Saturday, January 25, 2020

RPF/RPSF कार्मिकों को वीरता के लिए पुलिस पदक (PMG)

25th  January 2020  at 3:21PM by PIB Delhi
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (PPM) 
मेधावी सेवाओं के लिए पुलिस पदक (PM) से सम्मानित किया गया
नई दिल्ली: 25 जनवरी 2020: (पीआईबी//रेल स्क्रीन डेस्क)::
माननीय राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस 2020 के अवसर पर निम्नलिखित रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) को कार्मिकों को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी), उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम) और मेधावी सेवाओं के लिए पुलिस पदक (पीएम) से सम्मानित किया है।
वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी):
स्वर्गीय श्री जगबीर सिंह राणा, कांस्टेबल/ उत्तर रेलवे (मरणोपरांत)
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम)
श्री अम्बिका नाथ मिश्रा, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त/ पूर्व रेलवे,
श्री भरत सिंह मीणा, कमांडेंट, 8 बीएन/ आरपीएसएफ।
 मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएम)
श्री युगल किशोर जोशी, डीआईजी/ आरपीएफ,
श्री अनिल कुमार शर्मा, सहायक कमांडेंट/ आरपीएसएफ,
श्री पी. पी. जॉय, सहायक सुरक्षा आयुक्त/ कोंकण रेलवे,
श्री दीप चंद्र आर्य, सहायक सुरक्षा आयुक्त/ उत्तर रेलवे,
श्री टी. चंद्रशेखर रेड्डी, निरीक्षक/ दक्षिण मध्य रेलवे,
श्री के. चक्रवर्ती, निरीक्षक/ दक्षिण मध्य रेलवे,
श्री सतीश इंगल, हेड कांस्टेबल/ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे,
श्री देव कुमार गोंड, उप-निरीक्षक/ कोंकण रेलवे,
श्री जी.एस. विजयकुमार, उप-निरीक्षक/ मध्य रेलवे,
श्री डी. बालासुब्रह्मण्यम, उप-निरीक्षक/ प्रशिक्षण केंद्र, मौला अली,
श्री महफजुल हक, इंस्पेक्टर/ 4 बीएन आरपीएसएफ,
श्री दर्शन लाल, उप-निरीक्षक/ 6 बीएन आरपीएसएफ,
श्री नेमी चंद सैनी, सहायक उप-निरीक्षक/ उत्तर पश्चिम रेलवे,
श्री आलोक कुमार चटर्जी, सहायक उप-निरीक्षक/ पूर्वी रेलवे,
श्री अशोक कुमार यादव, इंस्पेक्टर/ पश्चिम रेलवे
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एसकेजे/एनके-5471

