Friday, October 8, 2021

'मिले सुर मेरा तुम्हारा' गीत का नया संस्करण राष्ट्र को समर्पित

Posted On: 08 OCT 2021 12:52 PM by PIB Delhi

 राष्ट्र को समर्पित किया श्रीमती दर्शना जरदोश ने 


'मिले सुर मेरा तुम्हारा' गीत का नया संस्करण में काफी कुछ नया है 

इसे सभी रेलवे कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा तैयार किया और गाया गया है

रेल एवं कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' गीत का नया संस्करण राष्ट्र को समर्पित किया। इस गाने का नया संस्करण रेलवे कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने तैयार किया है। इस कार्यक्रम के दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनीत शर्मा और रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।  

गीत का वीडियो लिंक नीचे दिया गया है:


यह गीत भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने और अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय रेलवे की विशिष्ट उपलब्धियों, विकास तथा एकीकरण को प्रदर्शित करने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा की जा रही पहल का हिस्सा है।

इस अवसर पर श्रीमती दर्शना जरदोश ने कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में यह गीत विविधता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है। इस गाने का नया संस्करण न केवल रेल कर्मचारियों को बल्कि पूरे देश को भी प्रेरित करेगा। इतना ही नहीं यह गीत आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा।"

यह गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' का एक नया संस्करण है, जिसे पहली बार वर्ष 1988 में स्वतंत्रता दिवस पर प्रसारित किया गया था। इसके लिए मूल गीत के बोल यथावत रखे गए हैं लेकिन संगीत को एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। यह गीत 13 अलग-अलग भाषाओं में गाया गया है, ताकि सभी रेलवे जोन में सौहार्द की भावना को बढ़ावा दिया जा सके।

इस गाने को विशेष रूप से रेलवे के कर्मचारियों ने गाया है। इसके वीडियो में रेलवे के विभिन्न कर्मचारी, प्रसिद्ध रेलवे खिलाड़ी, तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता, प्रसिद्ध हस्तियां, रेलवे अधिकारी और माननीय रेल मंत्री तथा माननीय रेल राज्य मंत्री नजर आए रहे हैं। 

Wednesday, August 25, 2021

रेल मंत्री को मिले सांसद मनीष तिवारी

25th August 2021 at 5:51 PM

बलाचौर को रेल लिंक से जोड़ने की मांग ज़ोरदार ढंग से उठाई 


चंडीगढ़//रोपड़: 25 अगस्त 2021: (गुरजीत बिल्ला//रेल स्क्रीन):: 

श्री आनन्दपुर साहिब से लोक सभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने रेल मंत्री अश्वनी वैश्नव के साथ मुलाकात करके हलके में रेलवे से जुड़े सुधारों की माँग की है। जिनमें मुख्य तौर पर बलाचौर को रेलवे लिंक से जोड़ने और रोपड़ रेलवे स्टेशन में सुधार लाए जाने की माँगें शामिल रहीं।

इस कड़ी में दिल्ली में रेल मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान सांसद मनीष तिवारी ने शहीद भगत सिंह नगर ज़िले के सब -डिवीज़न बलाचौर को लेकर कहा कि आज़ादी के बाद से अब तक यह इलाका रेल लिंक के द्वारा देश के बाकी हिस्सों से जुड़ नहीं सका है। जिस पर तीन तरह से काम हो सकता है, पहला - गढ़शंकर से श्री आनन्दपुर साहिब तक रेल लिंक स्थापित किया जाये, जिस को लेकर रेलवे पहले ही सर्वे कर चुका है ; दूसरा - राहों से रोपड़ तक रेल लिंक का निर्माण और तीसरा राहों से समराला तक रेल लिंक का निर्माण, जिस का फिर से सर्वे हो चुका है और शायद ट्रैफ़िक की समस्या के कारण इसको रोका गया है।

इसी तरह, रोपड़ रेलवे स्टेशन की स्थिति में सुधार किये जाने पर ज़ोर देते हुए सांसद तिवारी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण शहर है। यहाँ इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टैकनॉलॉजी भी स्थित है और देश भर से विद्यार्थी यहाँ पढ़ने आते हैं। यह आसपास के गाँवों के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। परन्तु मौजूदा समय में रोपड़ रेलवे स्टेशन पर सिर्फ़ एक ही प्लेटफार्म है, जिस कारण यात्रियों को गाड़ी में चढ़ने और उतरते समय पर काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कई हादसे भी हो चुके हैं। यहाँ कई लम्बी दूरी की गाड़ीयां रुकने के बावजूद स्टेशन की हालत में सुधार नहीं हुआ है।

उन्होंने रेल मंत्री को कहा कि आपके मंत्रालय ने रेल दुर्घटनाओं को घटाने और यात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि पर ज़ोर दिया है। ऐसे में रोपड़ रेलवे स्टेशन पर और प्लेटफार्म का निर्माण ज़रूरी है।


इसी तरह, सांसद तिवारी ने कुराली रेलवे स्टेशन पर जन शताब्दी और हावड़ा मेल रेल गाड़ीयों को रोके जाने की माँग भी की है, जिसको लेकर इलाके के लोगों द्वारा लम्बे समय से माँग की जा रही थी।

Monday, July 19, 2021

स्मार्ट कोचों के उपयोग के साथ रेल में यात्रा का नया दौर शुरू

 19-जुलाई-2021 19:00 IST

 इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम सुस्सजित होंगें ये नए स्मार्ट कोच  


नई दिल्ली
: 19 जुलाई 2021: (
पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

भारतीय रेलवे ने इंटेलिजेंट सेंसर आधारित सिस्टम से लैस आधुनिक तेजस कोचों के साथ राजधानी एक्सप्रेस का परिचालन शुरू किया नई ट्रेन में यात्रियों की बेहतर सुरक्षा और आराम की दृष्टि से विशेष स्मार्ट खूबियां होंगी तेजस स्मार्ट कोच के उपयोग के साथ भारतीय रेलवे का लक्ष्य निवारक रखरखाव के बजाय आगामी जरूरतों के अनुरूप रखरखाव की ओर बढ़ना है यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे द्वारा बड़ा बदलाव

