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Courtesy Photo:Desi Edition |
रेलवे द्वारा सबसे पहले ई-टिकट में परिचय पत्र को अनिवार्य किया गया था। उसके बाद रेलवे ने दिनांक 16.01.2012 को जारी रेलवे बोर्ड के परिपत्र सं0 04/2012 द्वारा 15.02.2012 से सभी वातानुकूलित श्रेणी में सामान्य एवं इंटरनेट से आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को अपने साथ परिचय पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया। इसके लिए रेलवे ने अपने साफ्टवेयर में बदलाव लाया और टिकटों पर पहचान-पत्र संख्या का मुद्रण प्रारंभ किया गया। प्रारंभ में व्यवस्था थी कि एक से अधिक यात्रियों वाले आरक्षित टिकट पर किसी एक यात्री के परिचय पत्र का नंबर दर्ज होगा और उस परिचय पत्र वाले यात्री के यात्रा करने पर ही अन्य यात्रियों का टिकट वैध माना जायेगा। बाद में इस व्यवस्था में बदलाव लाते हुए आरक्षित टिकट पर दो यात्रियों के परिचय पत्र संख्या मुद्रित करने का प्रावधान किया गया ताकि किसी कारणवश यदि एक यात्री अपनी यात्रा रद्द कर देते हैं तो टिकट के दूसरे यात्री के परिचय-पत्र का मिलान एवं जांच करके पूरे दल को यात्रा की अनुमति दी जा सके। उस समय यात्री आरक्षण प्रणाली और इंटरनेट से लिये गये सभी वातानुकूलित वर्ग जिसमें तृतीय वातानुकूलित श्रेणी, द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी, प्रथम वातानुकूलित श्रेणी, एसी चेयर कार और एक्सक्यूटिव क्लास शामिल है में यात्रा करने के लिए रेलवे द्वारा स्वीकृत नौ पहचान पत्रों में से किसी एक पहचान पत्र का यात्री के साथ होना अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन कई लोगों ने इस आधार पर कि रेलवे के आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले करीब 80 फीसदी यात्री स्लीपर क्लास में यात्रा करते हैं, इसलिए सिर्फ वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र को अनिवार्य करने से टिकटों की कालाबाजारी पर रोक नहीं लगेगी। बल्कि स्लीपर क्लास में भी परिचय पत्र की अनिवार्यता आवश्यक है। वस्तुतः रेलवे द्वारा फरवरी में लागू की गई व्यवस्था को पहले कदम के रूप में देखा जाना चाहिए था। क्योंकि भारत जैसे विषाल देष में किसी भी योजना को व्यापक पैमाने पर लागू करने से पहले उसे छोटे स्तर पर लागू करके उसके परिणाम को देख लेना जरूरी होता है। देशवासियों ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता वाली व्यवस्था का तहेदिल से स्वागत किया था। प्रारंभ में इससे कुछ यात्रियों को परेशानी भी हुई थी लेकिन बाद में सभी ने माना कि परिचय पत्र की अनिवार्यता न सिर्फ टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक है अपितु इस व्यवस्था से सुरक्षित रेल यात्रा में भी मदद मिलती है। मीडिया द्वारा भी वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता संबंधी रेलवे के नियमों की प्रशंसा की गई थी।
भारतीय रेल ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र के अनिवार्यता की सफलता के बाद 01 नंवबर 2012 को जारी वाणिज्य परिपत्र सं0 68 द्वारा 01 दिसंबर 2012 के प्रभाव से रेलवे के किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए भारतीय रेल से मान्यता प्राप्त 10 पहचान पत्रों में से किसी 01 पहचान पत्र का यात्रा के दौरान यात्री के पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहचान यात्रा टिकट पर बुक किये गये यात्रियों में से किसी एक के पास अवश्य ही होनी चाहिए । हालांकि तत्काल योजना के तहत टिकट लेने वाले यात्रियों के पास वही पहचान पत्र होनी चाहिए जिसका उल्लेख टिकट खरीदते समय उनके द्वारा किया गया हो और जिसका नंबर टिकट पर अंकित हो । भारतीय रेल ने फिलहाल जिन 10 पहचान पत्रों को मान्यता प्रदान की है, वे इस प्रकार हैं:-
1. निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा जारी मतदाता पहचान-पत्र,
2. आयकर विभाग द्वारा निर्गत पैन कार्ड,
3. पासपोर्ट,
4. आर.टी.ओ. द्वारा निर्गत ड्राइविंग लाइसेंस,
5. भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्गत सीरियल नंबर युक्त फोटो पहचान-पत्र,
6. मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज, जिसका वह छात्र है द्वारा निर्गत फोटो पहचानपत्र,
7. राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा निर्गत फोटो सहित पासबुक,
8. बैंकों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त लेमिनेटेड क्रेडिट कार्ड
9. यूनिक पहचान पत्र ‘आधार’
10. केन्द्र/राज्य सरकार के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, जिला प्रशासन, नगरपालिका संगठन और पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, जिसमें सीरियल नंबर हो ।
रेलवे ने यात्रियो को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र की अनिवार्यता बताने के लिए अपने स्तर पर प्रयास चालू कर दिया है। टिकट चेकिंग कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि इस प्रावधान को पूरी तरह से लागू करें। वस्तुतः यह प्रावधान जनहित में है और सभी को इसे लागू करने में सहयोग करना चाहिए। (PIB) 19-दिसंबर-2012 15:18 IST
*इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।
मीणा/सुमन-299
पूरी सूची.19.12.2012