Wednesday, January 9, 2013

रेल मंत्री ने रेल यात्री किरायों में बढ़ोतरी की घोषणा की

09-जनवरी-2013 19:37 IST
   रेल मंत्रालय ने 21 जनवरी, 2013 को आधी रात से यात्री किरायों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने आज यहां एक संवाददाता सम्‍मेलन में इस फैसले की घोषणा की।श्रेणीवार किरायों में बढ़ोतरी इस प्र‍कार की गई है – 
क्र.सं.
यात्रा की श्रेणी
किराये में प्रस्‍तावित प्रति कि.मी. बढ़ोतरी
i.
द्वितीय श्रेणी सामान्‍य

(उपनगर)
2 पैसा
ii.
द्वितीय श्रेणी सामान्‍य
(गैर-उपनगर)
पैसा
iii.
द्वितीय श्रेणी
(मेल/एक्‍सप्रेस)
पैसा
iv.
स्‍लीपर क्‍लास
पैसा
v.
एसी चेयर कार
10 पैसा
vi.
एसी 3-टियर
10 पैसा
vii
प्रथम श्रेणी
03 पैसा*
viii.
एसी2-टियर
06 पैसा*
ix.
एसी प्रथम श्रेणी
10 पैसा*



























*प्रथम श्रेणी के मामले में 10 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी, एसी 2-टियर में 15 पैसे 
प्रति कि.मी. और एसी प्रथम/एक्‍जीक्‍यूटिव क्‍लास में 30 पैसे प्रति कि.मी. की 
बढ़ोतरी 01.04.2012 से लागू की जा चुकी है।
यह फैसला किया गया कि यात्री टिकटों पर विकास शुल्‍क को समाप्‍त किया जाए और सभी 
किराये पांच रूपये के गुणज में हो।किराये में बढ़ोतरी को तर्कसंगत बताते हुए रेल मंत्री ने कहा 
कि मूल किरायों में पिछले 10 
वर्षों से संशोधन नहीं किया गया था। (केवल 01.04.2012 से लागू प्रथम श्रेणी में 10 पैसे 
प्रति किलोमीटर, एसी 2-टियर में 15 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी प्रथम/एक्‍जीक्‍यूटिव 
क्‍लास में 30 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी को छोड़कर) उन्‍होंने कहा कि यात्री खंड में 
नुकसान 2004-05 में 6159 करोड़ रूपये था, जो 2010-11 में बढ़कर 19964 करोड़ रूपये 
(18 प्रतिशत प्रति वर्ष) हो गया। इसके 2012-13 में 25000 करोड़ रूपये तक बढ़ जाने 
की उम्‍मीद है।

     श्री बंसल ने बताया कि 2004-05 और 2010-11 के बीच रेलवे के निवेश में 10.6 %
प्रतिशत वर्ष की दर से बढ़ोतरी हुई, ज‍बकि किराये स्थिर रहे या निचली श्रेणियों के लिए कम 
किये गए, जिससे घाटा बढ़ता गया। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि अन्‍य तरीकों से तेजी से 
प्रतिस्‍पर्धा को देखते हुए माल भाड़े से क्रॉस सब्सिडी व्‍यावहारिक नहीं है। 2012-13 के रेल 
बजट का जिक्र करते हुए श्री बंसल ने कहा कि किरायों में वृद्धि का प्रस्‍ताव संसद में रेल बजट में 
रखा गया था और अंत में केवल प्रथम, द्वितीय एसी और प्रथम एसी और एक्‍जीक्‍यूटिव क्‍लास 
के किरायों में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई, जो कुल यात्रियों का केवल 0.3 प्रतिशत और यात्रियों 
से होने वाली कुल आमदनी का करीब 10 प्रतिशत है। रेल मंत्री ने कहा कि इसके 
परिणामस्‍वरूप आंतरिक संसाधनों पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे वार्षिक योजना का आकार 
कम होकर 2012-13 में 51000 करोड़ रूपये हो गया, जबकि लक्ष्‍य 61000 करोड़ रूपये का 
था। इसी तरह कोष संतुलन 2011-12 में नकारात्‍मक रहा। 
जिससे आवश्‍यक परिवर्तन/परिसंपत्तियों का नवीनीकरण, संचालन और रख-रखाव तथा 
सुर‍क्षा और यात्री सुविधाओं के कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ा। रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि 
इन बातों को देखते हुए यात्री किराया बढ़ाना जरूरी हो गया था। (PIB)
वि.कासोटिया/कविता/तारा – 112
  

No comments:

Post a Comment