पश्चिम रेलवे ने नए अपग्रेड किए गए तेजस स्लीपर कोच रैक की शुरुआत के साथ भारतीय रेलवे में ज्यादा आराम के साथ रेल के सफर से जुड़े अनुभव का एक नया दौर शुरू किया जा रहा है। ज्यादा अच्छी खूबियों से लैस चमकीले सुनहरे रंग के इन डिब्बों (कोच) को रेलवे के प्रतिष्ठित मुंबई राजधानी एक्सप्रेस को चलाने और अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ यात्रा का अनुभव प्रदान करने के इरादे से जोड़ा जा रहा है। इस नई रैक का सोमवार, 19 जुलाई, 2021 को पहली बार परिचालन हुआ। पश्चिम रेलवे की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में से एक ट्रेन संख्या 02951/52 मुंबई- नई दिल्ली राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस की मौजूदा रैक को बिल्कुल नए तेजस टाइप स्लीपर कोचों से बदला जा रहा है। राजधानी एक्सप्रेस के रूप में संचालन के लिए दो तेजस टाइप स्लीपर कोच रैक तैयार कर दिए गए हैं। इन दोनों रैक में से, एक रैक में विशेष तेजस स्मार्ट स्लीपर कोच शामिल हैं, जो भारतीय रेल द्वारा शुरू की जाने वाली अपनी तरह की पहली ट्रेन है।

इस नई ट्रेन में यात्रियों की बेहतर सुरक्षा और आराम की दृष्टि से विशेष स्मार्ट खूबियां होंगी। स्मार्ट कोच का उद्देश्य इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम की मदद से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है।

यह जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ प्रदान की गई यात्री सूचना और कोच कम्प्यूटिंग यूनिट (पीआईसीसीयू) से लैस है, जो रिमोट सर्वर को रिपोर्ट करता है। पीआईसीसीयू डब्ल्यूएसपी, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, टॉयलेट गंध सेंसर, पैनिक स्विच और आग का पता लगाने व अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत अन्य वस्तुओं, वायु गुणवत्ता और चोक फिल्टर सेंसर और ऊर्जा मीटर का डेटा रिकॉर्ड करेगा।

तेजस स्मार्ट कोच के इस्तेमाल से, भारतीय रेल का उद्देश्य निवारक रखरखाव के बजाय आगामी जरूरतों के अनुरूप रखरखाव की ओर बढ़ना है। लंबी दूरी के सफर के लिए इस आधुनिक तेजस स्लीपर टाइप ट्रेन की पेशकश, भारतीय रेल द्वारा यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव में सुधार के लिए बदलाव का एक अन्य उदाहरण है।

अतिरिक्त स्मार्ट विशेषताएं:

●  पीए/पीआईएस (यात्री घोषणा/यात्री सूचना प्रणाली): प्रत्येक कोच के अंदर दो एलसीडी यात्रियों को यात्रा सम्बंधी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे अगला स्टेशन, शेष दूरी, आगमन का अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा सम्बंधी संदेश प्रदर्शित करेंगे।

●  डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड: फ्लश टाइप एलईडी डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड प्रत्येक कोच पर प्रदर्शित डेटा को दो पंक्तियों में विभाजित करके स्थापित किया गया है। पहली पंक्ति ट्रेन संख्या और कोच प्रकार प्रदर्शित करती है जबकि दूसरी पंक्ति गंतव्य और मध्यवर्ती स्टेशन के स्क्रॉलिंग टेक्स्ट को कई भाषाओं में प्रदर्शित करती है।

●   सुरक्षा और निगरानी: प्रत्येक कोच में छह कैमरे लगे हैं, जो लाइव रिकॉर्डिंग करते हैं। दिन-रात दृष्टि क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे, कम रोशनी की स्थिति में भी चेहरे की पहचान, नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर लगाये गये हैं।

●   स्वचालित प्लग द्वार: सभी मुख्य प्रवेश द्वार गार्ड द्वारा केंद्रीकृत नियंत्रित हैं। जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं हो जाते तब तक ट्रेन नहीं चलेगी।

●   फायर अलार्म, डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम: सभी कोचों में ऑटोमैटिक फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम लगाये गये हैं। पेंट्री और पावर कारों में आग लगने का पता चलने पर स्वचालित अग्नि शमन प्रणाली कार्य शुरू कर देती है।

●   आपातकालीन चिकित्सा या सुरक्षा जैसी आपात स्थिति में टॉक बैक पर बात की जा सकती है।

●   बेहतर टॉयलेट यूनिट: एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग, जेल कोटेड शेल्फ, नए डिजाइन का डस्टबिन, डोर लैच एक्टिवेटेड लाइट, एंगेजमेंट डिस्प्ले के साथ लगाये गये हैं।

●    शौचालय ऑक्यूपेंसी सेंसर: प्रत्येक कोच के अंदर शौचालय ऑक्यूपेंसी को स्वचालित रूप से प्रदर्शित किया जाता है।

●   शौचालयों में पैनिक बटन: किसी भी आपात स्थिति के लिए इस बटन को प्रत्येक शौचालय में लगाया गया है।

●   टॉयलेट एनुसिएशन सेंसर इंटेग्रेशन (टीएएसआई): प्रत्येक कोच में दो टॉयलेट एनुसिएशन  सेंसर इंटीग्रेशन लगे हैं, जो उपयोग के समय 'शौचालयों में क्या करें और क्या न करें' की घोषणा को प्रसारित करेंगे।

●   बायो-वैक्यूम शौचालय प्रणाली: बेहतर फ्लशिंग के कारण शौचालय में बेहतर स्वच्छता प्रदान करता है और प्रति फ्लश पानी भी बचाता है।

●   स्टेनलेस स्टील अंडर-फ्रेम: पूरा अंडर-फ्रेम ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील (एसएस 201 एलएन) का है जो कम जंग के कारण कोच के जीवन को बढ़ाता है।

●   एयर सस्पेंशन बोगियां: इन कोचों के यात्री आराम और सवारी की गुणवत्ता में सुधार के लिए बोगियों में एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाए गए है।

●   संरक्षा में सुधार के लिए बेयरिंग, व्हील के लिए ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम।

●   एचवीएसी - एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वायु गुणवत्ता माप।

