Saturday, October 27, 2012

रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग

26-अक्टूबर-2012 19:53 IST
भारत और स्‍पेन ने किए एक समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्‍ताक्षर
सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा रेल मंत्री डॉ. सी पी जोशी और स्‍पेन की सार्वजनिक कार्य एवं परिवहन मंत्री सुश्री एना पास्‍टर जुलियन ने आज रेलवे सेक्‍टर के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर एक समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय रेल और स्‍पेन के एडीआईएफ (स्‍पैनिश रेलवे इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर मैंनेजर) और आरईएनएफई-ओपराडोरा के बीच किया गया है। 
इस समझौते ज्ञापन पत्र के अंतर्गत दोनों देश तीव्रगति रेलों, वर्तमान पटरियों पर यात्री रेलों की गति में सुधार, रेल अभियानों की सुरक्षा में सुधार, रोलिंग स्‍टाक का आधुनिकीकरण, रेल पटरी, पुल, सुरंग, ओएचई, बिजली आपूर्ति प्रणाली, सिग्‍नल और दूरसंचार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निर्माण और रखरखाव तकनीकी तथा रेल से संबंधित तकनीकी विकास से जुड़े अन्‍य सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देंगे।                       (PIB)
वि.कासोटिया/संजीव/दयाशंकर – 5100

Friday, October 12, 2012

विशेष ट्रेनों द्वारा 4000 से अधिक फेरे लगाए जाएंगे

11-अक्टूबर-2012 19:05 IST
त्‍यौहारों के दौरान यात्रियों के आवागमन के लिए रेलवे के प्रबंध
भारतीय रेल अक्‍तूबर, 2012 से नवंबर 2012 के मध्‍य त्‍यौहारों के दौरान यात्रियों के अतिरिक्‍त भीड़ को आवागमन उपलब्‍ध कराने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। इस अवधि के दौरान विशेष ट्रेनों द्वारा 4000 से अधिक फेरे लगाए जाएंगे। इन विशेष ट्रेनों की योजना पूरे देशभर में फैले रेलवे के सभी मंडल कार्यालयों द्वारा 35 विभिन्‍न प्रचलित मार्गों पर की गई है। इसके अतिरिक्‍त नियमि‍त ट्रेनों में भी आवश्‍यकता होने पर अतिरिक्‍त डिब्‍बों की व्‍यवस्‍था की जाएगी। इनमें से छह ट्रेनें अनारक्षित, 12 पूर्णत: वातानुकूलित और चार सुपरफास्‍ट श्रेणी की होगी। ये विशेष ट्रेनें नई दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, बैंगलोर, जम्‍मू तवी, जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, पटना, चंडीगढ़, चेन्‍नई, रक्‍सौल, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर, वाराणसी, दरभंगा, पुरी, इंदौर, सिकंदराबाद आदि शहरों को एक दूसरे से जोड़ेंगी। 

रेलवे के क्षेत्रीय मंडलों और कार्यालयों द्वारा यात्रियों को इस दौरान सहायता पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। विशेष ट्रेनों के बारे में स्‍थानीय स्‍तर पर पर्याप्‍त जानकारी दी गई है। 

विशेष ट्रेनों के बारे में जानकारी रेलवे की वेबसाइट www.indianrailways.gov.in और संबंधित क्षेत्रीय रेलवे मंडलों की वेबसाइट पर भी उपलब्‍ध है। (PIB)

Monday, October 8, 2012

भारतीय रेल

08-अक्टूबर-2012 16:36 IST
सुरक्षित यात्रा के लिए बहुआयामी रणनीति:कई नई योजनायें 
                                                                                                                                                    Courtesy Photo
भारतीय रेलवे सुरक्षित, तेज, स्‍वच्‍छ और आरामदायक यात्री रेलगाडि़यां प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रहा है। बजट में की गई घोषणा के अनुसार 350 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने वाली रेलगाडि़यां (जिन्‍हें आमतौर पर बुलेट ट्रेन कहा जाता है) चलाने की संभावनाओं का अध्‍ययन कराने के लिए सात गलियारों की पहचान की गई है। ये गलियारे सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये स्‍थापित किये जाएंगे। जापान की मदद से दिल्‍ली-मुंबई मार्ग पर रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए एक अध्‍ययन किया जा रहा है जिसे सेमी हाई स्‍पीड नाम दिया गया है। 

इसके साथ ही भारतीय रेलवे 130-160 किमी/घंटे की रफ्तार से इंटरसिटी यात्राओं के लिए इलेक्‍ट्रीकल मल्‍टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन सेट हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है। ट्रेन सेट टेक्‍नोलॉजी को अपनाने की घोषणा इस वर्ष के रेल बजट में भी की गई थी। भारतीय रेलवे ने निकट भविष्‍य में ऐसी आधुनिक ईएमयू ट्रेनों के सेट डिजाइन करने का प्रस्‍ताव रखा है जब शताब्‍दी/राजधानी ट्रेनों को वर्तमान पटरियों और सिगनलिंग ढांचे पर अतिरिक्‍त खर्च किये बिना 130 किमीप्रतिघंटा/150 किमीप्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाया जा सकेगा। राजधानी ट्रेनके मार्ग पर वर्तमान रेल पटरियां 150 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के योग्‍य हैं लेकिन स्‍पीड को लेकर अनेक प्रतिबंधों के कारण राजधानी/शताब्‍दी की औसत रफ्तार 90 किमी. प्रति घंटा से कम है। प्रस्‍तावित आधुनिक ईएमयू ट्रेनें इन प्रतिबंधों से मुक्‍त होंगी और तेज तथा सुरक्षित आवाजाही की व्‍यवस्‍था प्रदान करेंगी। इनसे समय भी कम लगेगा। 

प्रस्‍तावित ईएमयू ट्रेन सेटों में 21 कोच हो सकते हैं। ईएमयू ट्रेन सेट ऊर्जा प्रभावोत्‍पादक, एरोडायनेमिकली डिजाइन की हुई हल्‍के वजन वाली हैं। ट्रेन को वर्तमान 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर बिना अतिरिक्‍त खर्च के हावड़ा और नई दिल्‍ली के बीच 2.5 से 3.0 घंटा समय कम लगेगा। आधुनिक ट्रेन सेट पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल हैं, आवाज रहित, 30 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत वाली हैं और इनसे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता। ट्रेन सेट तीन चरण वाले आधुनिक आईजीबीटी टेक्‍नोलॉजी से लैस हैं और इनके रखरखाव पर बहुत कम खर्च आता है। (PIB)

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