Tuesday, October 6, 2020

दूसरा रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने की पुरानी प्रणाली बहाल होगी

प्रविष्टि तिथि: 06 OCT 2020 6:28PM by PIB Delhi

*अब लॉकडाउन से पहले की ही तरह रेलगाड़ी प्रस्थान करने के निर्धारित समय से 30 मिनट पहले दूसरा रिजर्वेशन चार्ट जारी किया जाएगा

*दूसरा चार्ट तैयार होने से पहले ऑनलाइन और पीआरएस टिकट काउंटर दोनों पर टिकट बुकिंग करने की सुविधा उपलब्ध होगी

नई दिल्ली: 06 अक्टूबर 2020: (पीआईबी//रेल स्क्रीन):: 

जब कोई जातीय व्यक्ति ट्रेन की  की तरफ पीछे मुड़ कर देख रहा था तो Pexels के 
Omkar Pandhare ने झट से फोटो खींच ली उस दिन 14 फरवरी 2020 की तारीख थी
भारतीय रेलवे ने दिनांक 10.10.2020 से दूसरे रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने की पहले की प्रणाली को बहाल करने का फैसला किया है।

कोविड काल से पहले लागू निर्देशों के अनुसार, ट्रेन प्रस्थान के निर्धारित समय से कम से कम 4 घंटे पहले पहला रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाता था। इसके बाद, दूसरे रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने तक पीआरएस काउंटरों के साथ-साथ इंटरनेट के माध्यम से पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध सीटें बुक की जा सकती है।

रेलगाड़ियों के प्रस्थान के निर्धारित/पुनर्निर्धारित समय से 5 मिनट से 30 मिनट पहले के बीच दूसरा रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाता था। किराया वापसी करने के नियमों के प्रावधानों के अनुसार, इस अवधि के दौरान बुक की गई टिकटों को रद्द करने की भी अनुमति दी गई थी।

महामारी के कारण, ट्रेनों के प्रस्थान के निर्धारित/पुनर्निर्धारित समय से 2 घंटे पहले दूसरे रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने के समय में तबदीली लाने के निर्देश दिए गए थे।

रेल यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जोनल रेलवे के अनुरोध के अनुसार इस मामले पर सोच विचार किया गया और यह निर्णय लिया गया है कि ट्रेन के प्रस्थान के निर्धारित/पुनर्निर्धारित समय से कम से कम 30 मिनट पहले दूसरा रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा।

तदनुसार, दूसरा चार्ट तैयार करने से पहले ऑनलाइन और पीआरएस टिकट काउंटर दोनों पर टिकट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

सीआरआईएस ने सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि इस प्रावधान को दिनांक 10.10.2020 से बहाल किया जा सके।