●   वास्तविक समय के आधार पर पानी की उपलब्धता को इंगित करने के लिए जल स्तर सेंसर।

●   बनावट वाली बाहरी पीवीसी फिल्म: बाहरी बनावट में टेक्सचर्ड पीवीसी फिल्म के साथ उपलब्धता।

●  बेहतर इंटीरियर: आग प्रतिरोधी सिलिकॉन फोम वाली सीटें और बर्थ यात्रियों को बेहतर आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

●  खिड़की पर रोलर ब्लाइंड: पर्दों के बजाय आसान सैनिटाइजेशन के लिए रोलर ब्लाइंड्स दिए गए हैं।

●   मोबाइल चार्जिंग पॉइंट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है।

●   बर्थ रीडिंग लाइट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है।

●   अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सुविधा: सुविधाजनक अपर बर्थ व्यवस्था।

तेजस टाइप स्लीपर कोच मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) में निर्मित हो रहे हैं, जो धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क पर लम्बी दूरी की प्रीमियम ट्रेनों में लगाये जायेंगे। (पीआईबी)

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एमजी/ एएम/ एसके

Saturday, July 17, 2021

जीवन के दो पहलु हैं--हरियाली और रास्ता

 रेल राज्य मंत्री सुश्री दर्शन विक्रम जर्दोश ने भी पौधे लगाए  


नई दिल्ली
: 17 जुलाई 2021: (
पीआईबी//रेल स्क्रीन):: 

भारतीय रेलवे एक जीवन रेखा की तरह है। ऊबड़-खाबड़ और  कठिन रास्तों  होती हुई रेल गाड़ियां दूर दराज पर बैठे लोगों का मिलन करवाती हैं। कभी कभी दूर भी ले जाती हैं। डयूटी पर  इसी पर  अपने घर परिवार से दूर सीमा पर चले जाते हैं। रेल गाड़ियों की इन दोनों तरह की भूमिकाओं पर बहुत से गीत लिखे जा चुके हैं लेकिन किसी ने न सोचा कई बार रेल का सफर  सा होता है। न कोई पेड़ न कोई पौधा। इसे रेल विभाग ने भी महसूस किया। हाल ही में जब उत्तरीय रेलवे के सेंट्रल अस्पताल में एक सादा सा कार्यक्रम रखा  गया तो उसमें रेलवे की केंद्रीय राज्य मंत्री सुश्री दर्शन विक्रम जर्दोश भी आईं। उन्होंने इस अवसर पौधे लगाने के अभियान में भी सक्रिय हो कर उत्साह से हिस्सा डाला। उन्होंने अपने हाथों से पौधे भी लगाए। 


Monday, July 5, 2021

रेलवे भर्ती परीक्षा का 7वां अर्थात अंतिम चरण 23 जुलाई से

05-जुलाई-2021 17:29 IST

देश भर के 76 शहरों  के करीब 260 केंद्रों में होगी यह परीक्षा 

नई दिल्ली: 5 जुलाई 2021: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

रेल की नौकरी शुरू से ही लोगों में आकरसहन का केंद्र रही है। पक्की और मोती तनखाह के साथ साथ बहुत सी सुविधाएं बहुत से वर्गों को लुभाती रही हैं। निजीकरण के दौर में भी यह आकर्षण कम नहीं हुआ। अबकिबार हो रही परीक्षा के लिए भी बहुत से लोगों ने आवेदन किया है। विभिन्न पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा के लिए बहुत से केंद्र बनाए गए हैं। कोविड नियमों की सख्ती से पालना होगी और सभी नियम पूरी सख्ती से लागू होंगें।  विभिन्न गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी ग्रेजुएट एवं अंडरग्रेजुएट) के पदों (एनटीपीसी-सीईएन 01/2019) के लिए रेलवे भर्ती परीक्षा का सातवां अर्थात अंतिम चरण 23 जुलाई, 2021 से शुरू होगा। 

लगभग 2.78 लाख उम्मीदवारों के लिए प्रथम स्तर की कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी-1) का सातवां अर्थात अंतिम चरण 23, 24, 26 एवं 31 जुलाई को निर्धारित है सीबीटी का आयोजन समुचित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करते हुए केंद्रों पर उपलब्ध 50 प्रतिशत की क्षमता के उपयोग की अनुमति के साथ देश भर के 76 शहरों में लगभग 260 केंद्रों में एसडी-50 मॉड्यूल का उपयोग करते हुए सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है सभी आरआरबी आधिकारिक वेबसाइटों पर पहले ही एक हेल्प डेस्क उपलब्ध कराया जा चुका है, उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण के लिए इस हेल्प डेस्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है निर्धारित परीक्षा वाले शहरों में ई-कॉल लेटरों एवं डेट इंटीमेंशन लिंक को परीक्षा की तिथि से 4 दिन पहले डाउनलोड किया जा सकेगा उम्मीदवारों को कॉल लेटर के साथ जारी कोविड संबंधित दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने का सुझाव दिया गया है और फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य है

कोविड-19 से संबंधित सख्त प्रोटोकॉल तथा सावधानियों के साथ, 35,281 रिक्तियों वाली केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना संख्या 01/2019 के मुकाबले लगभग 1.23 करोड़ उम्मीदवारों के लिए प्रथम चरण कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के छह चरणों का संचालन 28 दिसंबर 2020 से 08 अप्रैल 2021 तक किया गया है। इसके अतिरिक्त, शेष 2.78 लाख उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा का सातवां अर्थात अंतिम चरण, जो देश भर को प्रभावित करने वाली कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण प्रभावित हुआ, अब 23, 24, 26 एवं 31 जुलाई, 2021 को निर्धारित किया गया है। इसके साथ, सभी उम्मीदवारों के लिए सीबीटी का पहला चरण संपन्न हो जाएगा।

सीबीटी का आयोजन समुचित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करते हुए केंद्रों पर उपलब्ध 50 प्रतिशत की क्षमता के उपयोग की अनुमति के साथ देश भर के 76 शहरों में लगभग 260 केंद्रों में एसडी-50 मॉड्यूल का उपयोग करते हुए सख्त कोविड-10 प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है। अधिकांश उम्मीदवारों को उनके गृह राज्य में केंद्र आवंटित किए गए हैं। जहां राज्य के भीतर आवंटन संभव नहीं है, उम्मीदवारों को रेल संपर्क वाले पड़ोसी राज्य में समायोजित किया गया है।

