, जो भारत में संपूर्ण रेलवे नेटवर्क की योजना बना रहा है। रेलवे विभाग की देखरेख रेलवे विभाग के कैबिनेट मंत्री द्वारा की जाती है और रेलवे विभाग की योजना रेलवे बोर्ड द्वारा बनाई जाती है।

यह भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक है। यह न केवल देश की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्‍ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। 

इतने बड़े ढांचे और सिस्टम को चलाना सहज भी नहीं होता। इस के अनुशासन भी कुशलता से करना होता है। इस बार इसकी ज़िम्मेदारी पहली बार एक महिला अधिकारी को दी गई है। बहुत बड़े नेटवर्क को बेहद कुशलता से नियंत्रित करना होता है। ध्यान रखना होता है की ज़रा सी भी चूक न हो जाए। 

श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने आज रेल भवन में रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) के नए अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभाल लिया। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने श्रीमती जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति को स्वीकृति दी है। जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में भारतीय रेलवे के इस शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं।

इससे पहले श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के तौर पर कार्य किया है। श्रीमती सिन्हा भारतीय रेलवे में माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के समग्र परिवहन का दायित्व भी संभाल चुकी हैं।

श्रीमती जया वर्मा सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) में शामिल हुईं। भारतीय रेलवे में अपने 35 साल से अधिक के करियर में उन्होंने रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) अपर सदस्य, यातायात परिवहन जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने परिचालन, वाणिज्यिक, आईटी और सतर्कता सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। वह दक्षिण-पूर्व रेलवे की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला भी रही हैं। उन्होंने बांग्लादेश के ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी कार्य किया, उनके इस कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक प्रसिद्ध मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था।

गौरतलब है कि श्रीमती सिन्हा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं और उन्हें फोटोग्राफी में गहरी रुचि है। उनकी इस कला पर हम अलग से चचा करेंगे बहुत जल्द। 

*** PIB//एमजी/एमएस/एसएस/एचबी//(रिलीज़ आईडी: 1953968) 

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