Thursday, September 10, 2020

दक्षिण भारत की पहली किसान रेल हर तरफ चर्चा में

09-सितम्बर-2020 15:09 IST
 बजट में किसान रेल की घोषणा की गई थी 

नई दिल्ली
: 09 सितंबर 2020: (पीआईबी//रेल मन्त्रालय//रेल स्क्रीन//सोशल मीडिया)::
दक्षिण भारत की पहली “किसान रेल आंध्रप्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्शनगर के लिए रवाना हो गई। कृषि उपज के लिए बेहतर आपूर्ति व्यवस्था के साथ ही अच्छी आमदनी की भी जरुरत होती है, भारतीय किसानों ने यह साबित किया है कि प्राकृतिक आपदाएं और चुनौतियों उन्हें कभी विचलित नहीं कर सकतीं, किसान रेल देश के एक कोने से दूसरे कोने तक कृषि उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करेगी। यह बात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कही। भारतीय रेल किसानों के उत्पादों के विपणन के लिए सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है इसका वायदा श्री सुरेश सी अंगडी, रेल राज्य मंत्री कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी दोहराया। यह सब उस समय हुआ जब अनंतपुर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली किसान रेल को आज वीडियो लिंक के माध्यम से रवाना किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी अंगडी ने की। 
दक्षिण भारत की पहली "किसान रेल" को आज 9 सितंबर, 2020 को आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से नई दिल्ली के आदर्श नगर के लिए रवाना किया गया।
इस अवसर पर कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि यह दक्षिण भारत की पहली किसान रेल है जो किसानों के लाभ के लिए राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ रही है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा का ही फल है कि आज भारतीय रेल ने गाँवों और किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किसान रेल की सेवा शुरू की है। उन्होंने कहा “यह किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है। बजट में किसान रेल की घोषणा की गई थी। कृषि उपज को वितरण के लिए बेहतर अवसंरचना और आय की आवश्यकता होती है। भारतीय किसानों ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी प्राकृतिक आपदा या चुनौती से विचलित होने वाले नहीं हैं। किसान रेल यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उत्पाद देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँचें।”
रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी अंगडी ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्यापक सोच और बजट में की गई घोषणाओं के अनुरुप किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से किसान रेल की शुरुआत की गई है। "देश की जीवन रेखा के रूप में भारतीय रेल किसानों की उपज के विपणन की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है।"उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश राज्य में रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण बड़े पैमाने पर किया गया है और इसका लाभ आंध्र प्रदेश के लोगों को मिलेगा।
अनंतपुर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली किसान रेल को आज श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने वीडियो लिंक के माध्यम से रवाना किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुरेश सी अंगडी ने की।
दक्षिण भारत की पहली किसान रेल:
यह रेल गाड़ी आंध्रप्रदेश के अनंतपुर से चलकर नई दिल्ली के आर्दश नगर तक आएगी
इस रेलगाड़ी में कुल 14 पार्सल डिब्बे हैं जिनमें से चार नागपुर के लिए और दस आदर्श नगर के लिए हैं जिनमें कुल 332 टन सामान लदा है।
इस रेलगाड़ी में टमाटर,केले,नारंगी,पपीता तरबूज और आम की खेप भेजी गई है
यह रेलगाड़ी अनंतपुर और नई दिल्ली के बीच 2150 किलोमीटर का अपना सफर करीब 40 घंटे में पूरा करेगी।
अनंतपुर तेजी के साथ आंध्र प्रदेश में फलों का बड़ा केन्द्र बनकर उभर रहा है। जिले में उत्पादित 58 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों का 80 प्रतिशत से अधिक राज्य से बाहर खासकर उत्तर भारत के दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा में बेचा जाता है। अबतक ये फल और सब्जियां दूसरे राज्यों को भेजने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल होता था जिसमें समय ज्यादा लगने के साथ ही रास्ते में ही कई फल और सब्जियां खराब हो जाती थीं जिससे किसानों को इनकी कम कीमत मिलती थी। रेलवे एक सुरक्षित, विश्वसनीय और तेज परिवहन प्रदान करता है जो किसानों और कारोबारियों के लिए उनके उत्पादों की अच्छी कीमत दिलाने में मददगार होगा।
जिला प्रशासन और राज्य सरकार के अधिकारियों के सहयोग से गुंटकल की रेलवे टीम (विशेष रूप से यहां नव स्थापित व्यापार विकास इकाई) ने रेलवे द्वारा परिवहन के लाभों के के बारे में किसानों / व्यापारियों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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Sunday, August 16, 2020

भारतीय रेलवे ने 6 राज्यों में 5.5 लाख श्रम दिवसों का सृजन किया

प्रविष्टि तिथि: 16 AUG 2020 4:04PM by PIB Delhi
 गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत उठाये जा रहे हैं तेज़ कदम 
*बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अभियान तेज़

*रेल मंत्रालय इन परियोजनाओं में की गई प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाए गए कार्य अवसरों की निगरानी कर रहा है 

*लागू की जा रही इन परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 14 अगस्त, 2020 तक, 1336.84 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया है
*गरीब कल्याण रोज़गार अभियान इन 6 राज्यों के 116 जिलों में लागू किया जा रहा है। 
*इन राज्यों में 2988 करोड़ रुपए लागत की लगभग 165 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 
     भारतीय रेलवे ने 6 राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत 5.5 लाख से अधिक रोजगार दिवसों का सृजन किया है।
     रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल इन परियोजनाओं में हुई प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाए गए कार्य के अवसरों के बारे में नजदीकी निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में 2,988 करोड़ रुपये की लागत की लगभग 165 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निष्पादन किया जा रहा है। 14 अगस्त, 2020 तक, 11296 श्रमिक इस अभियान में शामिल किए गए हैं और लागू की जा रही इन परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 1336.84 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया है।
     रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ इन राज्यों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि राज्य सरकार के साथ नजदीकी समन्वय स्थापित हो सके। रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जोनल स्तर पर रेलवे प्रशासन को निर्देश दिया है कि इन परियोजनाओं में प्रवासियों को काम पर लगाना और तदनुसार भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें।
     रेलवे ने इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की संख्या की पहचान की है ये कार्य (i) लेवल क्रासिंग के लिए पहुंच सड़कों का निर्माण और रखरखाव (ii) सिल्टेड जलमार्ग, खाइयों और नालों का विकास और सफाई (iii) रेलवे स्टेशनों के लिए पहुंच सड़क निर्माण और रखरखाव (iv) मौजूदा रेलवे तटबंधों / कटिंग की मरम्मत और चौड़ीकरण (v) रेलवे की भूमि की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना और (vi) मौजूदा तटबंधों / कटाव / पुलों का संरक्षण से संबंधित हैं।
     उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में अपने क्षेत्रों/गांवों में वापसी को देखते हुए इन लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोज़गार अभियान नामक बड़े रोजगार एवं ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की थी कि गरीब कल्याण अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
     125 दिनों का यह अभियान, मिशन मोड में चलाया जा रहा है और 116 जिलों में 25 श्रेणियों के कार्य / गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के इन जिलों में प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के तहत सार्वजनिक कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।
     यह अभियान ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि जैसे 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच एक समावेशी प्रयास है ताकि 25 सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कार्यों तथा आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी से संबंधित कार्यों को तेजी से लागू किया जा सके।
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दिल्ली मैट्रो भी और अधिक आधुनिक हुई कोरोना युग में

