Wednesday, December 19, 2012

रेलयात्रा के लिए पहचान-पत्र बना अनिवार्य

विशेष लेख:रेलवे                                                                         - दिलीप कुमार
Courtesy Photo:Desi Edition
भारतीय रेल देष के नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। विशाल नेटवर्क एवं आरामदेह यात्रा समुचित दर पर सुलभ कराने के अपने गुण के कारण रेलवे को लोग देश की जीवन-रेखा भी मानते रहे हैं। यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा लगभग आठ हजार नियमित गाडि़यों के अलावा समय-समय पर विशेष गाडि़यों का परिचालन भी किया जाता रहा है। वस्तुतः रेलवे मुस्कान के साथ यात्रियों की सेवा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है । लेकिन कई बार खास अवसरों पर रेलगाडि़यों में भीड़ काफी बढ़ जाती है। ऐसे अवसरों पर टिकटों की कालाबाजारी की बातें भी सामने आती रहती हैं। रेलवे ने अपनी टिकटिंग प्रणाली को कालाबाजारों और दलालों से मुक्त रखने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। इन प्रयासों में रेल यात्रा के दौरान परिचय-पत्र को अनिवार्य बनाना सबसे विषिष्ट प्रयास रहा है।
       रेलवे द्वारा सबसे पहले ई-टिकट में परिचय पत्र को अनिवार्य किया गया था। उसके बाद रेलवे ने दिनांक 16.01.2012 को जारी रेलवे बोर्ड के परिपत्र सं0 04/2012 द्वारा 15.02.2012 से सभी वातानुकूलित श्रेणी में सामान्य एवं इंटरनेट से आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को अपने साथ परिचय पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया। इसके लिए रेलवे ने अपने साफ्टवेयर में बदलाव लाया और टिकटों पर पहचान-पत्र संख्या का मुद्रण प्रारंभ किया गया। प्रारंभ में व्यवस्था थी कि एक से अधिक यात्रियों वाले आरक्षित टिकट पर किसी एक यात्री के परिचय पत्र का नंबर दर्ज होगा और उस परिचय पत्र वाले यात्री के यात्रा करने पर ही अन्य यात्रियों का टिकट वैध माना जायेगा। बाद में इस व्यवस्था में बदलाव लाते हुए आरक्षित टिकट पर दो यात्रियों के परिचय पत्र संख्या मुद्रित करने का प्रावधान किया गया ताकि किसी कारणवश यदि एक यात्री अपनी यात्रा रद्द कर देते हैं तो टिकट के दूसरे यात्री के परिचय-पत्र का मिलान एवं जांच करके पूरे दल को यात्रा की अनुमति दी जा सके। उस समय यात्री आरक्षण प्रणाली और इंटरनेट से लिये गये सभी वातानुकूलित वर्ग जिसमें तृतीय वातानुकूलित श्रेणी, द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी, प्रथम वातानुकूलित श्रेणी, एसी चेयर कार और एक्सक्यूटिव क्लास शामिल है में यात्रा करने के लिए रेलवे द्वारा स्वीकृत नौ पहचान पत्रों  में से किसी एक पहचान पत्र का यात्री के साथ होना अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन कई लोगों ने इस आधार पर कि रेलवे के आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले करीब 80 फीसदी यात्री स्लीपर क्लास में यात्रा करते हैं, इसलिए सिर्फ वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र को अनिवार्य करने से टिकटों की कालाबाजारी पर रोक नहीं लगेगी। बल्कि स्लीपर क्लास में भी परिचय पत्र की अनिवार्यता आवश्यक है। वस्तुतः रेलवे द्वारा फरवरी में लागू की गई व्यवस्था को पहले कदम के रूप में देखा जाना चाहिए था। क्योंकि भारत जैसे विषाल देष में किसी भी योजना को व्यापक पैमाने पर लागू करने से पहले उसे छोटे स्तर पर लागू करके उसके परिणाम को देख लेना जरूरी होता है। देशवासियों ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता वाली व्यवस्था का तहेदिल से स्वागत किया  था। प्रारंभ में इससे कुछ यात्रियों को परेशानी भी हुई थी लेकिन बाद में सभी ने माना कि परिचय पत्र की अनिवार्यता न सिर्फ टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए आवश्यक है अपितु इस व्यवस्था से सुरक्षित रेल यात्रा में भी मदद मिलती है। मीडिया द्वारा भी वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र की अनिवार्यता संबंधी रेलवे के नियमों की प्रशंसा की गई थी।
       भारतीय रेल ने वातानुकूलित श्रेणी में परिचय पत्र के अनिवार्यता की सफलता के बाद 01 नंवबर 2012 को जारी वाणिज्य परिपत्र सं0 68 द्वारा 01 दिसंबर 2012 के प्रभाव से रेलवे के किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए भारतीय रेल से मान्यता प्राप्त 10 पहचान पत्रों में से किसी 01 पहचान पत्र का यात्रा के दौरान यात्री के पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहचान यात्रा टिकट पर बुक किये गये यात्रियों में से किसी एक के पास अवश्य ही होनी चाहिए । हालांकि तत्काल योजना के तहत टिकट लेने वाले यात्रियों के पास वही पहचान पत्र होनी चाहिए जिसका उल्लेख टिकट खरीदते समय उनके द्वारा किया गया हो और जिसका नंबर टिकट पर अंकित हो । भारतीय रेल ने फिलहाल जिन 10 पहचान पत्रों को मान्यता प्रदान की है, वे इस प्रकार हैं:-
1.    निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा जारी मतदाता पहचान-पत्र,
2.    आयकर विभाग द्वारा निर्गत पैन कार्ड,
3.    पासपोर्ट,
4.    आर.टी.ओ. द्वारा निर्गत ड्राइविंग लाइसेंस,
5.    भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्गत सीरियल नंबर युक्त फोटो पहचान-पत्र,
6.    मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज, जिसका वह छात्र है द्वारा निर्गत फोटो पहचानपत्र,
7.    राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा निर्गत फोटो सहित पासबुक,
8.    बैंकों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त लेमिनेटेड क्रेडिट कार्ड
9.    यूनिक पहचान पत्र ‘आधार’
10.  केन्द्र/राज्य सरकार के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, जिला प्रशासन, नगरपालिका संगठन और पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, जिसमें सीरियल नंबर हो ।
       रेलवे ने यात्रियो को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र की अनिवार्यता बताने के लिए अपने स्तर पर प्रयास चालू कर दिया है। टिकट चेकिंग कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि इस प्रावधान को पूरी तरह से लागू करें। वस्तुतः यह प्रावधान जनहित में है और सभी को इसे लागू करने में सहयोग करना चाहिए। (PIB)   19-दिसंबर-2012 15:18 IST
*इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।
मीणा/सुमन-299
पूरी सूची.19.12.2012