इस चरण में निर्धारित उम्मीदवारों के लिए परीक्षा वाले शहर तथा तिथि को देखने के लिए लिंक तथा एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए निःशुल्क यात्रा अथॉरिटी की डाउनलोडिंग सभी आरआरबी वेबसाइटों पर परीक्षा से 10 दिन पहले उपलब्ध करा दी जाएगी। निर्धारित परीक्षा वाले शहरों में ई-कॉल लेटरों एवं डेट इंटीमेंशन लिंक को परीक्षा की तिथि से 4 दिन पहले डाउनलोड किया जा सकेगा। सातवें चरण में निर्धारित सभी उम्मीदवारों के लिए आवश्यक सूचना उनके ऑनलाइन आवेदनों में किए गए उनके ई-मेल तथा मोबाइल नंबरों पर भी भेजी जा रही है। भर्ती प्रक्रिया पर ताजा जानकारी के लिए उम्मीदवारों को केवल आरआरबी की आधिकारिक वेबसाइटों को देखने का सुझाव दिया है। कृपया अनधिकृत स्रोतों से भ्रमित न हों। सभी आरआरबी आधिकारिक वेबसाइटों पर पहले ही एक हेल्प डेस्क उपलब्ध कराया जा चुका है। उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण के लिए इस हेल्प डेस्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

उम्मीदवारों को कॉल लेटर के साथ जारी कोविड संबंधित दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने का सुझाव दिया गया है। फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य है। उम्मीदवारों को प्रवेश करने की अनुमति तभी मिलेगी जब उन्होंने फेस मास्क पहना होगा और साथ ही फेस मास्क को पूरे समय पहन कर रखना होगा (सिवाये फोटो लेने के समय को छोड़कर)। उम्मीदवारों को ई-कॉल लेटर के साथ अपलोड किए गए निर्देशों को सावधानीपूर्व पढ़ने और उनका अनुपालन करने की भी सलाह दी जाती है। विशेष रूप से प्रतिबंधित वस्तुएं: मोबाइल फोन, पेजर, घड़ियां, ब्लूटूथ इनेबल्ड डिवाइस, कैलकुलेटर, मैटेलिक परिधान, चूड़ियां, बेल्ट, ब्रैसलेट आदि को परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं है।

आरआरबी ने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर का अनिवार्य उपयोग, परीक्षा के संचालन के लिए शिफ्टों में कटौती सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का अनुसरण करते हुए कोविड-19 महामारी के समय में इतने बड़े स्तर पर परीक्षाओं का संचालन करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। आरआरबी सीबीटी का सुगम संचालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्य प्राधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है। (पीआईबी)

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एमजी/एएम/एसकेजे/एसके

Saturday, April 3, 2021

श्री पीयूष गोयल ने लिखा रेल परिवार को विशेष आभार पत्र

 03-अप्रैल-2021 11:08 IST

कोविड काल में दिखाए समर्पण और कठिन प्रयासों के लिए दिया धन्यवाद


नई दिल्ली
: 03 अप्रैल 2021: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::  

भारतीय रेल का एक लम्बा इतिहास है। देश को जोड़ने और आगे बढ़ाने में रेल की भूमिका अभूतपूर्व रही है। देश में एकता और अखंडता की भावना को मज़बूत किया है इसी रेल ने। जब मार्च 2020 में कोविड ने विकराल रूप ले कर कदम रखा तो उस समय भी भारतीय रेल ने समर्पण की एक अभूतपूर्व मिसाल पैदा की। जब लॉक डाउन था तो तकरीबन तकरीबन एक सनसनी भरी ख़ामोशी छ गई थी। कामकाज रुक गए थे। उस बेहद कठिन दौर में भी केवल भारतीय रेल के कारन आवश्यक चीज़ों को एक से दूसरी जगह पर लाने और लेजाने की ज़िम्मेदारी को पूरी गंभीरता से निभाया भारतीय रेल ने। जब हम सभी लोग घरों में रह कर खुद को सुरक्षित रखने के प्रयास कर रहे थे उस समय रेल परिवार सक्रिय था। खुद की ज़िंदगी को दांव पर लगा कर देश के हर कोने में ज़रूरी चीज़ें पहुंचा रहा था। कुर्बानियों से भरी उन्हीं भावनाओं देखते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक विशेष आभार पत्र रेल परिवार को लिखा है।  

उस पत्र में श्री गोयल कहते हैं कि अपनों के खोने के दुःख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, लेकिन आपका धैर्य और संकल्प ही है जिसने इस अभूतपूर्व कोविड महामारी पर विजय प्राप्त किया है। 

श्री पीयूष गोयल ने आज रेल परिवार को उनके समर्पण और कठिन प्रयासों और कोविड वर्ष में लगभग सभी रिकॉर्डों को तोड़ने के लिए धन्यवाद दिया।

रेल परिवार को लिखते समय, रेल, वाणिज्य और उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा मैं बहुत गर्व, संतुष्टि और कृतज्ञता के साथ आपको सूचित कर रहा हूँ कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में एक और वित्तीय वर्ष का समापन हो रहा है। पिछले वर्ष जैसा अनुभव हम सब ने पहले कभी नहीं किया है। अपनों के खोने के दुःख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, लेकिन आपका धैर्य और संकल्प ही है जिसने इस अभूतपूर्व कोविड महामारी पर विजय प्राप्त किया है। 

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि महामारी के दौरान, हमारे रेल परिवार ने खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। जब पूरा विश्व ठहर गया था, तब रेल कर्मचारियों ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और व्यक्तिगत जोखिम उठाते हुए पहले से ज्यादा परिश्रम करते रहे ताकि अर्थव्यवस्था के पहियों को चालू रखा जा सके। आपकी प्रतिबद्धता के कारण, हमने पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की, चाहे वह बिजली संयंत्रों के लिए कोयला हो, किसानों के लिए खाद हो या उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्न हो। देश कोविड के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में हमेशा आपके योगदान को याद रखेगा। आपकी प्रबल इच्छाशक्ति की वजह से, हमने इस संकट को एक अवसर में बदल दिया। 