 पुराने गीतों के बोलों का सहारा ले कर शुरू किये नए संदेश 
आज 15 अगस्त  की तारीख उस बेहद गंभीर किस्म की अदाकारा विद्या सिन्हा की पुन्य तिथि भी है जिसने अनगिनत यादगारी रोल किये। कभी उसी का युग ही हुआ करता था।  फिल्म छोटी सी बात आज भी याद आती है। जब बस में सफर करते वक्त अमोल पालेकर बस की सीट खाली होने पर विद्या सिन्हा के साथ बैठना चाहता है लेकिन झट से कोई और युवक उस सीट पर पहुँच जाता है अमोल पालेकर मन मसोस कर रह जाता है। रोमांस, प्रेम और खुशियों के वे छोटे छोटे पल शायद पुरानी पीढ़ी में हम सभी ने देखे होंगें। तब किसी ने न सोचा था कभी कोरोना युग भी आएगा। कोरोना युग ने तो जैसे दुनिया ही बदल दी है। वे सभी बातें अतीत बन गई हैं जब हम सिर्फ सिनेमा हाल में ही नहीं बस और ट्रेन में भी दुसरे के साथ सट कर बैठा करते थे। पार्कों के बैंच और कोने भी अक्सर इसी मकसद के लिए ही इस्तेमाल किये जाते। घर परिवारों में भी पारिवारिक सदस्य अक्सर इसी तरह बैठते। कंधे से कंधा जोड़ कर एक दुसरे के कान में ही कुछ कहना और सुनना एक अलग ही तरह का मज़ेदार माहौल था। धीरे धीरे ट्रेनों में भी यह सब बढ़ने लगा। मैट्रो की सीटों पर बैठना तो एक अलग ही तरह का मज़ा होता। बसों में यही कुछ होने लगा। लेकिन अब कोरोना की मजबूरी भी है और कानून की सख्ती भी। 
अब सोशल डिस्टेंस बेहद आवश्यक हो गई है। इसका पालन करना और करवाना सभी का नैतिक कर्तव्य भी बन गया है। ऐसे में Delhi Metro Rail Corporation ने पुराने गीतों का सहारा लेते हुए नए उग के संदेश देने शुर किये हैं। एक बहुत पुराना गीत है-एक मैं और एक तू दोनों मिले इस तरह---उसी के बोलों को याद दिलाते हुए दिल्ली मैट्रो रेल कार्पोरेशन ने सोशल डिस्टेंस कस्न्देश देते हुए अब एक नया स्केच जारी किया है: एक मैं और एक तू-बैठेंगे इस तरह---साथ ही दोनों में फासला भी दिखाया गया है। देखिये आप भी इस कलाकृति को मित्रों तक भी पहुंचाईये इस पोस्ट के लिंक को। इस स्केच को मैट्रो ने जारी किया था 8 जून 2020 को ट्विटर पर भी। --मीडिया लिंक रविंद्र

Thursday, August 13, 2020

कोरोना के साथ रेलवे की जंग के चलते स्पर्श मुक्त हैंड वाश शुरू

 बैंगलूरु  रेलवे स्टेशन पर हुई शुभ शुरुआत 
नई दिल्ली///लुधियाना: 13 अगस्त 2020:(कार्तिका सिंह//रेल स्क्रीन)::
कोरोना की दहशत हर तरफ छाई हुई है। हर रोज़ अख़बारों के आंकड़े डराने वाले होते हैं। इसके बावजूद कोरोना के साथ लड़ाई जारी है। इस जंग के साथ ही जारी है ज़िंदगी जीने का उत्साह और उसके लिए उठाये जाने वाले कदमों का सिलसिला। रेलवे की तरफ से एक विशेष पहल हुई है दक्षिण भारत में।  
कोविड-19 अर्थात कोरोना का  आतंक जिस तेज़ी से बढ़ता जा रहा है उसे देखते हुए तकरीबन सभी क्षेत्रों में कुछ न कुछ किया जा रहा है। हालांकि इस सब के बावजूद लोग केवल आलोचना ही कर रहे हैं लेकिन हकीकत यही है की लापरवाह और गैर ज़िम्मेदार तत्वों के बावजूद अच्छे और ज़िम्मेदार लोग भी मौजूद हैं जो खुद को खतरों में डाल कर बहुत कुछ कर रहे हैं जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। इसी सिलसिले में दक्षिण-पश्चिम रेलवे में आते बेंगलुरु के रेलवे स्टेशन पर स्पर्श मुक्त हैण्ड वाश का प्रबंध किया गया है। हाथ धोये जायेंगे। हाथ साफ हो जायेंगे लेकिन बिना किसी नल को छूए। तरल साबुन भी सीधा हाथ में आएगा और उसे मलने के बाद धोने के लिए जल भी हाथों पर ह गिरेगा। इसे संचालित करने  बार हर किसी को केवल नीचे दिया गया प्रेशर पॉइंट अपने पांव से थोड़ा सा दबाना होगा और इतने में हाथ साफ़ हो जायेंगे। जल्द ही इस तरह के खूबसूरत बूथ सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर नज़र आएंगे। यह सभी तस्वीरें हम आप को दिखा प् रहे हैं भारतीय रेल मंत्रालय के सौजन्य से।  इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी जारी किया गया है। 

