स्वच्छता में और सुधार लाने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार
विेशेष लेख:रेलवे एच.सी.कंवर
स्वच्छता के स्तर को और बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने प्रौद्योगिकी, प्रयोग करने वालों को शिक्षा और यांत्रिक उपकरणों का प्रावधान कर एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है। इसके लिए कई उपाय किये गये है, जिनमें स्वच्छता प्रक्रिया के लिए यांत्रिकी का प्रयोग, कुड़ा-करकट को हटाने के लिए ठेका देना, भुगतान और प्रयोग शौचालय योजना जैसे उपाय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त रेलवे के विभिन्न अधिकारियों द्वारा स्टेशनों पर की जाने वाली सफाई की निगरानी, कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर आवश्यक उपाय करना शामिल हैं। रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए गत चार वर्षो के दौरान स्वास्थ्य मलेरिया निरीक्षक के अतिरिक्त पदों का सृजन किया गया है।
रेल कोचों में सफाई के स्तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। रेलगाडि़यों में साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम पहले उठाये जा चुके हैं।
व्यवसायिक एजेंसियों के जरिये कोचिंग डिपों में कोचों की गहन यंत्रचालित स्वच्छता की जा रही है। उच्च दाब वाले जेट क्लीनर, फर्श रगड़ने वाले उपकरण, निर्वात पम्प से सफाई करने वाले भारी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।
फिलहाल इस कार्य के लिए 115 डिपों की पहचान की गई है और विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के 89 कोच डिपों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है।
राजधानी, शताब्दी, दुरन्तो एवम् अन्य लंबी दूरी की महत्वपूर्ण मेल/एक्सप्रेस रेलगाडि़यों के परिचालन के दौरान कोच शौचालय, दरवाजे, गलियारे और यात्री कक्ष की साफ-सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाऊसकिपिंग योजना(ओबीएचएस) चलाई जा रही है।
ओबीएचएस सेवा प्रदान करने के लिए 535 रेलगाडि़यों की पहचान की गई है। यह योजना 335 जोड़ी यात्री रेलगाडि़यों में चलाई जा रही है।
चिन्ह्ति ‘’क्लीन ट्रेन स्टेशनों’’ पर रूकने वाले चिन्ह्ति ट्रेनों में शौचालयों, गलियारों और दरवाजों की साफ-सफाई, सुनिश्चित करने के लिए क्लीन ट्रेन स्टेशन योजना चलाई जा रही है। रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्न्क्षेत्रीय रेलवे में 30 क्लीन ट्रेन स्टेशनों की पहचान की गई है। इनमें से 28 स्टेशनों में इसे कार्यान्वित किया जा रहा है और ये कार्यान्वयन में हैं।
कपड़ों की साफ-सफाई के लिए यंत्रचालित लांड्री की स्थापना - कपड़ों और बिस्तरों की सफाई की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 54 ठिकानों की पहचान यंत्रचालित लांड्री की स्थापना के लिए की गई है। इनमें से 29 लांड्रियों का प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा, जबकि 21 लांड्रियों का प्रबंधन बाहरी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। 16 जगहों पर यंत्रचालित लांड्री की स्थापना पहले ही की जा चुकी है। अन्य 7 जगहों पर लांड्री की स्थापना के लिए ठेके की प्रक्रिया काफी आगे है और 12 जगहों के लिए निविदा की प्रक्रिया की जा रही है।
रेलगाडि़यों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम – भारतीय रेलवे के 127 चिन्ह्ति कोचिंग डिपों में से 125 कोचिंग डिपों में हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम के लिए पहले ही अनुबंध दिये जा चुके है। हानिकारक कीटों और चूहों की रोकथाम की प्रभाविकता में सुधार लाने के लिए उपायों की लगातार समीक्षा की जा रही है। सबसे बड़ी समस्या कोचिंग डिपो और स्टेशन यार्डो में खड़ी कोचों में हानिकारक कीटों और चूहों का प्रवेश करना है।
रेलगाडि़यों में स्वच्छता के स्तर में सुधार लाने के लिए कमजोर क्षेत्रों की निगरानी को और बढ़ाया जाएगा।
स्टेशनों की साफ-सफाई
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, स्टेशनों पर साफ-सफाई प्रबंधन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि भारतीय रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई का स्तर सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रहा है।
रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाये गये है :-
· अधिक से अधिक यंत्रचालित उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा स्वच्छता के स्तर में सुधार लाने के लिए बेहतर सफाई कर्मचारियों का उपयोग किया जा रहा है। स्क्रबर, उच्च दाब वाले जेट क्लीनर और झाडू जैसे मशीनों की आपूर्ति के लिए ठेके दिये जा रहे है। स्टेशनों पर प्लेटफार्म लाइन पर जेट क्लीनिंग व्यवस्था के साथ धुलने योग्य एप्रॉन भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। (PIB) 05-नवंबर-2012 15:52 IST
मीणा/आनंद/गीता-277
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