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 63 लाख से अधिक फंसे हुए नागरिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। लॉकडाउन के समय कई सारे प्रतिबंधों के बावजूद, 370 सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रमुख काम संपन्न किये गए। किसान रेल सेवा हमारे अन्नदाताओं को बड़े बाजारों से जोड़ने का माध्यम बनी। आपने अपनी सेवा के माध्यम से इसे संभव बनाया और बदले में लाखों लोगों के दिलों और जीवन को छुआ।

श्री पीयूष गोयल ने लिखा कि यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि रेलवे ने अपने कार्यों के माध्यम से आर्थिक रिकवरी की अगुवाई की है। 1,233 मिलियन टन माल की ढुलाई की गई, जो किसी भी वर्ष की तुलना में सबसे अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में 6,015 RKM रेल विद्युतीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ है। जैसा कि कहा जाता है कि, "रिकॉर्ड टूटने के लिए होते हैं" और भारतीय रेल से बेहतर यह कोई भी नहीं कर सकता है। आज, रेलवे ग्राहक-केंद्रित है और अपनी गति में सुधार के साथ-साथ परिचालन दक्षता के लिए कई कदम उठा रही है। इसका परिणाम भी दिख रहा है, क्योंकि मालगाड़ियों की औसत गति लगभग दोगुनी होकर 44 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है और यात्री ट्रेनों की समयनिष्ठा 96% के स्तर पर बनाई रखी गई है। गत दो वर्षों में यात्री मृत्यु दर शून्य रही और रेल दुर्घटनाओं में भी भारी कमी आई है।   

श्री पीयूष गोयल ने  रेल परिवार धन्यवाद देते हुए लिखा कि आपके समर्पण और शानदार प्रयासों के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस प्रेरित टीम के साथ हम लगातार रिकॉर्ड तोड़ते रहेंगे, बड़े लक्ष्य हासिल करेंगे, अपने प्रदर्शन से दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देंगे।

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डीजेऍन /एमकेवी 

Saturday, March 20, 2021

महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे उठा रहा है कई नए कदम

 20-मार्च-2021 13:08 IST

नए कदमों के लिए बाकायदा दिशा निर्देश भी जारी 

नई दिल्ली: 20 मार्च 2021: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

Pexels Photo by Omkar Pandhare
रेल सफर के दौरान महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बहुत पुराना है और इस तरफ ध्यान की आवश्यकता भी काफी लम्बे समय से महसूस की जा रही है। महिला यात्रियों के लिए अलग डिब्बे लगा कर भी इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सका जा सका। समाज विरोधी अपराधी तत्व इन डिब्बों में भी जबरदस्ती घुस जाते हैं और पुलिस के आने तक हुड़दंग जारी रखते हैं। पुलिस सुरक्षा बलों के जावैं के जवान कई बार दुसरे डिब्बों में गश्त कर रहे होते हैं इस लिए इनकी मनमानी चलती रहती है। तकरीबन तकरीबन यही हुड़दंग अपाहिज यात्रियों के लिए  भी देखा जा सकता है। अब एक बार फिर रेलवे इस दिशा में ठोस कदम उठाने जा रहा है। भारतीय रेलवे ने रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। 

​​​​​​​इन दिशा-निर्देशों में कार्य योजना, निवारक उपाय, लोगों को अपराधों के प्रति जागरूक करना, असुरक्षित क्षेत्रों की पहचान कर उनकी निगरानी करना और यात्रियों के लिए सूचना तथा विशेष उपाय शामिल हैं इन दिशा-निर्देशों में क्षेत्रीय रेलवे और उत्‍पादन इकाइयों को सलाह दी गई हैं कि सक्रिय उपाय अपना कर वे स्‍थानीय परिस्थितियों व जरूरतों के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अन्‍य प्रणालियों को लागू कर सकते हैं

भारतीय रेलवे से प्रतिदिन 23 मिलियन करोड़ यात्री सफर करते हैं जिनमें से 20 प्रतिशत अर्थात् 4.6 मिलियन महिलाएं हैं। हाल के दिनों में रेलगाडि़यों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं चिंता का प्रमुख विषय रही हैं। इसलिए महिला यात्रियों की सुरक्षा तथा रेलवे में महिलाओं के खिलाफ अत्‍याचारों को कम करने की दिशा  में भारतीय रेलवे ने एक केन्द्रित योजना के तौर पर निम्‍न कदम उठाए हैं।

रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने सभी क्षेत्रीय रेलवे और उत्‍पादन इकाइयों को जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनमें निम्‍नलिखित क्षेत्र शामिल हैं-

कार्ययोजनाः

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कार्ययोजना को अल्‍पकालिक और दीर्घकालिक योजना के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। अल्‍पकालिक योजना को मौजूदा संसाधनों के साथ प्राथमिकता के आधार पर बिना किसी देरी के तुरंत लागू किया जाना चाहिए। इस कार्य योजना में संदिग्‍धों पर नजर रखना और असुरक्षित क्षेत्रों के ड्यूटी अधिकारियों और स्‍टाफ कर्मचारियों द्वारा नियमित निरीक्षण करना शामिल है। हालांकि दीर्घकालिक योजना में आधारभूत संरचना क्षेत्र में सुधार, सीसीटीवी की स्‍थापना और लाइट मास्‍ट लगाना शामिल है, जिसमें काफी समय लग सकता है। इसे देखते हुए संबंधित प्राधिकारियों द्वारा इस काम के पूरा होने तक इसकी निगरानी की जानी चाहिए और उन अस्‍थायी कार्यों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए जो स्थिति में सुधार करने की दिशा में प्रभावी हो सकते हैं। इस तरह के उपायों को न्‍यूनतम खर्च और उपलब्‍ध संसाधनों की मदद से लागू किया जा सकता है।

अपनाए जाने वाले निवारक उपाय

1.    चिन्हित रेलवे स्‍टेशनों में अपराध की दृष्टि से संवेदनशील सभी क्षेत्रों, घूमने-फिरने के स्‍थान, पार्किंग, फुट ओवर ब्रिज, संपर्क सड़कों, प्‍लेटफॉर्म के किनारे, रेलों की सफाई करने वाली लाइनों, डीईएमयू/ईएमयू, कार शेड्स, रख-रखाव डिपो इत्‍यादि के आस-पास प्रकाश की उचित व्‍यवस्‍था सु‍निश्चित की जानी चाहिए।