निजी रेल परियोजना आवेदन से संबंधित दूसरा सम्मेलन आयोजित

प्रविष्टि तिथि: 13 AUG 2020 12:45PM by PIB Delhi
निजी-सार्वजनिक भागीदारी पर चलाई जाएंगी ये रेलगाडि़यां
नई दिल्ली: 13 अगस्त 2020: (पीआईबी//रेल स्क्रीन)::
Darshak Pandya (Pexels) ने इस तस्वीर को 14 मार्च 2019 को सुबह 8:25 बजे क्लिक किया था
जिसे हम यहां प्रतीकात्मक तौर पर दे रहे हैं 
निजी रेलगाड़ी परियोजना के लिए आवेदन से संबंधित दूसरा सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को आयोजित किया गया। इसमें बताया गया कि ये रेलगाडि़यां रेलवे द्वारा पहले से चलाई जा रही गाडि़यों के अतिरिक्त होंगी। साथ ही यह दवा भी किआ गए कि निजी रेलगाडि़यों के माध्यम से आधुनिक तकनीक आएगी। इसके साथ ही बहुत सी और आशाएं भी बंधी हैं। कहा गया है कि इन अतिरिक्त निजी गाड़ियों के परिचालन से रोज़गार के अवसर बढ़ने की उम्मीद
यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन में निजी भागीदारी वाली यह परियोजना बड़ा बदलाव लाएगी। इसके जरिए एक ओर जहां यात्री सुविधाओं की गुणवत्‍ता में काफी इजाफा होगा, वहीं आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से समय में बचत और मांग तथा आपूर्ति के बीच के अंतर को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। यह परियोजना जनता के लिए परिवहन सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि करेगी। ये निजी रेलगाडि़यां पहले से ही रेलवे द्वारा चलाई जा रही रेलगाडि़यों के अतिरिक्त होंगी। इन अतिरिक्त निजी गाड़ियों के परिचालन से रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।
परियोजना में शामिल होने के इच्‍छुक निजी भागीदारों का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (आरएफक्यू) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शामिल हैं।
इस निजी रेलगाड़ी परियोजना के लिए आवेदन से संबंधित पहला सम्मेलन 21 जुलाई, 2020 को आयोजित किया गया था।
पहले सम्मेलन के बाद, रेल मंत्रालय ने एक से अधिक परियोजनाओं में भाग लेने की इच्‍छुक आवेदक कंपनियों के लिए आरएफक्‍यू शुल्क में 10 प्रतिशत की कमी कर दी है।, इसके अलावा बोली लगाने वालों के लिए तीन परियोजनाओं तक की बोली लगाने की सीमा भी खत्‍म कर दी है। यह भी स्पष्ट किया है कि रेलगाडि़यों को पट्टे पर देने की अनुमति होगी। रेल मंत्रालय ने सम्‍मेलन में यातायात डेटा, रियायत समझौते, व्यवहार्यता रिपोर्ट और ट्रेन मानकों और विनिर्देशों के मसौदे को भी साझा किया।
बोली प्रक्रिया के तहत रेल मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरे सम्‍मेलन को अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली।  इसमें लगभग 23 इच्‍छुक कंपनियों ने हिस्‍सा लिया। आवेदकों ने पारदर्शी तरीके से परियोजना से जुड़े दस्‍तावेजों को साझा करने के रेल मंत्रालय के फैसले की सराहना की।
सम्मेलन की शुरुआत में आरएफक्‍यू की शर्तों और परियोजना की रूपरेखा पर चर्चा हुई, जिसके बाद संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा इस पर स्पष्टीकरण से  आरएफक्‍यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों को बेहतर तरीके से समझने में सुविधा हुई।
आवेदकों द्वारा पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया गया। आवेदकों को आरएफक्‍यू प्रस्तुत करने के लिए उसमें दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई।
इस सम्‍मेलन पर आवेदकों की ओर से मिली प्रतिक्रिया को 21 अगस्‍त, 2020 तक अपलोड कर दिया जाएगा। आरएफक्‍यू के खुलने की नियत तारीख 8 सितम्‍बर, 2020 है।
परियोजना से जुड़े रियायत समझौते और व्यवहार्यता रिपोर्ट का मसौदा ट्रेन परिचालन ऐप्‍लीकेशन कैप्‍शन के तहत eprocure.gov.in/eprocure पर देखा जा सकता है।
गाड़ियों के विनिर्देश और मानकों की नियमावली का मसौदा rdso.indianrailways.gov.in पर अपलोड किया गया है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। (PIB)
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Friday, April 24, 2020