Tuesday, December 18, 2012

रेल परिसरों में स्वच्छता और स्वास्थ्य

प्रभावित करने वाली गतिविधियों पर रोक के लिए बनाये नियम
नियमों का उल्लंघन करने वाले पर 500 रुपये तक का जुर्माना 
रेल मंत्रालय ने रेल परिसरों में स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली गतिविधियों को निषेध करने से संबंधि‍त नियमों की अधिसूचना जारी की है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। भारतीय रेल (रेल परिसरों ने स्वच्छता को प्रभावित करने वाली गतिविधियों के लिए जुर्माने) नियम 2012 को दिनांक 26 नवंबर 2012 की गजट अधिसूचना संख्या जीएसआर 846 (ई) के अनुरूप भारत के विशेष राजपत्र, भाग-2, धारा-3, उप-खंड (1) में अधिसूचित किया गया है। इन अधिसूचित नियमों के अंतर्गत, कोई भी व्यक्ति (1) रेलवे परिसरों के अधिकृत और अनाधिकृत क्षेत्र में किसी प्रकार का कूड़ा या गंदगी नहीं फैंकेगा (2) रेल परिसरों में खाना बनाना, नहाना, थूकना, लघुशंका, पक्षियों और पशुओं को पालना, वाहनों की मरम्मत और धुलाई, बर्तन अथवा कपड़े धोना, किसी भी तरह की वस्तुओं का भंडारण करना किसी खास परिस्थिति में प्रदान की गयी सुविधाओं अथवा प्रयोजनों के अलावा निषेध है (3) रेल परिसर में बिना किसी वैध अधिकार के इसके किसी डिब्बे अथवा स्थान पर पोस्टर चिपकाना, लिखना, अथवा चित्र बनाना (4) रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचना भी निषेध है 
अधिकृत विक्रेता, रेड़ीवाले अपने कूड़े और कचरे के उचित निपटान के लिए कंटेनर अथवा कूड़ेदान की आवश्यक व्यवस्था करेंगे। 

जो कोई भी इन नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करता है अथवा इन प्रावधानों का पालन करने में असफल रहता है उसे 500 रुपये तक के जुर्माने के साथ दंडित किया जाएगा। 

इन नियमों में उल्लि‍खित जुर्मानों को एकत्र करने के लिए अधिकृत अधिकारी इस प्रकार हैः- 

1. स्टेशन मास्टर अथवा स्टेशन प्रबंधक 

2. वाणिज्य विभाग के टिकट कलेक्टर के रैंक के समकक्ष एक अधिकारी अथवा संचालन विभाग के समकक्ष रैंक का एक अधिकारी 

3. इन नियमों को लागू करने के उद्देश्य से रेल प्रशासन द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी 
इन नि‍यमों को केन्‍द्र सरकार ने रेल अधि‍नि‍यम, 1989 (1989 के 24) के खण्‍ड 198 के खण्‍ड 60 के भाग (जी) के उप-खण्‍ड (2) और उप-खण्‍ड (3) द्वारा प्रदत्‍त अधि‍कारों का प्रयोग करते हुए तैयार कि‍या गया है। (PIB) 17-दिसंबर-2012 20:00 IST

