पुराने गीतों के बोलों का सहारा ले कर शुरू किये नए संदेश
आज 15 अगस्त की तारीख उस बेहद गंभीर किस्म की अदाकारा विद्या सिन्हा की पुन्य तिथि भी है जिसने अनगिनत यादगारी रोल किये। कभी उसी का युग ही हुआ करता था। फिल्म छोटी सी बात आज भी याद आती है। जब बस में सफर करते वक्त अमोल पालेकर बस की सीट खाली होने पर विद्या सिन्हा के साथ बैठना चाहता है लेकिन झट से कोई और युवक उस सीट पर पहुँच जाता है अमोल पालेकर मन मसोस कर रह जाता है। रोमांस, प्रेम और खुशियों के वे छोटे छोटे पल शायद पुरानी पीढ़ी में हम सभी ने देखे होंगें। तब किसी ने न सोचा था कभी कोरोना युग भी आएगा। कोरोना युग ने तो जैसे दुनिया ही बदल दी है। वे सभी बातें अतीत बन गई हैं जब हम सिर्फ सिनेमा हाल में ही नहीं बस और ट्रेन में भी दुसरे के साथ सट कर बैठा करते थे। पार्कों के बैंच और कोने भी अक्सर इसी मकसद के लिए ही इस्तेमाल किये जाते। घर परिवारों में भी पारिवारिक सदस्य अक्सर इसी तरह बैठते। कंधे से कंधा जोड़ कर एक दुसरे के कान में ही कुछ कहना और सुनना एक अलग ही तरह का मज़ेदार माहौल था। धीरे धीरे ट्रेनों में भी यह सब बढ़ने लगा। मैट्रो की सीटों पर बैठना तो एक अलग ही तरह का मज़ा होता। बसों में यही कुछ होने लगा। लेकिन अब कोरोना की मजबूरी भी है और कानून की सख्ती भी।
अब सोशल डिस्टेंस बेहद आवश्यक हो गई है। इसका पालन करना और करवाना सभी का नैतिक कर्तव्य भी बन गया है। ऐसे में Delhi Metro Rail Corporation ने पुराने गीतों का सहारा लेते हुए नए उग के संदेश देने शुर किये हैं। एक बहुत पुराना गीत है-एक मैं और एक तू दोनों मिले इस तरह---उसी के बोलों को याद दिलाते हुए दिल्ली मैट्रो रेल कार्पोरेशन ने सोशल डिस्टेंस कस्न्देश देते हुए अब एक नया स्केच जारी किया है: एक मैं और एक तू-बैठेंगे इस तरह---साथ ही दोनों में फासला भी दिखाया गया है। देखिये आप भी इस कलाकृति को मित्रों तक भी पहुंचाईये इस पोस्ट के लिंक को। इस स्केच को मैट्रो ने जारी किया था 8 जून 2020 को ट्विटर पर भी। --मीडिया लिंक रविंद्र
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