लॉक डाउन में भी भारतीय रेल तेज़ चली ताकि रसोई चलती रहे

खुद की प्रवाह किये बिना इन योद्धायों ने आपकी चिंता की 
प्रतीकात्मक फाईल फोटो जिसे रेक्टर कथूरिया ने क्लिक किया 
नई दिल्ली//ट्विटर: 24 अप्रैल 2020: (कार्तिका सिंह//रेल स्क्रीन)::
दुनिया में कोरोना का कहर टूटा तो पूरा संसार ही थम सा गया। गली, मोहल्ला और बाज़ार की चहलपहल खत्म हो गई। दूर दराज के शहरों में जाना एक सपना हो गया। दुसरे शहरों में बैठे लोगों का हालचाल पूछने के मकसद से मोबाईल फोनों का सहारा तो लिया गया लेकिन रसोई कैसे चलती? ह एक मुख्य सवाल था। सभी वर्गों के लिए--सभी जगहों पर। वहां रसोई में कुछ सामान होगा तभी उसमें कुछ पकेगा। कच्चा सामान हो या पका हुआ। दूध हो या पानी-आखिर कैसे पहुंचता।  आसपास की दुकानों और स्टोरों में तो यह सारा सामान बहुत ही सीमित मात्रा में होता है। लॉक डाउन की खबर सुनते ही दुकानों पर टूटी भीड़ ने सारे स्टोर और दुकानें खाली कर दिन थी। वहां नया सामान कैसे पहुंचता? इस सब को आप तक पहुंचाने के लिए तेज़ रफ्तार से काम किया भारतीय रेल ने। रसोई के लिए ज़रूरी हर छोटी बड़ी चीज़ एक से दुसरे शहर तक पहुंचाई जाने लगी। इस मकसद के लिए भारतीय रेल के अधिकारीयों और कर्मचारियों ने एक तरह से फ्रंट लाईन पर रह कर काम किया। खुद की परवाह किये बिना आप सभी की परवाह की। आप की  रसोई चलती रहे इस के लिए खुद को भी जोखिम में डालने से पीछे नहीं हटे भारतीय रेल के योद्धा। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आपके घरों की रसोईयों में सामान्य तौर पर खाना पकता रहे, इसके लिए भारतीय रेल ने खाद्यान्न के परिवहन की स्पीड तेज कर दी है। जब भी कोरोना की महामारी के इन दिनों को याद किया जायेगा तब तब भारतीय रेल से जुड़े लोगों का नाम सबसे आगे हो कर लड़ने वाले योद्धाओं में आएगा। इन योद्धायों ने खुद की प्रवाह किये बिना आप की प्रवाह की। आओ इन्हें सलाम करें। 

Tuesday, March 24, 2020

लॉकडाउन/सेवा निलंबन के कारण रेल कर्मचारियों की छंटनी न हो

प्रविष्टि तिथि: 24 MAR 2020 6:13PM by PIB Delhi
रेल मंत्रालय ने जारी किये ज़ोनल रेलवे को आवश्यक निर्देश
नई दिल्ली: 24 मार्च 2020: (पीआईबी//रेल मंत्रालय//रेल स्क्रीन)::
रेलवे के विभिन्न विभागों में काम करते कर्मचारियों के मन में अपने भविष्य को लेकर बहुत सी आशंकाए हैं। सेवाएं निलंबित हैं। लॉक डाऊन की स्थिति है। कहीं हमें नौकरी से न हटा दिया जाये। इस बात की आशंका सभी के मन में हैं। रेलवे मन्त्रालं ने स्पष्ट कर दिया है की ऐसा कुछ नहीं होगा।   रेल मंत्रालय द्वारा विपत्ति को कम करने और ट्रेनों में ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विसेज (ओबीएचएस), स्वच्छता, पेंट्री कार, स्टेशन, कार्यालय और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां जैसी सेवाओं को प्रदान करने में लगे संविदात्मक और आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे कर्मचारियों को सेवाओं के निलंबन/लॉकडाउन की समाप्ति होने तक ‘ड्यूटी पर’ माना जाएगा और इस संबंध में उन्हें तदनुसार या केन्द्र सरकार द्वारा दी गई सलाह के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
यह मैनपावर के आधार पर दिए गए अनुबंधों पर भी लागू है।
एकमुश्त आधार पर दिए गए अनुबंधों के लिए (यानी मैनपावर के आधार पर नहीं), अधिकतम भुगतान जो किया जा सकता है, वह अनुबंध मूल्य के 70% तक सीमित रहेगा।
रेलवे बोर्ड द्वारा जोनल रेलवे को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सेवाओं के निलंबन/लॉकडाउन होने के कारण अनुबंधित कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी न हो।
एम/एके/एसके-(रिलीज़ आईडी: 1607983)