2.    प्‍लेटफॉर्मों/यार्डों में काफी समय से खाली पड़े ढांचों और क्‍वार्टरों निर्जन स्‍थानों पर खड़ी इमारतों, जिनकी निगरानी नहीं होती उन्‍हें इंजीनियरिंग विभाग के परामर्श से तुरंत ढहाया जाना चाहिए। ऐसे ढांचों अथवा क्‍वार्टरों को जब तक गिराया नहीं जाता तब तक ड्यूटी स्‍टाफ ऐसे समय खासकर रात और जब लोगों की उपस्थिति कम हो, उनकी नियमित तौर पर जांच की जानी चाहिए।

3.    अनाधिकृत प्रवेश और निकास मार्गों तथा इनमें लोगों की आवाजाही को बंद किया जाना चाहिए।

4.    रेलवे यार्डों, गड्ढ़ों और स्‍टेशनों के समीप रेलवे क्षेत्रों में उगी अवांछित वनस्‍पति और घास की नियमित तौर पर कटाई कर इन्‍हें साफ रखना चाहिए ताकि ये अपराधियों के छिपने का स्‍थान न बन सकें। इस प्रकार के स्‍थान अपराध की दृष्टि से काफी संवदेनशील होते हैं।

5.    प्रतीक्षालय कक्षों की नियमित तौर पर जांच-पड़ताल की जानी चाहिए और पूरी जांच तथा सत्‍यापन के बाद ही यहां पर लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए, खासकर रात और ऐसे समय जब यात्रियों की उपस्थिति कम हो। ऐसे कक्षों की ड्यूटी अधिकारियों द्वारा लगातार जांच की जानी चाहिए।

6.    यात्रियों से संबंधित सेवाओं में अनुबंध के आधार पर लगे कर्मचारियों का उचित पुलिस सत्‍यापन और पहचान पत्र होना जरूरी है और इसे मानक संचालन प्रक्रिया तथा जीसीसी के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए। रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में बिना पहचान पत्र के आने-जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

7.    रेलवे यार्डों और कोच डिपो में किसी भी अनाधिकृत व्‍यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और ऐसे स्‍थानों पर प्रवेश प्रणाली नियंत्रित की जानी चाहिए।

8.    खाली रेलगाडि़यों को सफाई लाइनों में भेजे जाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि सी एंड डब्‍ल्‍यू तथा इलेक्‍ट्रिकल स्‍टाफ ने इनकी पूरी जांच करने के बाद ही इन्‍हें बंद किया है। रेलवे यार्डों और उपयोग में नहीं लाई जाने वाली रेल लाइनों पर खड़े बेकार कोच (रेल डिब्‍बों) को पूरी तरह बंद रखा जाना जरूरी है और इनकी समय-समय जांच भी आवश्‍यक है।

9.    रेल डिब्‍बों के रख-रखाव से संबंधित गतिविधियों और उनकी साफ-सफाई के बाद वाशिंग लाइनों में इनकी पूरी जांच करने के बाद इन्‍हें बंद कर इसी अवस्‍था में प्‍लेटफॉर्म पर लाया जाना चाहिए।

10.   कोच यार्डों और डिपो में उपयुक्‍त बुनियादी सुरक्षा व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

11.   कोच डिपो और यार्डों में निगरानी प्रणाली भी लागू की जानी चाहिए।

12.   या‍त्री क्षेत्रों और इसके आसपास अवैध रूप से बनाए गए अतिक्रमणों को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाना चाहिए और रेलवे परिसरों में अनाधिकृत प्रवेश को बंद किया जाना चाहिए।

13.   भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को निःशुल्‍क इंटरनेट सेवा प्रदान कर रही है। इस प्रकार की सेवाओं को प्रदान करने वाले ऑपरेटरों के साथ समन्‍वय कर यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि इस सेवा के माध्‍यम से पॉर्न साइटों को तो नहीं देखा जा रहा है।

14.   रेलवे परिसरों में अवांछित/अनाधिकृत व्‍यक्तियों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और सभी रेलवे स्‍टेशनों, यार्डों और ऐसे अवांछित व असामाजिक तत्‍वों से मुक्‍त रखना चाहिए।

15.   रेलवे स्‍टेशनों और रेलगाड़ियों में शराब पीने वाले व्‍यक्तियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा सकते हैं।

16.   ऐसे अपराधों में लिप्‍त रेलवे स्‍टाफ के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।

17.   महिलाओं के खिलाफ अपराध वाले मामलों में जब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं होता है त‍ब तक ऐसे मामलों पर लगातार नज़र बनाए रखना जरूरी है।

लोगों को अपराधों के प्रति जागरूक करना

1.    सभी रेलवे कर्मचारियों और संविदा स्‍टाफ को अपराधों के प्रति जागरूक करना। रोलिंग स्‍टाफ की जांच में लगे कर्मचारियों, कुलियों और फेरी वालों, विक्रेताओं को अपराध की‍ किसी भी घटना की जानकारी बिना किसी देरी के पुलिस, आरपीएफ और स्‍टेशन मास्‍टर को देने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। इस उद्देश्‍य के लिए गैर-सरकारी संगठनों की मदद भी ली जा सकती है।

2.    आमतौर पर यह देखा गया है कि महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ के मामलों की अगर शिकायत न की जाए तो बाद में ऐसे मामलों और महिलाओं के प्रति अपराधों में काफी इजाफा हो जाता है। इस प्रकार के अपराधों को रोकने के उपायों के तहत जीआरपी/आरपीएफ अधिकारियों को ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’ की कोई भी शिकायत मिलने के तुरंत बाद इस पर आवश्‍यक कार्रवाई करनी चाहिए।

3.    रेलगाड़ियों में ड्यूटी पर जाने से पहले और ड्यूटी समाप्‍त करने के बाद सुरक्षा कार्यों में लगे कर्मचारियों की पोस्‍ट कमांडर/ड्यूटी ऑफिसर और शिफ्ट प्रभारी द्वारा नियमित ब्रीफिंग की जानी जरूरी है।