Friday, January 3, 2020

भारतीय रेलवे गंभीर है आपदा कार्रवाई में सुधार लाने के लिए

Thursday 02nd January 2020 4:03PM by PIB Delhi
आपदा राहत के लिए 6000 से अधिक प्रशिक्षित ब्रेकडाउन स्टाफ
नई दिल्ली: 2 जनवरी 2020: (रेल मंत्रालय//पीआईबी//रेल स्क्रीन)::
भारतीय रेलवे आपदा जैसी स्थितियों से निपटने के मामले में लगातार गंभीर हो रहा है।   में लगातार बड़े कदम उठाये जा रहे हैं।  चिकित्सा वैन, ब्रेकडाऊन स्टाफ, और बड़ी क्रेनों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। 
इस समय भारतीय रेलवे रेलवे की आपदा स्वचालित दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन; बहाली के दौरान क्षमता में सुधार लाने के लिए 175 टन वाली क्रेनों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह 176 एआरटी, 86 एआरएमवी और 90 ब्रेक डाउन क्रेन उपलब्ध हैं। 
भारतीय रेलवे धीरे-धीरे दुर्घटना के दौरान कार्रवाई में सुधार लाने के लिए लोकोमोटिव चालित दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन (एआरएमवी) को धीरे-धीरे हटाकर उनकी जगह स्व-चालित दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन (एसपीआरएमवी) ला रही है। 160 किमी प्रति घंटे की उच्च गति स्वचालित दुर्घटना राहत ट्रेनों (एचएस-एसपीएआरटी) की विशिष्टता को अंतिम रूप दे दिया गया है और अब मौजूदा 110 किलोमीटर प्रति घंटे गति वाली एसपीएआरटी के साथ इन्हें खरीदने की योजना है। इसके अलावा, मौजूदा बहाली क्षमता में सुधार लाने के लिए, 175 टन वाली क्रेनों की खरीदारी की जा रही है, जो भारतीय रेलवे के पास उपलब्ध मौजूदा 140 टन वाली क्रेनों का उन्नयन है। आपदा के दौरान कार्रवाई में तेजी लाने के लिए दुर्घटना के बाद मूल्यवान एक घंटे के समय की अवधारणा को मान्यता दी गई है।
आपदा प्रबंधन पर मुख्य केंद्रित क्षेत्र इस प्रकार हैं: -
तेज़ कार्रवाई
बेहतर सुविधाएं और उपकरण
बड़ी दुर्घटनाओं में जरुरतों को पूरा करने के लिए संसाधनों का विस्तार करना
केंद्र और राज्य सरकारों की अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल
प्रशिक्षण और तैयारी
भारतीय रेलवे के पास दुर्घटनाओं के प्रबंधन के लिए अपने संसाधनों वाली संगठित राहत प्रणाली है। इसमें 6000 से अधिक प्रशिक्षित ब्रेकडाउन स्टाफ है और 176 एआरटी, 86 मेडिकल वैन (एआरएमवी) उपलब्ध हैं जो यात्री डिब्बों का उपयोग करके बनाई गई हैं। सभी दुर्घटना राहत गाड़ियों और दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन के पूर्व निर्धारित बीट, निरीक्षण कार्यक्रम और कार्रवाई समय है। इसके अलावा विभिन्न क्षमताओं वाली 90 ब्रेक डाउन क्रेन उपलब्ध हैं।
दुर्घटना राहत गाड़ियों और दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरणों के सभी उपकरणों को उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर मानकीकृत किया गया है। बचाव, राहत और बहाली के लिए आयात की जा रही कुछ वस्तुएँ इस प्रकार हैं:
चिकित्सा उपकरण जैसे ऑगमेंटेड फ़र्स्ट एड बॉक्स, बॉडी बैग, फोल्डेबल चेयर, पोर्टेबल फायर एक्सटिंग्यूशर, ऑपरेशन थिएटर उपकरण आदि।
हाइड्रोलिक री-रेलिंग उपकरण (एचआरई)
लिफ्टिंग के लिए आपातकालीन न्यूमैटिक एयर बैग
जनरेटर और बिजली के उपकरण
हाइड्रोलिक बचाव उपकरण (एचआरडी)
अग्निशमन यंत्र
घर्षण काटने के उपकरण
सिग्नलिंग और संचार उपकरण
भारतीय रेलवे, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ समय-समय पर मॉक ड्रिल करती है ताकि आपदा के दौरान प्रशिक्षण और तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
अब देखना होगा कि आम लोग भी यात्रा के दौरान भारतीय रेलवे की इस गंभीरता को सचमुच महसूस कर सकें। 
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Thursday, January 2, 2020

भारतीय रेलवे ने एकीकृत हेल्‍पलाइन नम्‍बर ‘139’ की घोषणा की

Thursday: 02 JAN 2020 5:41PM by PIB Delhi
किसी भी तरह की मदद, पूछताछ और शिकायत के लिए विशेष सुविधा
नई दिल्ली: 2 जनवरी 2020: (रेल मंत्रालय//पीआईबी//रेल स्क्रीन)::
रेल से सफर के दौरान पूछताछ एवं शिकायत निवारण के लिए कई हेल्‍पलाइन नम्‍बर रहने के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा को समाप्‍त करने के लिए भारतीय रेलवे ने एक अभिनव पहल की है। भारतीय रेलवे ने इसके तहत समस्‍त हेल्‍पलाइन नम्‍बरों को एकीकृत कर केवल एक हेल्‍पलाइन नम्‍बर ‘139’ में तब्‍दील कर दिया है, ताकि सफर के दौरान यात्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों का त्‍वरित निवारण संभव हो सके। सभी मौजूदा हेल्‍पलाइन नम्‍बरों (182 को छोड़कर) के स्‍थान पर अब केवल एक ही नया हेल्‍पलाइन नम्‍बर ‘139’ रहने से यात्रियों के लिए इस नम्‍बर को याद रखना और सफर के दौरान अपनी सभी जरूरतों की पूर्ति के लिए रेलवे से संपर्क साधना या कनेक्‍ट करना काफी आसान हो जाएगा।