Saturday, March 21, 2020

गोदान एक्सप्रेस में मिले चार कोरोना पाज़िटिव

रेलवे ने दोहराया:नितांत आवश्यक न हो ट्रेनों में यात्रा न करें
नई दिल्ली//सोशल मीडिया: 21 मार्च 2020: (रेल स्क्रीन ब्यूरो)::
भारतीय रेलवे इस बात को लेकर चिंतित है कि कोरोना के मरीज़ घर में बैठने की बजाये रेलों में सफर कर रहे हैं। इनमें कई तो इतने लापरवाह है कि अपनी निशानदेही होने के बावजूद अलग अलग जगहों का भर्मण कर रहे हैं। कोई रेल में तो कोई किसी और वाहन में। रेलों में ऐसे लोगों पर रेलवे स्टाफ की सतर्क निगाह जारी है। 
दुबई से आये चार यात्री पाज़िटिव पाए गए 
रेल मंत्रालय ने टवीट कर के बताया कि 16 मार्च को मुम्बई से जबलपुर जाने वाली गोदान एक्सप्रेस (ट्रेन नं 11055) के  बी 1 कोच में यात्रा करने वाले 4 यात्रियों का कल COVID-19 परीक्षण में पॉजिटिव पाया गया है।
वे पिछले सप्ताह दुबई से भारत आए थे। सभी संबंधित अधिकािरयों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सतर्क कर दिया गया है। इस तरह की घटनाओं से रेल मंत्रालय के साथ साथ सरकार की चिंता भी बढ़ गई है और समाज की भी। 
रेलवे ने यात्रा न करने की अपील दोहराई 
दुखद बात यह है कि इस तरह के मामले थम नहीं रहे हैं। लोग अभी बी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसा जारी रहा तो रेलवे को या तो रेलें बंद करनी पड़ेंगी या फिर यात्रियों पर सख्ती का डंडा चलाना पड़ेगा। 
कोरोना वायरस फैला रहे ऐसे लोगों की चर्चा करते हुए रेल मंत्रालय  टवीट में बताया है कि ऐसे मामले रेलवे में प्रायः देखने को मिल रहे हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि जब तक नितांत आवश्यक न हो ट्रेनों में यात्रा न करें।
खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
राजधानी ट्रेन में भी होम क्वारांटाइन चिह्नित 2 यात्रियों को पकड़ा 
जिन लोगों को जाँच के बाद एकांतवास में भेज दिया जाता है वे लोग भी इस खतरनाक वायरस की गंभीरता को नहीं समझ रहे। गौरतलब है कि ऐसे लोगों को जब एकांतघर में भेजा जाता है उस समय  पर बाकायदा एक विशेष सियाही से एक विशेष निशान लगाया जाता है। यह निशान इसलिए लगाया जाता है तांकि ऐसे लोगों की  आसानी रहे। उल्लेखनीय कि यह आसानी से मिटता भी नहीं। इसके बावजूद लोग लापरवाही से काम ले रहे हैं। खुद भी खतरे में हैं और दूसरों को भी खतरे में डाल। 
 रेल मंत्रालय के एक अन्य टवीट में बतया गया कि होम क्वारांटाइन चिह्नित 2 यात्रियों को आज बेंगलुरु और दिल्ली के बीच राजधानी ट्रेन में यात्रा करते पाया गया। 
उन्हें तुरंत ट्रेन से उतार लिया गया और पूरे कोच को सेनिटाइज कर दिया गया।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सामाजिक दूरी बनाएं रखें।