4.    सभी क्षेत्रीय रेलवे कार्यालय रेल यात्रियों को साफ-सफाई, महिलाओं का सम्‍मान करने, महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा के कानूनी प्रावधानों और इन नियमों का उल्‍लंघन करने वालों के लिए दंड संबंधी प्रावधानों के बारे में जागरूक बनाने के लिए नुक्‍कड़ नाटकों की मदद ली जा सकती है और इसके लिए सांस्‍कृतिक मंडली का भी उपयोग किया जा सकता है।

5.    सभी विभागों में काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को महिलाओं एवं बच्‍चों के प्रति उनकी ड्यूटी तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्‍न प्रशिक्षण संस्‍थानों में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्‍हें मुश्किल या संकटों का सामना करने वाली महिलाओं और बच्‍चों की पहचान करने, उनकी मदद करने, देखभाल और सुरक्षा करने के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्‍थानों/केन्‍द्रों में जहां रेलवे कर्मचारियों और आरपीएफ कर्मचारियों की शुरुआती/नियमित ट्रेनिंग होती है, उनमें विशेष जागरूकता कार्यक्रमों को शामिल किया जाना चाहिए।

6.    महिलाओं के प्रति अपराध और छेड़छाड़ की घटनाओं के बारे में सामने आकर उन्‍हें खुलकर बताने के लिए महिलाओं को जागरूक बनाने की दिशा में विशेष जागरूकता सत्रों का आयोजन किया जा सकता है।

अपराधों के लिहाज से चिन्हित असुरक्षित क्षेत्रों की निगरानी

1.    इस लिहाज से सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का प्रभावी तरीके से इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसे कैमरे जिन क्षेत्रों में लगाए गए हैं, उनकी समय-समय पर फुटेज की जांच भी की जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रेलवे प्‍लेटफॉर्म/यात्री क्षेत्रों में आने जाने वाले सभी लोग इन कैमरों के दायरों में हों।

2.    अपराधों की दृष्टि से असुरक्षित क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी प्रणाली अनिवार्य रूप से लगाई जानी चाहिए। सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन या इनमें कोई बदलाव लाने के दौरान ऐसे क्षेत्रों को हमेशा ध्‍यान में रखा जाना चाहिए।

3.    प्‍लेटफॉर्म पर महिला डिब्‍बों की स्थिति को निर्धारित किया जाना चाहिए और प्‍लेटफॉर्म पर एक ऐसे बिंदु पर ये कैमरे विशेष रूप से लगाए जाने चाहिए ताकि ये डिब्‍बे उनके समुचित दायरों में आ सकें।

4.    सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और इनसे जुड़ी अन्‍य संबंधित जानकारियों की जांच अधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर की जानी चाहिए।

5.    बलात्‍कार और मानव शरीर (महिलाओं) से संबंधित अन्‍य जघन्‍य अपराधों के लिए चिन्हित असुरक्षित क्षेत्रों की निगरानी में संबंधित आरपीएफ कार्यकारी स्‍टाफ के अलावा क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच और स्‍पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच का उपयोग किया जाना चाहिए।

6.    किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले अपराधियों की निगरानी रखने के लिए‘यौन अपराधियों पर राष्‍ट्रीय डाटा बेस का उपयोग किया जा सकता है।

रेलगाड़ियों में इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले विशेष उपाय

रेलगाड़ियों में इस प्रकार के अपराधों की संभावनाओं कोखत्म करने के प्रयासों के बारे में सुरक्षा कार्यों में लगे कर्मचारियों को इसके बारे में समुचित जानकारी प्रदान करना, खासकर रात के समय उन्‍हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

शौचालय सबसे आम स्‍थान हैं जहां अतीत में इस तरह की घटनाएं दर्ज की गई हैं और ऐसे में शौचालयों के पास लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई जानी जरूरी है।

आमतौर पर कोच अटेंडेंट/एसी मैकेनिक रेल डिब्‍बों में प्रवेश और निकासी गेटों के समीप अपनी आबंटित सीटों पर रहते हैं जहां से पूरे कोच में निगरानी करने में मदद मिल सकती है। पुलिस के एस्‍कॉर्ट दस्‍ते, रेलगाडि़यों के भीतर संदिग्‍ध गतिविधियों पर नजर रखने, उनकी जानकारी देने तथा इस प्रकार के अपराधों को कम करने बारे में जानकारी देने के लिए ऐसे कर्मचारियों और रेलगाड़ियों में लगातार घूमने वाले पैंट्री कार स्‍टाफ कोअपने भरोसे में ले सकते हैं।

रेल में यात्रा करने वाली अकेली महिलाओं और छोटे बच्‍चों को लेकर चलने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा ‘मेरी सहेली’पहल के तहत करने पर पूरा ध्‍यान दिया जाना चाहिए।

एस्‍कॉर्ट स्‍टाफ को यात्रियों खासकर महिलाओं के साथ विनम्र व्‍यवहार करने के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

रेलगाड़ियों के भीतर काम करने वाले सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के पहचान पत्रों की जांच एवं उनकी क्रॉस चैकिंग ट्रेन कैप्‍टन/अधीक्षक को कहा जाना चाहिए। पीसीएससी/एसआरडीसीसी को वाणिज्‍य, इलैक्ट्रिक, एसएनपी और मैकेनिकल विभाग के अपने समकक्षों के साथ बेहतर समन्‍वय सुनिश्चित करना चाहिए तथा इस बात को भी सुनिश्चित करना है कि बाहर से लिए गए सभी स्‍टाफ कर्मचारियों को उपयुक्‍त पुलिस जांच के बाद ही काम पर रखा जाए और उनके पास पहचान पत्र हों। इसके अलावा इन विभागों को क्रॉस चैकिंग भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रेल डिब्‍बों में लगे सीसीटीवी कैमरे और आपात प्रतिक्रिया प्रणाली पूरी तरह काम कर रही है और इनकी नियमित तौर पर देखभाल और जांच भी हो रही है।