निम्‍नलिखित रेल शिकायत निवारण हेल्‍पलाइन नम्‍बरों को अब समाप्‍त किया जा रहा है :
इस तरह काम करेगा यह विशेष नंबर:
138 (सामान्‍य शिकायतों के लिए)
1072 (हादसों एवं सुरक्षा के लिए)
9717630982 (एसएमएस संबंधी शिकायतों के लिए)
58888 / 138 (अपने कोच को स्‍वच्‍छ रखने के लिए)
152210 (सतर्कता के लिए)
1800111321 (केटरिंग सेवाओं के लिए)
हेल्‍पलाइन नम्‍बर ‘139’ बारह भाषाओं में उपलब्‍ध रहेगा। यह आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्‍पॉन्‍स सिस्‍टम) पर आधारित है। हेल्‍पलाइन नम्‍बर ‘139’ पर कॉल करने के लिए किसी स्‍मार्ट फोन की जरूरत नहीं है। अत: ऐसे में सभी मोबाइल यूजर के लिए इस नम्‍बर तक आसान पहुंच रहेगी।

‘139’ हेल्‍पलाइन (आईवीआरएस) से संबंधित विवरण कुछ इस प्रकार से है :

सुरक्षा एवं चिकित्‍सा सहायता के लिए यात्री को ‘1’ नम्‍बर को दबाना होगा, जो कॉल सेंटर में कार्यरत कर्मचारी से उसे तत्‍काल कनेक्‍ट कर देगा।
पूछताछ के लिए यात्री को ‘2’ नम्‍बर को दबाना होगा। इसके अंतर्गत ही पीएनआर स्‍टैटस, ट्रेन के आगमन/प्रस्‍थान, एकोमोडेशन, किराया संबंधी पूछताछ, टिकट बुकिंग, प्रणाली के तहत टिकट निरस्‍त करने, वेकअप अलार्म सुविधा/प्रस्‍थान संबंधी अलर्ट, व्‍हील चेयर की बुकिंग और भोजन की बुकिंग के बारे में भी आवश्‍यक जानकारियां प्राप्‍त की जा सकती हैं।  
केटरिंग संबंधी शिकायतों के लिए यात्री को ‘3’ नम्‍बर को दबाना होगा।
सामान्‍य शिकायतों के लिए यात्री को ‘4’ नम्‍बर को दबाना होगा।
सतर्कता संबंधी शिकायतों के लिए यात्री को ‘5’ नम्‍बर को दबाना होगा।
हादसे के दौरान पूछताछ करने के लिए यात्री को ‘6’ नम्‍बर को दबाना होगा।
शिकायतों की ताजा स्थिति से अवगत होने के लिए यात्री को ‘9’ नम्‍बर को दबाना होगा।
कॉल सेंटर में कार्यरत कर्मचारी से बात करने के लिए यात्री को ‘*’ को दबाना होगा।
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Wednesday, January 1, 2020

भारतीय रेलवे ने यात्री किराये को तर्कसंगत बनाया

Wednesday:01st  January 2020 at 1:36 PM by PIB Delhi
आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देने का उपाय
नई दिल्ली: 1 जनवरी 2020: (रेल मंत्रालय//पीआईबी//रेल स्क्रीन)::

भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण और रेलगाड़ियों और स्टेशनों पर बेहतर सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के प्रावधान के माध्यम से यात्रियों के अनुभव को अच्‍छा बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। रेलवे ने अंतिम किराया संशोधन 2014-15 में किया था।  रेलवे स्टेशनों और रेलगाडि़यों में यात्री सुविधाओं का विस्तार करने के लिए किसी भी श्रेणी के यात्रियों पर भार डाले बिना किराये में मामूली बढ़ोतरी करना बहुत जरूरी हो गया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे पर 7वें वेतन आयोग का बोझ भी बढ़ा है। इस कारण किरायों को तर्कसंगत बनाना आवश्‍यक हो गया है। किराया संशोधन से भारतीय रेलवे के तेजी से होने वाले आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।