Friday, March 20, 2020

रेलवे ने 23 रियायती श्रेणियों पर लगाई रोक

प्रविष्टि तिथि: 20 MAR 2020 5:56PM by PIB Delhi
गैरजरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने के लिए कई उपायों का ऐलान
*मरीजों, दिव्यांगजनों और विद्यार्थियों के लिए , अगले परामर्श तक लागू रहेगा आदेश
*यात्रियों और नागरिकों को जागरूक बनाने के लिए संगठित सूचना अभियान का किया आगाज
*कोविड19 से सुरक्षा सुनिश्चित करने को उठाये विशेष कदम 
*कोरोना वायरस के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई छेड़ने के लिए रेलवे की भी पूरी तैयारी 
*रियायत के लिए पात्र श्रेणियों की संशोधित सूची साथ में संलग्न है
नई दिल्ली: 20 मार्च 2020: (पी.आई.बी.//रेल स्क्रीन ब्यूरो)::
भारतीय रेल ने कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों को सभी क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है और गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने, सक्रिय संपर्क और संचार अभियान तथा कम भीड़ वाली ट्रेनों की संख्या में कमी से संबंधित हैं।
ये उपाय भारत सरकार की बार-बार जारी अनावश्यक यात्रा को न्यूनतम करने और सामाजिक एकांतवास के परामर्शों के क्रम में किए गए हैं। कल ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र से वायरस के खिलाफ सावधानियों या बचावों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं लाने का आह्वान किया। राष्ट्र को धीरज रखने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों को घर पर रहने, सामाजिक एकांतवास में रहने और भीड़भाड़ से बचने का अनुरोध किया।
भारतीय रेलवे ने कई रियायती श्रेणियों के लिए अस्थायी रूप से प्रोत्साहन वापस लेकर नागरिकों को गैर जरूरी यात्राओं के लिए हतोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। भारतीय रेलवे ने ऐसे यात्रियों की श्रेणियों में कटौती की है, जो रियायत का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। रियायत के लिए पात्र 55 विभिन्न श्रेणियों में से अब सिर्फ मरीजों, विद्यार्थियों और दिव्यांगजनों की 23 उप श्रेणियां ही अनारक्षित और आरक्षित खंड दोनों के लाभ उठा सकेंगी। यह आदेश 20 मार्च को रात 12 बजे से लागू हो गया है। (सूची साथ में संलग्न है)
नए प्रावधानों के तहत, रियायत पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को वर्तमान नियमों के तहत उन टिकटों पर यात्रा की अनुमति दी जा रही है। इसका मतलब है कि 20 मार्च को रात 12 बजे से पहले खरीदी गई टिकटों (यात्रा के मामले में) पर किसी भी तरह के किराये के अंतर को वसूल नहीं किया जाएगा। इन रियायतों को वापस लिए जाने से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा, जो कोरोना वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं। यह देखने में आया है कि कोविड-19 वायरस के चलते वरिष्ठ नागरिकों में इसके प्रसार का जोखिम और मृत्यु दर सबसे ज्यादा बनी हुई है। कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ ज्वाइंट मिशन की रिपोर्ट संकेत देती है, “60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इस गंभीर बीमारी के शिकार होने और मृत्यु का जोखिम सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ ने 29 फरवरी, 2020 को जारी अपने परामर्श में संक्रामक बीमारियों या खराब सेलत वाले बुजुर्ग यात्रियों और लोगों को प्रभावित क्षेत्रों को अपनी यातात्र टालने या उससे बचने का अनुरोध किया था। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार पहले ही प्रस्तावित उपायों और सामाजिक एकांतवास के कदमों से संबंधित एक परामर्श जारी कर चुका है। इन्हीं में से एक है-गैर जरूरी यात्राओं से बचना चाहिए। बसों, ट्रेन और हवाई जहाजों जैसे सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों से अधिकतम सामाजिक दूरी से नियमित और व्यापक रूप से कीटाणुओं का नाश सुनिश्चित होता है।”
जनता को जागरूक बनाने के लिए रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की पीए प्रणालियों पर नियमित घोषणाओं के माध्यम से देश भर में संवाद और संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं। जनता को बार-बार हाथ धोकर हाथों को स्वच्छ रखने, सामाजिक दूरी बनाने, खांसी और जुकाम के दौरान मुंह को ढकर रखने, अगर किसी को बुखार हो रहा है तो सावधानियां बरतने (यात्रा नहीं करने और तुरंत डॉक्टर को सूचना देने) और रेल परिसरों में नहीं थूकने आदि के बारे में बताया जा रहा है।
यात्रियों से गैर जरूरी यात्राओं से बचने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर कोई यात्रा शुरू कर रहा है तो उसे बुखार नहीं हो। यात्रा के बीच में अगर यात्री को कभी भी लगता है कि उसे बुखार है तो वह इलाज और अन्य सहायता के लिए रेलवे कर्मचारियों से संपर्क कर सकता है। खाली स्लीपर कोचों को सामान्य सिटिंग कोचों में तब्दील करके ज्यादा भीड़भाड़ को हतोत्साहित किया जा रहा है। जमीनी हालात को देखते हुए कई मंडलों के विभिन्न स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ाई गई है।
संबंधित रूटों पर वैकल्पिक ट्रेनों की उपलब्धता के आधार पर ट्रेनों को मिलाकर चलाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रा और ट्रेनों में सीटों की मांग की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और ट्रेन सेवाओं के परिचालन में बदलाव किया जा रहा है। साथ ही वास्तविक जरूरतों के आधार पर ट्रेन सेवाएं चलाई जा रही हैं। ट्रेन रद्द होने की स्थिति में नियमों के तहत यात्रियों को पूरा पैसा लौटाया जा रहा है। हालांकि यात्रियों द्वारा स्वेच्छा से टिकट रद्द कराने पर नियमों के तहत ही कटौती की जा रही है।
भारतीय रेलवे में रियायत के लिए स्वीकृत लोगों की श्रेणियों और रियायत का विवरण (20.03.2020 से लागू)
क्रम संख्या
व्यक्तियों की श्रेणियां
रियायत (प्रतिशत में)*
I
अपंग यात्री (दिव्यांगजन)
1
अस्थियों/निचले अंगों से संबंधित विकलांग, जो सहयोगी के बिना यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से
· दूसरी श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, तीसरी श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75%
· 1एसी और 2 एसी में50%
· राजधानी/शताब्दी ट्रेनों में 3एसी और एसी चेयर कार में 25%
· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%
· एक सहयोगी को भी समान रियायत मिलेगी
2
मानसिक तौर पर मंदबुद्धि लोग जो बिना सहयोगी के यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से
3
दृष्टि क्षीणता से युक्त व्यक्ति जो यात्रा के दौरान अकेले देने में अक्षम हैं या एक सहयोगी के साथ- किसी भी उद्देश्य से
4
पूरी तरह मूक और बधिर (दोनों ही समस्याएं एक ही व्यक्ति में हों) व्यक्ति को अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा के लिए- किसी भी उद्देश्य से
· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 50%
· एमएसटी और क्यूएटी में 50 प्रतिशत
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
II
मरीज
5
कैंसर के मरीजों को इलाज/ आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा करने पर
· दूसरी श्रेणी, प्रथम श्रेणी और  एसी चेयरकार में 75%
· स्लीपर और 3 एसी में 100%
· 1एसी फर 2एसी में 50%
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है (स्लीपर और 3 एसी को छोड़कर, जहां सहयोगी को 75 प्रतिशत रियायत मिलती है)
6
थैलेसेमिया के मरीजों को इलाजआविधिक जांच के लिए अकेले या सहयोगी के साथ यात्रा करने पर
· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3एसी, एसी चेयर कार में 75%
· 1एसी और 2एसी में 50%
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
7
दिल के मरीज दिल की सर्जरी के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों
8
गुर्दे के मरीज गुर्दा प्रत्यारोप ऑपरेशन/डायलिसिस के लिए अकेले या किसी सहायक के साथ यात्रा पर जा रहे हों
9
हीमोफीलिया के मरीज – बीमारी का गंभीर और मध्यम रूप- उपचार या आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों
· द्वितीय, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75 प्रतिशत
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
10
टीबील्यूपस वल्गरिस के मरीज उपचार/आविधिक जांच के लिए अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा कर रहे हों
· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
11
गैर संक्रामक कुष्ठ मरीजो को उपचार/ आविधिक जांच के लिए
· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
12
एड्स के मरीज-नामित एआरटी केंद्रों पर उपचारजांच के लिए
· द्वितीय श्रेणी में 50%
13
ओस्टोमी के मरीज- किसी भी उद्देश्य से यात्रा के लिए
· एमएसटी और क्यूएटी में 50%
· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है
14
लाल रक्त कोशिकाओं की कमी उपचार/ आविधिक जांच के लिए
स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%
15
अविकसित एनीमिया उपचार आविधिक जांच के लिए
स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%
III.
विद्यार्थी
16
अपने घर और शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे छात्र