आमतौर पर महिला यात्रियों के कोच रेलगाड़ी के अंत में ट्रेन गार्ड के समीप होते हैं और कई स्‍थानों पर ये प्‍लेटफॉर्म क्षेत्र से बाहर भी होते हैं। एस्‍कॉर्ट पार्टियों और स्‍टेशन आरपीएफ/जीआरपी स्‍टाफ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन स्‍टेशनों पर रेलगाड़ियां रुकती है वहां उनकी उपयुक्‍त जांच की जानी चाहिए।

रेलगाड़ियों और रेलवे यार्डों में सुरक्षा के कार्य में लगे स्‍टाफ को इस बात को लेकर सावधान रहना चाहिए कि जब रेलगाड़ी स्‍टेशन की ओर आती है या स्‍टेशन को छोड़ती है तो उस वक्‍त उसकी रफ्तार कम होती है और ऐसे में अपराधी चलती हुई रेलगाड़ी से प्राय: कूद जाते हैं। उन्‍हें इस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ट्रेनों से कूदने वाले व्‍यक्तियों को पकड़कर पूरी पूछताछ की जाए और कुछ भी गलत पाए जाने पर आवश्‍यक कार्रवाई की जाए।

यात्रियों के लिए सूचना/नोटिस

ट्रेन की टिकटों के पिछले हिस्‍से पर हेल्‍पलाइन नम्‍बरों की पूरी जानकारी मुद्रित की जाती है और इसके अलावा रेलवे द्वारा दिए गए हेल्‍पलाइन नम्‍बरों का व्‍यापक रूप से प्रचार किया जाना चाहिए।

लोगों को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और अन्‍य महत्‍वपूर्ण फोरम तथा उस क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ विशेष रूप से अपराधों के बारे में जानकारी देने के लिए उपलब्‍ध सुविधाओं के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

लोगों को वन स्‍टाप सेंटर के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए जो विशेष रूप से विभिन्‍न प्रकार की एकीकृत सेवाओं जैसे चिकित्‍सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी सलाह, अदालतों में मामलों के प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक काउंसलिंग और हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अस्‍थायी तौर पर आश्रय प्रदान करने के लिए ही बनाया गया है।

यात्रियों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में जागरूक बनाने के लिए उचित विज्ञापनों को विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म जैसे प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया आदि पर प्रकाशित किया जाना चाहिए।

भारतीय रेलवे की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों में सभी क्षेत्रीय रेलवे और उत्‍पादन इकाइयों को सलाह दी गई है कि ये दिशा-निर्देश केवल निर्देशात्‍मक हैं और विस्तृत नहीं है तथा क्षेत्रीय इकाइयां सक्रिय उपाय अपनाकर स्थानीय परिस्थितियों और जरूरतों के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अन्य प्रणालियों को लागू कर सकती हैं।

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एमजी/एएम/जेके/एमबी/एसके

Friday, March 5, 2021

प्लेटफार्म टिकट की कीमतों में वर्तमान वृद्धि "अस्थायी" उपाय

 05-मार्च-2021 14:57 IST

कोरोना के कारण भीड़भाड़ कम करना भी एक मकसद 

नई दिल्ली: 5 मार्च 2021: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

यह उपाय सीमित संख्या में रेलवे स्टेशनों पर किया जा रहा है जहाँ भारी भीड़ देखी जा रही है। (उदाहरण के लिए, यह मुंबई डिवीजन के कुल 78 स्टेशनों में से केवल 7 स्टेशनों पर ही है।) रेलवे स्टेशनों पर भीड़-भाड़ को रोकने के लिए 2015 के बाद से प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतें बढ़ाने की शक्तियां क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक-डीआरएम को प्रदान की गई हैं यह कई वर्षों से प्रचलन में है और इसे कभी-कभी कम समय के लिये भीड़ नियंत्रण उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बारे में कुछ भी नया नहीं है यह निर्णय आम तौर पर त्योहार के मौसम और मेला आदि के दौरान किया जाता है और धीरे-धीरे वापस ले लिया जाता है इस बार कोविड का प्रसार रोकने और केवल जनता के हित में यह निर्णय लिया गया है कई स्थानों पर, इसे लॉकडाउन के बाद पिछले वर्ष मार्च में लागू किया गया था (कुछ आदेश संलग्न किए जा रहे हैं)

प्लेटफॉर्म टिकट के मूल्य में वृद्धि के बारे में मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स आई हैं।

प्लेटफ़ॉर्म टिकट के मूल्य में वृद्धि एक अस्थायी उपाय है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए और स्टेशनों पर भीड़-भाड़ को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा शुरू की गई एक क्षेत्र गतिविधि है। स्टेशन पर जाने के लिए अधिक व्यक्तियों का पता लगाने, जमीनी हालात का आकलन करने के बाद समय-समय पर प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क में वृद्धि की जाती है। यह कई वर्षों से प्रचलन में है और इसे कभी-कभी अल्प अवधि के लिये भीड़ नियंत्रण उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बारे में कुछ भी नया नहीं है।

कुछ राज्यों में कोविड के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे प्लेटफार्मों पर अनावश्यक भीड़ बढाने से रोकने के लिये लोगों को हतोत्साहित कर रहा है। महामारी की स्थिति के दौरान प्लेटफार्मों पर भीड़ को रोकने के लिये यह उपाय आवश्यक है। यह उपाय केवल सार्वजनिक हित में है।

मार्च 2020 में, रेलवे के कई डिवीजनों ने भीड़ को रोकने के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में वृद्धि की गई थी। बाद में, यह कुछ समय के लिए उदाहरण के लिये सेंट्रल ज़ोन, ईसीआर में इस आदेश को रद्द कर दिया गया था। छठ, दीपावली या मेला आदि जैसे त्योहारों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत अस्थायी रूप से बढ़ जाती है और बाद में यह मूल्य वृद्धि वापस ले ली जाती है।

स्टेशनों पर भीड़ का नियमन और नियंत्रण क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक-डीआरएम की जिम्मेदारी है। विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे कि मेला, रैली आदि के दौरान प्लेटफार्मों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म टिकट बढ़ाने के लिए 2015 से डीआरएम को शक्तियां दी गई हैं। प्लेटफ़ॉर्म टिकट के प्रभार बदलने की शक्ति क्षेत्रीय प्रबंधन की आवश्यकता के कारण डीआरएम को सौंपी गई है।