वि.कासोटिया/संजीव/मीना —6158

Saturday, December 15, 2012

संसद में सवाल जवाब

2 जोड़ी एसी डबल डेकर सेवाओं की घोषणा की गई 
रेल मंत्रालय में राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेड्डी ने भीड-भाड वाले रेलमार्गों पर डबल डेकर रेलगाडियां चलाने के बारे में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में आज राज्‍य सभा में बताया कि 2012-13 के रेल बजट में निम्‍नलिखित 2 जोड़ी एसी डबल डेकर सेवाओं की घोषणा की गई है:- 1. 22625/22626 चेन्‍नै-बेंगलोर एसी डबल डेकर एक्‍सप्रेस (प्रतिदिन)। 
2. 22183/22184 हबीबगंज-इंदौर एसी डबल डेकर एक्‍सप्रेस (प्रतिदिन)। 
उन्‍होंने यह भी बताया कि डबल डेकर सेवाओं सहित नई गाड़ी सेवाएं शुरू करना एक सतत् प्रक्रिया है बशर्ते कि परिचालनिक व्‍यवहार्यता, यातायात औचित्‍य, संसाधनों की उपलब्‍धता हो। (PIB)  14-दिसंबर-2012 16:57 IST
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वि.कासोटिया/इंद्रपाल/रामकिशन-6111

Sunday, December 2, 2012

डबल स्‍टैक कंटेनर रेलगाडियां

30-नवंबर-2012 20:32 IST
                       Courtesy Photo 
रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने आज राज्‍य सभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि निम्‍नलिखित सेक्‍शनों पर भारतीय रेलें, कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा परिचालित डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़यां चलाती हैं: 1. रेवाड़ी, रींगस, फुलेरा, पालनपुर, गांधीधाम और अधीपुर के रास्‍ते गढ़ी हरसरू (गुडगांव के निकट) और मुंदड़ा पोर्ट के बीच, 
2. रेवाड़ी रींगस, फुलेरा, पालनपुर, वीरमगाम और सुरेंद्रनगर के रास्‍ते गढ़ी हरसरू (गुडगांव के निकट) और पिपावाव पोर्ट के बीच, 
3. फुलेरा, पालनपुर, गांधीधाम और अधीपुर के रास्‍ते कनकपुरा (जयपुर के निकट) और मुंदडा पोर्ट के बीच, 
4. फुलेरा, पालनपुर, वीरमगाम और सुरेंद्रनगर के रास्‍ते कनकपुरा (जयपुर के निकट) और पिपावाव पोर्ट के बीच, 
कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा परिचालित डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़यां गुजरात राज्‍य में स्थित मुंदडा पोर्ट और पिपावाव पोर्ट से राजस्‍थान एवं हरियाणा राज्‍यों में स्थित गंतव्‍य स्‍थलों तक नियमित रूप से चलाई जाती हैं। डबल स्‍टैक परिचालन पर इस समय उन सेक्‍शनों पर प्रतिबंध है, जो डीजल कर्षण पर परिचालित हैं। शिरोपरि उपस्‍करों के साथ वास्‍तविक बाधाओं के कारण मौजूदा विद्युतीकृत क्षेत्र में डबल स्‍टैक कंटेनर गाड़ी का परिचालन संभव नहीं है। बहरहाल, इस अवरोध से निपटने के लिए शिरोपरि उपस्‍कार के डिजाइन में विशेष व्‍यवस्‍था करने की योजना बनाई गई है ताकि विद्युतीकृत पश्चिमी समर्पित माल गलियारे में डबल स्‍टैक कंटेनर गाडि़या चलाना संभव हो सके। 
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वि.कासोटिया\यादराम\रामकिशन-5684

Saturday, December 1, 2012

रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र

पिछले 3 वर्षों में 8 परियोजनाएं पूरी
                                                                                                                                               Courtesy Photo 
रेल राज्‍य मंत्री श्री कोटला जय सूर्य प्रकाश रेड्डी ने आज राज्‍यसभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में बताया कि क्रिस में तैनात तथा कार्यरत कुल स्‍टॉफ/कर्मचारियों की संख्‍या 822 है। क्रिस द्वारा पिछले तीन वर्षों से अब तक 21 परियोजनाएं शुरू की गई थीं। पिछले 3 वर्षों में 8 परियोजनाएं पूरी हो गई थीं तथा फिलहाल 42 परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। 
उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रत्‍येक परियोजना ग्रुप में परियोजना की विशिष्‍ट आवश्‍यकताओं के आधार पर परियोजना प्रबंधक प्रत्‍येक कर्मचारी रखे जाते हैं। प्रत्‍येक परियोजना के लिए अपेक्षित मानव संसाधन की संख्‍या तथा‍ किस्‍म इसके विशिष्‍ट विकास/कार्यान्‍वयन मॉडल तथा उस चरण पर निर्भर करती है जिस पर परियोजना अपने जीवनचक्र में हो। स्‍टॉफ/कर्मचारियों की समग्र संख्‍या प्रत्‍येक परियोजना की आवश्‍यकताओं पर निर्भर करती है। (PIB)    30-नवंबर-2012 17:48 IST

मीणा/बिष्‍ट/सुमन-5668