Thursday, May 19, 2016

भारतीय रेल नेटवर्क का नई दिल्ली-चंडीगढ़ गलियारा


18-मई-2016 19:11 IST
एसएनसीएफ द्वारा संभावना/कार्यान्वयन अध्ययन जारी 
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 2014-15 के अपने रेल बजट भाषण में घोषणा की थी कि दिल्ली-चंडीगढ़ गलियारे को सवारी गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाकर 160/200 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए उन्नत बनाया जाएगा। रेल मंत्रालय ने फ्रेंच नेशनल रेलवे (एसएनसीएफ) के साथ रेल के विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग के लिए 14/02/2013 को करार पर हस्ताक्षर किया। सहमति ज्ञापन में दिए गए सहयोग के क्षेत्रों में एक क्षेत्र भारतीय रेल की वर्तमान अवसंरचना पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए अनुभवों तथा टेक्नोलॉजी और तौर-तरीकों का आदान-प्रदान करना है। सहयोग के विषयों तथा विशेष परियोजनाओं पर बातचीत के लिए सीआरबी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल मई, 2014 में एसएनसीएफ (फ्रांस) गया था। विचार-विमर्श के दौरान दिल्ली-चंडीगढ़ गलियारे पर रफ्तार बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बाद में अप्रैल, 2015 में माननीय प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के दौरान रेल मंत्रालय की स्वीकृति के साथ दिल्ली-चंडीगढ़ सेक्शन पर सेमी हाईस्पीड रेल में सहयोग पर एसएनसीएफ के साथ प्रोटोकॉल हुआ। दिसंबर, 2015 में रेल मंत्रालय और एसएनसीएफ के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया और इसके माध्यम से 50:50 प्रतिशत लागत वहन आधार पर सवारी गाड़ियों की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे करने की संभावना और क्रियान्वयन पर अध्ययन करने का काम एसएनसीएफ को सौंपा गया। इस अध्ययन की कुल लागत 19,69,02,721 रुपये (कर के बिना) है और इसके पूरा होने की कुल अवधि एक साल है। अध्ययन का कार्य 19 जनवरी, 2016 को शुरू हुआ। अध्ययन को तीन चरणों में बांटा गया है और प्रत्येक चरणों में कवर किए जाने वाले क्षेत्रों का ब्यौरा निम्नलिखित हैं। 

चरण-1 (प्रारंभ होने की तिथि से चार महीने में)- फिल्ड विजिट, सर्वे, संभावित तकनीकी सॉल्युशनों की समीक्षा तथा उन्नयन के तीन उच्च स्तरीय मानक विकसित करना। 

चरण-2 (चरण-1 के पूरा होने की तिथि से दो महीने में)- संचालन, आर्थिक प्रभाव/इसमें स्थितियों का मूल्यांकन, परिवहन तथा संचालन योजनाओं पर प्रभाव, भारतीय रेल के लिए आर्थिक/वित्तीय प्रभाव और भारतीय रेल के साथ प्राथमिकता वाले परिदृश्य का चयन। 

चरण-3 (चरण-2 की समाप्ति के बाद छह महीने में)- क्रियान्वयन योजना तथा टेंडरों का क्रियान्वयन। इसमें संदर्भ डिजाइन, मात्राओं के बिल, चुनिंदा आधार पर भारतीय रेल द्वारा व्यापक एचएसएस उन्नयन कार्यक्रम के लिए सिफारिश शामिल है। 

अभी पहले चरण का काम चल रहा है। पहले चरण के चार महीनों को चार भागों यानी एक-एक महीने की अवधि में बांटा गया है और प्रत्येक महीने एसएनसीएफ तथा उत्तर रेल के संबद्ध अधिकारियों की बैठक होती है। इसे परियोजना समीक्षा का नाम दिया गया है। आज यानी 18 मई, 2016 को हुई बैठक में तीसरी परियोजना की समीक्षा की गई। (PIB)
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