      तदनुसार, रेलवे ने किराए में मामूली वृद्धि करने का निर्णय लिया है। दैनिक यात्रियों की सामर्थ्यता को देखते हुए उपशहरी वर्ग यात्रियों और सीज़न टिकट धारकों के किराए में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। इस वर्ग का भारतीय रेलवे के यात्री खंड में 66% हिस्सा है। यहां तक ​​कि साधारण गैर एसी श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों के किराए में 1 पैसा/यात्री किलोमीटर की मामूली वृद्धि होगी। किराए में वृद्धि 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद खरीदे गए टिकटों में होगी। 1 जनवरी 2020 से पहले बुक किए टिकटों के लिए यात्रियों से कोई अतिरिक्त किराया (किराए का अंतर) नहीं लिया जाएगा। किराया संशोधन इस प्रकार है:
साधारण गैर-एसी श्रेणियां (गैर-उपनगरीय): किराए में 01 पैसा/यात्री किलोमीटर की वृद्धि
मेल/एक्‍सप्रेस गैर-एसी श्रेणियां : किराए में 02 पैसा/यात्री किलोमीटर की वृद्धि
एसी श्रेणियां - किराए में 04 पैसा/यात्री किलोमीटर की वृद्धि
उपनगरीय किराया और सीजन टिकट: कोई वृद्धि नहीं
      राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, तेजस, हमसफर, महामना, गतिमान, अंत्योदय, गरीब रथ, जन शताब्दी, राज्य रानी, ​​युवा एक्सप्रेस, सुविधा और विशेष प्रभारों पर विशेष रेलगाडि़यों,  एसी मेमू (गैर-उपनगरीय) एसी डेमू (गैर-उपनगरीय) आदि रेल सेवाओं के मौजूदा किरायों में उपरोक्त प्रस्तावित वृद्धि की सीमा तक ही संशोधन किया जाएगा।
      आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट अधिभार आदि के प्रभारों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस तरह के प्रभार जहां लागू हैं वे अतिरिक्त रूप से लगाए जाएंगे। समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार जीएसटी लगाया जाएगा।
      भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए सुविधाओं के उन्नयन, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण तथा रेलगाडि़यों में और रेलगाडि़यों से बाहर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के अतिरिक्‍त प्रयास कर रही है। यात्री किराए को तर्कसंगत बनाने से इस दिशा में भारतीय रेलवे के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

विनोद कुमार यादव ने एक वर्ष के लिए पदभार संभाला

प्रविष्टि तिथि: 01 JAN 2020 1:39PM by PIB Delhi
 पुनर्नियुक्ति के तौर पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की ज़िम्मेदारी निभाएंगे  
नई दिल्ली: 1 जनवरी 2020: (रेल स्क्रीन ब्यूरो)::
भारतीय रेल विद्युत अभियांत्रिकी सेवा (आईआरएसईई, 1980 बैच) के श्री विनोद कुमार यादव ने आज (1 जनवरी, 2020) रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के रूप में पदभार संभाला। उनकी यह पुनर्नियुक्ति भारत सरकार के पदेन मुख्य सचिव के पद के समान स्तर पर की गई है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने श्री विनोद कुमार यादव के रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के रूप में एक वर्ष के लिए (1 जनवरी, 2020 से प्रभावी) पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
इसके पहले 1 जनवरी, 2019 को श्री विनोद कुमार यादव को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन तथा भारत सरकार के पदेन मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके पूर्व श्री यादव दक्षिण-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के पद पर थे।
उनकी शैक्षणिक योग्याताओं में शामिल हैं-ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया से एमबीए (तकनीकी प्रबंधन), इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक (विद्युत अभियांत्रिकी) आदि। उन्हें परियोजना प्रबंधन, सामान्य प्रबंधन, औद्योगिक नीति निर्माण, विदेश सहयोग और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, क्षेत्र आधारित अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी कार्यक्रमों का प्रबंधन तथा विश्व बैंक एवं जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से कोष प्रबंधन आदि का व्यापक अनुभव है।
अपने कार्यकाल के दौरान श्री विनोद कुमार यादव भारतीय रेल में और प्रतिनियुक्ति पर अन्य संगठनों में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यकारी एवं प्रबंधन के पदों पर रहे हैं। श्री यादव उत्तर रेल में मुख्य विद्युत इंजीनियर, नीति-निर्माण/कर्षण वितरण; उत्तर-पूर्वी रेल के लखनऊ मंडल में मंडल रेल प्रबंधक; और उत्तरी रेलवे के दिल्ली मंडल में अवर मंडल रेल प्रबंधक (संचालन) के पदों पर रहे हैं।
श्री विनोद कुमार यादव कई प्रमुख पदों पर रहे, जैसे-कार्यकारी निदेशक, रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाएं, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), नई दिल्ली; समूह महाप्रबंधक (विद्युत), डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड; परियोजना निदेशक, इंटरनेशनल सेंटर फॉर एडवांसमेंट ऑफ मैन्युफ्रेक्चरिंग टेक्नोलॉजी, यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (यूएनआईडीओ)। वे भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के निदेशक भी रहे हैं।
श्री यादव तुर्की में आईआरसीओएन के उप-प्रबंधक (विद्युत) के पद पर भी रहे। वहां उन्होंने तुर्की के रेल विद्युतीकरण परियोजना के लिए नीति-निर्माण, कार्यान्वयन और परियोजना को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री विनोद कुमार यादव को पहले ‘बेस्ट ट्रांसफॉरमेशन इनीसिएटिव’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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