-सामान्य श्रेणी-

-एससी/ एसटी श्रेणी-

· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%
· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%

· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 75%
· एमएसटी और क्यूएसटी में 75%
-बालिकाओं को स्नातक तक
लड़कों को 12वीं तक
(मदरसे के विद्यार्थियों सहित) घर और स्कूल के बीच
दूसरी श्रेणी के लिए एमएसटी मुफ्त
17
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों – शोध भ्रमण के लिए- एक साल में एक बार
दूसरी श्रेणी में 75%
18
प्रवेश परीक्षा- ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों की बालिकाओं- चिकित्सा, इंजीनियरिंग आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए
दूसरी श्रेणी में 75%
19
यूपीएससी और केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित मुख्य लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को रियायत
द्वितीय श्रेणी में 50%
20
भारत में पढ़ाई कर रहे विदेशी विद्यार्थियों – भारत सरकार द्वारा आयोजित शिविरों/सेमिनारों में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे और छुट्टियों के दौरान ऐतिहासिक और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा के लिए
द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50 प्रतिशत
21
35 साल की उम्र तक के शोध छात्रों को- शोध कार्य से जुड़ी यात्रा के लिए
द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%
22
कार्य शिविरों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों और गैर विद्यार्थियों को
द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 25%
23
नौवहन/ मर्केंटाइल मैरीन के लिए इंजीनियरिंग प्रशिक्षण से गुजर रहे कैडेट और सामुद्रिक इंजीनियर अप्रेंटिस- घर से प्रशिक्षण पोत के बीच यात्रा के लिए
द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%





 सभी रियायतें बुनियादी मेलएक्सप्रेस किरायों पर लागू हैं। 
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(रिलीज़ आईडी: 1607515) एएम/एमपी/डीसी-6367